Jharkhand Suchna Prodyogiki
झारखंड सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से संबंधित संस्थाएं
1. जैप आईटी (JAPIT) :- भारत सरकार की विभिन्न महत्वपूर्ण ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार को एक स्वायत्त संस्था के रूप में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग के अधीन जैप-आईटी (झारखंड एजेंसी फॉर प्रोमोशन ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी) का गठन किया गया है।
➦ जैप-आईटी सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग के अंतर्गत एक निबंधित संस्था है। इसका गठन 29.03.2004 को किया गया है तथा यह सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 21, 1860 के अंतर्गत निबंधित है।
➦ सूचना प्रौद्योगिकी से विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण करना एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में ई-गवर्नेंस लागू करना है। इसके द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कंप्यूटरीकरण के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की सेवाएं विकसित क्रियाविन्त कर की जा रही है, जैसे:- झारनेट, ई-प्रोक्योरमेंट, ई- मुलाकात, ई-निबंधन, ई-कोर्ट, ई-जिला, ई-नागरिक, पोर्टल का विकास, ई-कल्याण, ई-कल्याण, फाइल ट्रैक्टर, ई-ऑफिस इत्यादि हैं।
2-झारखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (JSAC) :- झारखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, रांची की स्थापना वर्ष 2003 में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग, झारखंड सरकार के अंतर्गत इसरो, भारत सरकार के सहयोग से की गई है। केंद्र के मुख्य उद्देश्य निम्नवत है:-
(i) आंतरिक तकनीकी के सहारे संपूर्ण राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का आकलन एवं मानचित्रीकरण करना।
(ii) अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग के क्षेत्र में सुदूर संवेदन, भौगोलिक सूचना तंत्र, भूमंडलीय स्थानीकरण तंत्र तथा उपग्रह संपर्क के सहारे राज्य के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
➦ रिमोट सेटिंग द्वारा GIS प्रणाली का उपयोग करते हुए लगभग 85 थिमेटिक लेयर विकसित की है, जिसका उपयोग विभिन्न विभागों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन तथा योजना हेतु किया जा रहा है।
3. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) :- झारखंड राज्य की स्थापना के बाद से राज्य मुख्यालय एवं 22 जिलों में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र लगातार महत्वपूर्ण सेवाएं देता आ रहा है।
➦ प्रारंभ में मंत्रालयों सचिवालयों, विधानसभा एवं राजधानी अवस्थित सभी प्रमुख भवनों की नेटवर्किंग, इंटरनेट की सुविधा सभी ज़िलों , सभी माननीय मंत्रियों एवं सचिवों के कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का नेटवर्क एवं राज्य की अधिकृत वेबसाइट के निर्माण में इसका उल्लेखनीय योगदान रहा है।
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