Khond Janjati Ka Samanya Parichay
➧ खोंड झारखंड की एक अल्पसंख्यक जनजाति है ।
➧ इस जनजाति का संबंध द्रविड़ समूह से है।
➧ यह जनजाति एक लघु जनजाति है।
➧ 2011 की जनगणना के के अनुसार इनकी संख्या 221 (0.003%) है।
➧ यह झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में प्रमुखता से पाए जाते हैं। इसके अलावा उत्तरी तथा दक्षिणी छोटानागपुर, पलामू तथा कोल्हान प्रमंडल में भी इनका निवास है।
➧ इस जनजाति की भाषा कोंधी है।
➧ समाज एवं संस्कृति
➧ इस जनजाति में वरमाला की प्रथा प्रचलित है।
➧ इनके ग्राम संगठन का मुखिया गौटिया कहलाता है।
➧ इनके प्रमुख पर्व-त्योहार सरहुल, सोहराई, करमा, दशहरा, दीपावली, रामनवमी, नबानन्द आदि है।
➧ नबानन्द त्यौहार में नए चावल को पकाया जाता है।
➧ इस जनजाति की 3 प्रजातियां है:-
(i) कुहिया : पहाड़ी भागों में निवास करती है।
(ii) डोंगरिया : पहाड़ों के निचली तल्लों में रहकर बगवानी करती है।
(iii) देशिया : समतल भूमि में रहकर कृषि कार्य करती है।
➧ आर्थिक व्यवस्था
➧ इनका प्रमुख पेशा कृषि कार्य तथा मजदूरी करना है।
➧ इस जनजाति में झूम खेती को पोड़चा कहा जाता है।
➧ धार्मिक व्यवस्था
➧ इनके प्रमुख देवता सूर्य हैं जिन्हें बेंलापुन कहा जाता है।
➧ इस जनजाति में नरबलि की प्रथा प्रचलित है, जिसे मरियाह के नाम से जाना जाता है।
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