Jharkhand Me Aapda Prabandhan
➧ भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 को 25 दिसंबर, 2005 से लागू किया है।
➧ इस अधिनियम में आपदा प्रबंधन का नेतृत्व करने और उसके प्रति एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), मुख्यमंत्रियों की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) का गठन किया गया है।
➧ किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए 3 चरण होते हैं।
➧ आपदा पूर्व की व्यवस्था :- इसके अंतर्गत आपदा के निवारण एवं बचाव के उपाय किए जाते हैं।
➧ आपदा के दौरान त्वरित व्यवस्था :- इस दौरान आपदा का स्तर एवं प्रकृति बताने हेतु चेतावनी तंत्र का प्रयोग होता है।
➧ साथ ही प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना एवं मूलभूत आवश्यकता जैसे :- भोजन, पानी, वस्त्र, चिकित्सा की आपूर्ति की जाती है।
➧ आपदा के पश्चात की गई व्यवस्था :- इसके अंतर्गत पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।
➧ अर्थात आपदा प्रबंधन संबंधी उपाय एक सतत एवं एकाकृत तरीके से चलाने वाली प्रक्रिया है,
जो निम्न स्तर पर संचालित की जाती है।
(I) किसी आपदा के खतरे एवं संभावना की रोकथाम करना।
(II) किसी आपदा की जोखिम अथवा इसकी तीव्रता अथवा परिणामों का कम करने की कोशिश करना।
(III) अनुसंधान और ज्ञान प्रबंधन सहित सामर्थ्य का निर्माण करना।
(IV) किसी आपदा से निपटने की तैयारी करना।
(V) किसी खतरनाक आपदा की स्थिति अथवा आपदा आने पर तुरन्त कार्रवाई करना।
(VI) किसी आपदा की तीव्रता अथवा इसके प्रभावों का मूल्यांकन करना।
(VII) फंसे हुए लोगों को निकालना, बचाव और राहत प्रदान करना।
(VIII) पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य करना।
(IX) आपदा से बचाव हेतु उपयुक्त दिशा-निर्देशों का आम जनता के बीच जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना।
➧ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत संस्थागत ढांचा के विकास पर बल दिया गया है।
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