Jharkhand Me Paryavaran Sanrakshan
➧ झारखंड में पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु लिए गए महत्वपूर्ण कार्य
➧ PMIS : प्लांटेशन मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम
➧ NMIS :नर्सरी मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम
➧ वन और इसके आसपास रहने वाले लोगों को वृक्षारोपण से जोड़ने के लिए वन पट्टा का नियम सरल बनाया जा रहा है।
➧ वन विभाग में वन-पट्टा प्राप्त करने वालों का नाम रजिस्टर-2 में दर्ज करने का आदेश दिया है। इसमें पट्टा पाने वाले की पूरी विवरण दर्ज रहेगा।
➧ ऐसे भूमि का दाखिल खारिज नहीं होगा, क्योंकि वनभूमि का लगान तय करने का अधिकार सरकार के पास है।
➧ जंगलों के विस्तार एवं वृक्षारोपण को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को इलाके में भ्रमण कर रिपोर्ट देने के लिए तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है।
➧ इसी का काम के लिए (PMIS)प्लांटेशन मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम और (NMIS) नर्सरी मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम एप्लीकेशन उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जन-वन योजना-2015
➧ इस योजना के तहत निजी भूमि पर वृक्षारोपण प्रोत्साहन की एक महत्वकांक्षी योजना है।
➧ इस योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ काष्ठ प्रजाति के 445 पौधों तथा फलदार प्रजाति के 160 पौधों का रोपण किया जा सकेगा।
➧ मेड़ पर काष्ठ प्रजाति के 445 पौधे लगाने पर इसे 1 एकड़ के समतुल्य समझा जाएगा।
➧ लाभुक के लिए वृक्षारोपण की न्यूनतम सीमा 1 एकड़ और अधिकतम सीमा 50 एकड़ होगी।
➧ प्रोत्साहन स्वरूप वृक्षारोपण एवं उसके रख-रखाव पर हुए व्यय के 75% अंक की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी।
झारखंड इको-टूरिज्म नीति-2015
➧ स्थान जिला
पारसनाथ : गिरिडीह
कैनहरी हिल : हजारीबाग
फॉसिल पार्क : साहिबगंज
त्रिकूट पर्वत : देवघर
पलामू व्याघ्र परियोजना : लातेहार
तिलैया डैम : कोडरमा
नेतरहाट : लातेहार
दलमा गज अभयारण्य : जमशेदपुर
मूलभूत संरचनाएं
(i) राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु स्थानीय गांवों में लोगों को 'नेचर गाइड' के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आय में भी वृद्धि की जा सके।
(ii) सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था और पर्यटकों के ठहरने हेतु आवासीय सुविधाएं और मनोरंजन हेतु साधन विकसित करना।
(iii) वन पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करना।
डोभा निर्माण
➧ राज्य सरकार ने सूखे की समस्या से निपटने हेतु 2016 में मनरेगा के तहत डोभा निर्माण कार्य प्रारंभ किया है, जिसमें वर्षा जल को संचित किया जा सके।
➧ पुरे राज्य में 6 लाख डोभा निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है।
➧ 2016-17 में डोभा निर्माण हेतु 200 करोड़ रूपये प्रस्तावित था।
➧ पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए जल प्रोतों को प्राकृतिक स्वरुप में बनाए रखना-मुख्य उद्देश्य है।
प्रधानमंत्री कृषि कृषि सिंचाई
➧ योजना के तहत केंद्र एवं राज्य सरकार की हिस्सेदारी 60:40 का है।
➧ इसके तहत झारखंड में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जलछाजन का कार्य किया जा रहा है। राज्य के ऊबड़ खाबड़ स्थलाकृति होने के कारण वर्षा जल का 70% भूमिगत हो जाता है।
➧ राज्य में सिंचित भूमि का प्रतिशत 12 पॉइंट 1 प्रतिशत है, अतः 88% भूमि पर वर्षा जल का संरक्षण आवश्यक है।
➧ देश में झारखंड पहला राज्य है, जहां जलछाजन विषय पर (Diploma in water Shed Management) "डिप्लोमा इन वॉटर शेड मैनेजमेंट" पाठ्यक्रम झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के सहयोग से इग्नू द्वारा संचालित किया जा रहा है।
समेकित जल छाजन प्रबंध कार्यक्रम
➧ नवंबर 2016 ईस्वी तक इस योजना के अंतर्गत 5744 वर्षा जलछाजन योजना प्रारंभ किया जा चुका है।
➧ यह पांच 5 वर्षों का कार्यक्रम है।
➧ विश्व बैंक एवं राज्य सरकार के 60:40 के अनुपात में नीरांचल-निरंजन राष्ट्रीय जलछाजन योजना द्वारा राज्य में चल रहे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत बनाना है।
➧ 2 जिलों रांची और धनबाद में शहरी जलछाजन कार्य के लिए पायलट परियोजना चलाई जा रही है।
जापान इंटरनेशनल डेवलपमेंट एजेंसी (JICA)
