Jharkhand Me Aapda Prabandhan Ikai
➧ झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(JSDMA)
➧ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (NDMA) 2005 की धारा 14 (1) के आधार पर 28 मई, 2010 ईस्वी को झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (JSDMA) का गठन किया गया है।
➧ जिसके दो मुख्य उद्देश्य है:-
(I) अलग-अलग स्तर पर आपदा नियंत्रण के लिए योजना एवं रणनीति का निर्माण करना।
(II) आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्य एवं सामान्य जीवन बहाल करने बहाली हेतु प्रोजेक्ट तैयार करना।
➧ JSDMA की एक प्रमुख भूमिका विभिन्न विभागों तथा धन जुटाने वाली विभिन्न संस्थाओं को सहयोग करना है। जैसे:-
(i) भारत सरकार
(ii) विश्व बैंक
(iii) D.F.I.D
➧ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है तथा इसमें अधिकतम 9 सदस्य होते हैं।
➧ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की गठन की शक्ति राज्यपाल के पास होती है।
➧ झारखंड राज्य में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहायता हेतु राज्य कार्यकारी समिति भी गठित की गई है।
➧ जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव झारखंड सरकार होते हैं।
➧ इस समिति का कार्य राष्ट्रीय नीति, राष्ट्रीय योजना के साथ राज्य नीति और राज्य योजना का समन्वय करना होता है।
➧ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्य
(i) आपदा पर त्वरित कार्यवाही हेतु योजना तैयार करना।
(ii) ऐसी ढांचा का विकास करना, ताकि आपदा के प्रभाव को कम किया जा सके।
(iii) राज्य, जिला, प्रखंड, पंचायत स्तर पर एक सूचना नेटवर्क तैयार करना, ताकि स्थानीय लोगों तक जरूरी सूचनाएं उपलब्ध कराई जा सके।
(iv) आपदा न्यूनीकरण हेतु भौगोलिक सूचना प्रणाली विकसित करना।
(v) राज्य मिशनरी एवं स्वैच्छिक संगठन एवं संस्थाओं के बीच बेहतर ताल-मेल बैठाना।
(vi) उपयुक्त दिशा निर्देश के जरिए स्थानीय लोगों में आपदा के प्रति जागरूकता फैलाना एवं प्रशिक्षण देना।
➧ राज्य आपदा विभाग का गठन
➧ अक्टूबर 2004 ईस्वी में झारखंड राज्य में आपदा विभाग का गठन किया गया था। इस विभाग का प्राथमिक कार्य आपदा ग्रसित व्यक्तियों को तुरंत राहत प्रदान करना है।
➧ राहत कार्य के लिए धन की व्यवस्था 'राज्य आपदा रिस्पांस कोष' इसको से की जाती है।
➧ 'राज्य आपदा रिस्पांस कोष' में धन संग्रह में 75% हिस्सेदारी केंद्र सरकार की और 25% हिस्सेदारी राज्य सरकार की होती है।
➧ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
➧ यह आपदा प्रबंधन की तीसरी इकाई होती है। इसके तहत झारखंड के 24 जिलों में जिला दंडाधिकारी/समाहर्त्ता या उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन समिति गठित की गई है।
➧ इस समिति के अन्य सदस्यों में जिले के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पशु चिकित्सा पदाधिकारी,जल एवं सिंचाई विभाग के अभियंता एवं एनजीओ (NGO) के प्रतिनिधि सदस्य शामिल किए जाते हैं।
➧ इसका मुख्य कार्य जिले की जरूरतों के अनुसार जिला आपदा योजना विकसित करना तथा इसका क्रियान्वयन करना होता है।
➧ यह प्राधिकरण स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने तथा आवश्यक दिशा-निर्देश देने का कार्य भी करती है।
➧ झारखंड आपदा प्रबंधन समिति
➧ इसका गठन प्रखंड स्तर पर किया जाता है। इसका अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी होते हैं।
➧ इसके सदस्यों में समाज कल्याण पदाधिकारी, ग्रामीण जलापूर्ति अधिकारी, अग्निशामक सेवा के अधिकारी, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ नागरिक को शामिल किया जाता है।
