झारखंड में प्रदूषण के कारण एवं परिणाम
➧ ऐसे हानिकारक पदार्थ है जो वायु, भूमि और पानी में पाए जाते हैं, जिनके कारण जीवित प्राणियों और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, प्रदूषण कहलाता है।
➧ प्रदूषण के कारण कुछ ऐसे विषाक्त पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जिनके कारण मिट्टी और हवा अशुद्ध, प्रदूषक, दूषित या खतरनाक पदार्थ के रूप में तब्दील हो जाते हैं, जो पर्यावरण को अनुपयुक्त या असुरक्षित कर देते हैं।
➧ प्रदुषण के प्रकार
(I) वायु प्रदूषण
(II) जल प्रदूषण
(III) भूमि प्रदूषण
(IV) ध्वनि प्रदूषण
➧ झारखंड में वायु प्रदूषण के कारण एवं प्रभाव
➧ यह हानिकारक धुआँ एवं रसायनों जैसे विभिन्न प्रदूषकों के साथ मिलकर प्राकृतिक हवा का संदूषण है। इस प्रकार का संदूषण पदार्थों के जलने से या वाहनों द्वारा उत्सर्जित गैसों या उद्योगों के उप-उत्पाद के रूप में निकलने वाले हानिकारक धुआँ के कारण हो सकते हैं।
➧ विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग को वायु प्रदूषण के सबसे बड़े दुष्प्रभावों में से एक माना जाता है।
➧ वायु प्रदूषण के कारण
(I) वाहनों से निकलने वाला धुआं।
(II) औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं तथा रसायन।
(III) आण्विक संयंत्रों से निकलने वाली गैसें तथा धूल-कण।
(IV) जंगलों में पेड़ पौधे के जलने से, कोयले के जलने से तथा तेल शोधन कारखानों आदि से निकलने वाला धुआं।
(V) ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न गैस जैसे-जलवाष्प, So2
➧ वायु प्रदूषण के प्रभाव
➧ वायु प्रदूषण हमारे वातावरण तथा हमारे ऊपर अनेक प्रभाव डालते हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :-
(i) हवा में अवांछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
➧ इसमें दमा, सर्दी-खांसी, अंधापन, श्रव का कमजोर होना, त्वचा रोग जैसी बीमारियां पैदा होती हैं।
➧ लंबे समय के बाद जननिक विकृतियाँ उत्पन्न हो जाती है तथा अपनी चरम सीमा पर यह घातक भी हो सकती है।
(iii) ओजोन परत, हमारी पृथ्वी के चारों ओर एक सुरक्षात्मक गैस की परत है, जो हमें सूर्य से आने वाले हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है। वह प्रदूषण के कारण जीन अपरिवर्तन, अनुवांशिकीय तथा त्वचा कैंसर के खतरे बढ़ जाते हैं।
(iv) वायु प्रदूषण के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ता है, क्योंकि सूर्य से आने वाले गर्मी के कारण पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन तथा नाइट्रस ऑक्साइड का प्रभाव कम नहीं होता है , जो कि हानिकारक है।
➧ झारखंड में वायु प्रदूषण के प्रभाव
➧ झारखंड में खनिजों के उत्खनन का अवैज्ञानिक स्वरूप, बढ़ता शहरीकरण एवं निजी परिवहन का प्रयोग आदि विषय वस्तु प्रदूषण के मुख्य कारण है।
➧ हाल ही में ग्रीनपीस रिपोर्ट के सर्वे में देश में सबसे अधिक वायु प्रदूषक शहर के रूप में झरिया को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है, जो झारखंड में प्रदूषण के बढ़ते मात्रा को लेकर सजग होने का संकेत देता है।
➧ बड़े शहरों में धनबाद ,रांची, बोकारो और रामगढ़ जैसे शहर वायु प्रदूषण के उच्च प्रभाव से ग्रसित है। शिकागो विश्वविद्यालय, अमेरिका की शोध संस्थान 'एपिक' द्वारा तैयार वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के नए विश्लेषण के अनुसार वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण झारखंड के नागरिकों की जीवन प्रत्याशा में औसत 4.4 वर्ष कम हो रही है।
➧ देशों में मेट्रो शहरों की तरह झारखंड की वायु भी जहरीली होती जा रही है। एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स के अनुसार रांची, गोड्डा और कोडरमा के लोग अपनी औसत जीवन के लगभग 5 वर्ष अधिक जी सकते है, अगर वायु की गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) डब्ल्यू.एच.ओ. के दिशा निर्देशों के अनुरूप हो।
➧ राजधानी रांची समेत झारखंड के अन्य जिले और शहर के लोगों का जीवन काल भी घट रहा है । वे बीमार जीवन जी रहे हैं। गोड्डा के लोगों का जीवनकाल 5 वर्ष तक घट गया है।
➧ इसी तरह कोडरमा, साहेबगंज, बोकारो, पलामू और धनबाद भी इसी सूची में पीछे नहीं है। यहां के लोगों के जीवन काल क्रमश: 4 पॉइंट 9 वर्ष, 4.8 वर्ष, 4.8 वर्ष, 4.7 वर्ष और 4.7 वर्ष तक घट गया है। यहां के लोगों का जीवनकाल इतना ही बढ़ जाता, अगर लोग स्वच्छ और सुरक्षित हवा से सांस लेते।
➧ उनकी जीवन प्रत्याशा की उम्र बढ़ सकती है, अगर वहां के वायुमंडल में मौजूद सूक्ष्म तत्वों एवं धूलकणों की सघनता 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक सीमित हो, एक्यूएलआई के आंकड़े के अनुसार राजधानी रांची के लोग 4.1 ज्यादा जी सकते हैं। अगर विश्व स्वास्थ संगठन के मानकों को हासिल कर लिया जाए।
➧ झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) ने दिवाली की रात बिरसा चौक पर वायु प्रदूषण की जांच कराई।
➧ दीपावली के दिन वायु में pm10 (सूक्ष्म धूलकण) की औसत मात्रा मानक से 175 पॉइंट 96 प्रतिशत अधिक पहुंच गयी।
➧ इस स्तर पर सांस, फेफड़े, एलर्जी रोगियों की परेशानी बढ़ने लगती है । दूसरी ओर पीएम 2.5 (अति सूक्ष्म धूलकण) भी निर्धारित सीमा से 95.08% अधिक तक रिकॉर्ड किया गया।