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Wednesday, May 26, 2021

Bedia Janjati Ka Samanya Parichay (बेदिया जनजाति का सामान्य परिचय)

Bedia Janjati Ka Samanya Parichay

➧ यह जनजाति एक अल्पसंख्यक जनजाति है 

➧ प्रजातिया दृष्टि से यह जनजाति द्रविड़ समूह से संबंधित है

➧ यह अपने को वेद निवस या वेदवाणी कहते हैं

बेदिया जनजाति का सामान्य परिचय

➧ इस जनजाति के लोग स्वयं को ऊंच हिंदू मानते हैं 

➧ अपने नाम के साथ ये बेदिया और मांझी की उपाधि धारण करते हैं

 इस जनजाति का संकेन्द्रण मुख्यत: रांची, हजारीबाग और बोकारो जिला में है 

➧ समाज एवं संस्कृति 

➧ इस जनजाति में बधु मूल्य को 'डाली टाका' के नाम से जाना जाता है 

➧ इनके गांव के मुखिया को प्रधान कहा जाता है। इसे महतो या ओहदार भी कहते हैं  

➧ इसके नाच के मैदान को अखाड़ा कहते हैं  

➧ इस जनजाति में सबसे प्रचलित विवाह 'आयोजित विवाह' है

 इसमें विजातीय विवाह को ठुकुर ठेनी कहा जाता है तथा यह सामाजिक रूप से  निषिद्ध होता है

 इस जनजाति में पुरुषों का परंपरागत वस्त्र केरया, कच्छा/भगवा है जबकि महिलाओं का परंपरागत वस्त्र ठेठी और पाचन है

➧ इस जनजाति में दशहरा, दिवाली, छठ, सोहराय, कर्मा आदि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है

➧बेदिया जनजाति के प्रमुख गोत्र :- थेरहर , सूड़ी, चिडरा, बाम्बी, बड़वार, काछिम, फेचा     

➧ आर्थिक व्यवस्था

➧ इनका प्रमुख पेशा  कृषि कार्य है

धार्मिक व्यवस्था 

➧ इस जनजाति के प्रमुख देवता सूर्य है तथा इसमें सूर्याही पूजा का प्रचलन है

➧ इस जनजाति के धार्मिक स्थल को सारना कहा जाता है

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