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Sunday, November 8, 2020

मुण्डा मानकी शासन व्यवस्था (Munda Manki Shasan Vyavastha)

Munda Manki Shasan Vyavastha

मुण्डा मानकी शासन व्यवस्था

➤'हो' समाज भी मुंडाओं की ही एक तीसरी शाखा है। 

मानकी मुण्डा शासन व्यवस्था या 'हो' लोगों की पारम्परिक शासन व्यवस्था है 

मुंडा भाषा से  'हो' भाषा मिलती है, परन्तु संस्कृति और स्वशासन व्यवस्था में किंचित भिन्नता है।  

जहाँ मुंडाओं की पड़हा पंचायत बहुत कुछ उराँओं से मिलती है,हो लोगों 
की स्वशासन व्यवस्था पारम्परिक रूप से आज भी बनी हुई है। 
 

इनकी इस व्यवस्था में निम्नांकित पदधारी स्वशासन  का दायित्व 

निभाते है

1) मुंडा
2) डाकुआ
3) मानकी
4)तहसीलदार
5) मानकियों
6) दिउरी 
7) यात्रा दिउरी

1) मुंडा 

1) मुंडा - ग्राम के प्रधान को मुंडा कहा जाता है।

जबकि आज-कल मुंडा जाति के सभी लोग मुंडा कहलाते व लिखते हैं ।

➤'हो' समाज में मुंडा का पद होता है जो गांवो के मुखिया के लिए प्रयुक्त होता है।

इसका क्षेत्र प्रशासन न्याय तथा लगान लेने का है।

2) डाकुआ

मुंडा पदधारी ग्राम प्रधान के सहयोग के लिए डाकुआ होता है। 
 
यह मुंडा के सामाजिक व प्रशासन सम्बन्धी सुचना हो लोगो तक पहुँचाता है। 
 
एक तरह से यह मुंडा पदधारी लोगो का स्वशासन व्यवस्था का 
सन्देशवाहक का कार्य करता है।

3) मानकी

15 से 20 गांव के ऊपर  एक मानकी का पद होता है।

5 से 10 गांवो का एक पीड अर्थात ग्राम पंचायत पारम्परिक रूप 
से माना जाता है।

मानकी की बैठक में सभी मुंडा तथा डाकुआ बैठते है,और आगत 
मामलों का सबकी सहमति से मानकी अंतिम फैसला देते हैं । 

इसे सभी मान लेते हैं

4)तहसीलदार

लगान वसूली के लिए मानकी का सहयोगी तहसीलदार होता है। 

गांवो के मामले मुंडा पदधारी ही सुलझाते है। 

यदि मुंडा पदधारी से निपटारा नहीं हो सका तो मामला मानकी 
के पास जाता है। 

➤मानकी मामलों पर निर्णय करता है

5) मानकियों

मानकियों  की समिति- यदि मामला पेंचीदा हो जाता है। 

तब ऐसी स्तिथि  में 3 मानकियों की एक समिति गठित किया जाता है।

ये तीनो विचार-विमर्श  बाद अंतिम फैसला देते हैं।

6) दिउरी

➤यह गांव  का पुजारी  होता है।  जिसे दिउरी कहते है।
 
पूजा-पाठ,शादी-विवाह,पर्व-त्योहार में इसकी भूमिका प्रमुख रहती है।

पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था में दिउरी का सहयोग मुण्डा तथा 
मानकी दोनों को मिलता है

➤विशेषकर धार्मिक मामलों के दंड निर्धारण में दिउरी की भूमिका 
महत्वपूर्ण हो जाती है

7) यात्रा दिउरी

➤यह दिउरी का सहयोगी होता है

➤गांव के देवी -देवताओं की पूजा करने -कराने में यह देउरी 
का साथ निभाता है
  
➤हो समाज में भी सरकारी पंचायत और परंपारिक पंचायत दोनों  
साथ -साथ चल रहें हैं      


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