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Tuesday, May 25, 2021

Chik Badaik Janjati Ka Samanya Parichay (चीक बड़ाईक जनजाति का सामान्य परिचय)

Chik Badaik Janjati Ka Samanya Parichay

➧ चीक बड़ाईक झारखंड की एक बुनकर जनजाति है जो झारखंड के लगभग सभी जिलों में पाई जाती हैं। 

➧ हालांकि इस जनजाति का सर्वाधिक संकेन्द्रण गुमला-सिमडेगा क्षेत्र में पाया जाता है। 

 इनकी भाषा नागपुरी है। 

चीक बड़ाईक जनजाति का सामान्य परिचय

 समाज एवं संस्कृति

➧ इनका समाज पितृसत्तात्मक व पितृवंशीय होता है। 

➧ यह  जनजाति बड़ गोहड़ी (बड़ जात) तथा छोट गोहड़ी (छोट जात) नामक दो वर्गों में विभाजित है।  

➧ इस जनजाति के प्रमुख गोत्र  तनरिया, खम्बा एवं तजना है

➧ इस जनजाति में अन्य जनजातियों की तरह अखरा (नृत्य स्थल) तथा पंचायत व्यवस्था नहीं मिलती है

➧ इस जनजाति में पुनर्विवाह को सगाई कहा जाता है

 इनका प्रमुख त्योहार सरहुल, नवाखानी, करमा, जितिया बड़ पहाड़ी, सूर्याही पूजा, देवी माय, देवठान, होली, दीपावली आदि है 

➧ इस जनजाति में पहले नर बलि की प्रथा प्रचलित थी, जो अब समाप्त हो गया है 

➧ आर्थिक व्यवस्था 

 इनका मुख्य पैसा कपड़ा बुनना है जिसके कारण इन्हें हाथ से बने कपड़ों का जनक भी कहा जाता है  

➧ धार्मिक व्यवस्था 

➧ इस जनजाति के प्रमुख देवता सिंगबोंगा है   

➧ देवी माई इनकी प्रमुख देवी है   

➧ इस जनजाति में शवों के दफनाने के स्थान को 'मसना' कहा जाता है  

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