➧ इसका उद्देश्य है बागवानी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से माईक्रोड्रीप नामक योजना 30 प्रखंडों में प्रारंभ किया जा रहा है।
➧ इस योजना के तहत जापान सरकार 282 पॉइंट 20 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है।
झारखंड में वनीकरण हेतु कार्य
➧ झारखंड राज्य के शहरी क्षेत्र में पर्यावरण के संरक्षण तथा पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन के प्रति नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से छोटे मनोरंजन उद्यान आदि का निर्माण वन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
➧ ग्रामीणों को लाह की खेती से स्वरोजगार एवं सिंहभूम, लातेहार, सिमडेगा, गुमला, पलामू, सरायकेला, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, देवघर, आदि में 1750 संयुक्त वन प्रबंधन समिति, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 1,75,000 लाह पोषक वृक्षों पर लाह की खेती की गई है।
CAMPA (Compensatory Afforestation Fund of Management and Planning)
➧ प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण का गठन 2002 ईस्वी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया है।
➧ 2 जुलाई, 2009 ईस्वी में राज्य कैम्पा का गठन किया गया है।
➧ कैम्पा कोष से सम्बंधित कैम्पा कानून 2016 ईस्वी में संसद द्वारा पारित किया गया है।
वनबंधु योजना
➧ जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से वर्ष 2015-16 में दो करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।
➧ पाकुड़ जिले के लिट्टीपड़ा प्रखंड को पायलट प्रखंड के रूप में चयन किया गया है, जिसमें आवश्यक मानव संपदा एवं कार्यालय संरचना, जल संचयन संरचना के अंतर्गत नया तालाब एवं चेक डैम तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के आजीविका संवर्धन स्वास्थ केंद्र एवं एंबुलेंस क्रय की योजनाएं शामिल की गई।
➧ वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वनों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन्य निवासी, जो वर्ष 2006 से पूर्व से वनों में निवास कर रहे हैं एवं जीवन यापन हेतु वनोत्पाद पर निर्भर है, को वन भूमि का पट्टा वितरण किया जाता है।
कचरों के प्रबंधन हेतु राज्य सरकार के कार्य
➧ पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले करणों में एक प्रमुख कारण महानगरों एवं नगरों से निकलने वाला कचड़ा (सॉलि़ड वेस्ट) है। अतः कचड़ा कचरा प्रबंधन पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक हो गया है।
➧ झारखंड में रांची, धनबाद, चाकुलिया और पाकुड़ में पी.पी.पी मोड पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना की मंजूरी सरकार द्वारा हो गई है।
➧ स्वच्छ भारत मिशन जो 2015 में केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया है।
➧ इसके तहत शहरी क्षेत्रों में कचरे का आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थापन करते हुए 2 अक्टूबर, 2019 तक पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करना है।
➧ इसी उद्देश्य से रांची नगर निगम की सफाई व्यवस्था का काम अगले 25 साल तक के लिए निजी कंपनी 'एक्सेल इंफ्रा' को सौंपा गया है।
➧ 'एक्सेल इंफ्रा' की ज्वाइंट वेंचर जापानी कंपनी 'हिताची' रांची से निकलने वाले कचरे पर आधारित बिजली उत्पादन प्लांट लगाएगी।
JSPCB (Jharkhad State Pollution Control Board)
➧ राज्य में प्रदूषण नियंत्रण तथा इससे सम्बंधित मामलों पर नियंत्रण रखने हेतु झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना 2001 में की गई है।
➧ यह एक नियामक निकाय है जो उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण हेतु उच्च तकनीकों के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करता है।
पर्यावरण से जुड़े दिवस
➧ प्रमुख दिवस दिनांक
विश्व वानिकी दिवस - 21 मार्च
विश्व जल दिवस - 22 मार्च
विश्व स्वास्थ्य दिवस - 07 अप्रैल
पृथ्वी दिवस - 22 अप्रैल
विश्व ओजोन दिवस - 16 सितंबर
विश्व वन्यजीव दिवस - 03 मार्च
विश्व जैव विविधता दिवस - 22 मई
तंबाकू मुक्ति दिवस - 31 मई
विश्व पर्यावरण दिवस - 05 जून
विश्व जनसंख्या दिवस - 11 जून
विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस - 26 नवंबर
राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस - 02 दिसंबर