➧ इस समिति का मुख्य कार्य स्थानीय जरूरतों के अनुसार आपदा प्रबंधन योजना का निर्माण करना एवं उसे लागू करना होता है।
➧ ग्रामीण आपदा प्रबंधन समिति
➧ इसका गठन ग्राम स्तर पर किया जा रहा है तथा इसका अध्यक्ष मुखिया होते हैं।
➧ इस समिति का कार्य ग्राम स्तर पर आपदा से बचाव हेतु उपायों को विकसित करना है तथा उसे सफलतापूर्वक लागू करना है।
➧ राज्य आपदा प्रबंधन योजना
➧ आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 2009 ईस्वी में राज्य आपदा प्रबंधन तैयार की गई है। इसके तहत आपदा में बचाव एवं प्रशिक्षण हेतु कई कदम उठाए गए हैं।
➧ झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से राज्य एवं जिला स्तरीय इमरजेंसी सेंटर की स्थापना करेगी तथा उसे वी-सेट उपग्रह से जोड़ा जाएगा।
➧ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (E.O.C)का गठन N.D.M.A अधिनियम 2005 के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में किया गया है।
➧ झारखंड राज्य में 2007 ईस्वी से आपदा प्रबंधन केंद्र का परिचालन श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान (SKIPA) रांची से किया जा रहा है।
➧ तेरहवीं वित्त आयोग की सिफारिश के बाद 2012ईस्वी के बाद से 'वित्तीय सहायता आपदा प्रबंधन विभाग' का संचालन झारखंड सरकार द्वारा किया जा रहा है।
➧ TNA: (Training Need Analysis) कार्यक्रम पायलट कार्यक्रम के तहत रांची और धनबाद में जिला में चलाया गया है।
➧ 2015 ईस्वी में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के सहयोग से विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम चलाया गया था।
➧ राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (S.I.R.D), जो रांची में स्थित है। पंचायती राज विभाग का शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान है, इसमें सरकारी पदाधिकारियों, चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठन के कार्यकर्ताओं को सामुदायिक नेतृत्व का प्रशिक्षण दिया जाता है।
➧ JSAC: 'झारखण्ड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर' झारखण्ड सरकार की विशेषीकृत एजेंसी है। जो झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दूर संवेदन कार्टोग्राफी, से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराती है।
➧ SRIJAN: (आपदा प्रबंधन ज्ञान सह-सूचना प्रदर्शन केंद्र) राज्य में आपदाओं की जानकारी और उनसे उत्पन्न होने वाली समस्याओं तथा उनके प्रभाव को कम करने के लिए सृजन विभाग विकसित किया जा रहा है।
➧ इसके लिए राज्य के प्रमुख शैक्षिक एवं तकनीकी संस्थान कार्य कर रहे हैं जो निम्नलिखित हैं :-
(I) बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची सूखा के लिए
(II) आई.एस.एम, धनबाद, खनन आपदा के लिए
(III) बी.आई.टी. मेसरा, रांची भूकंप के लिए
(IV) जे.सैक, रांची बाढ़ ,जंगलों की आग, सुखा
➧ आपदा प्रबंधन में झारखंड राज्य संबंधित समस्याएं
➧ उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में जनसंख्या दबाव एवं मानवीय गतिविधियों में वृद्धि।
➧ विकास योजनाओं में आपदा प्रबंधन को समुचित महत्व ना देना।
➧ आपदा प्रबंधन से संबंधित कानूनों का ठीक से लागू ना होना।
➧ आपदा प्रबंधन संबंधित प्रशिक्षण का अभाव।
➧ आपदा प्रबंधन के प्रति आम लोगों में जागरूकता की कमी।
➧ आवश्यक उपकरण एवं संसाधनों का अभाव।
➧ राहत कार्य में विभिन्न संस्थाओं एवं एजेंसियों के बीच सामंजस्य का अभाव।
➧ आपदा से संबंधित चेतावनी तंत्र का विकास कम होना।
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