#Jharkhand Ka Naya Logo
झारखंड राज्य का नया प्रतीक चिन्ह अस्मिता का प्रतीक है।
नया विचार।। नया संकल्प ।। नयी पहचान ।।
14 अगस्त 2020 को झारखंड राज्य की राजधानी रांची के मोराबादी मैदान के आर्यभट्ट सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड राज्य के राज्यपाल श्रीमती द्रोपति मुर्मू थी। इस कार्यक्रम में झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान ही झारखंड राज्य के नए (लोगो) प्रतीक चिन्ह का झारखंड वासियों को समर्पित किया गया। इस नए (लोगो )प्रतीक चिन्ह के बारे में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि यह प्रतीक चिन्ह झारखंड राज्य की पहचान और स्वाभिमान को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने इस नए (लोगो )प्रतीक चिन्ह के बारे में कहा कि यह प्रतीक चिन्ह झारखंड राज्य की लोगों की भावनाओं को दर्शाता है। इसके अलावा और भी मुख्यमंत्री के कथन हैं जो निम्नलिखित हैं।
"यह प्रतीक चिन्ह हमारी संस्कृति को रेखांकित करता है। यह हमारी अस्मिता का द्योतक और हमारी चेतना का प्रतीक है। राज्य के प्राकृतिक परिवेश एवं यहां के लोगों के जीवन दर्शन को अपने में समेटे हुए हमारी पहचान को समग्रता से प्रकट करता है"।
- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड
झारखंड का नया प्रतीक चिन्ह अस्मिता का प्रतीक है, और झारखंड राज्य का नया प्रतीक चिन्ह गोलाकार है। जो प्रगति के प्रतीक का सूचक है,जैसे पहिया या चक्र लगातार घूमते हुए आगे बढ़ता है उसी तरह झारखण्ड भी प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।
नया विचार। नया संकल्प। नई सोच।
💥कुल घेरों की संख्या - 7
💥बीच वाले गोल घेरे में - अशोक स्तंभ ,सत्यमेव जयते
💥दूसरे घेरे में -सफेद गोल घेरे -60
💥तीसरे गोल घेरे में - मानव आकृति - 48 (24 जोड़ी )
💥चौथे गोल घेरे में - पलाश के फूल (राजकीय पुष्प )-24
💥पांचवे गोल घेरे में - सफ़ेद हाथी की आकृति (राजकीय पशु )-24
💥छठे गोल घेरे में - झारखण्ड सरकार & GOVERNMENT OF JHARKHAND
💥 सातवाँ घेरा रिक्त
नए प्रतीक चिन्ह की विशेषताएं:-
💥 हरा रंग
हरा रंग - नए राज्य चिन्ह का हरा रंग झारखंड राज्य की हरी-भरी धरती और संपूर्ण राज्य में फैली हरियाली और वन संपदा का परिचय देता है। प्राकृतिक सौंदर्य और संसाधनों से अलंकृत झारखंड विकास के पथ पर लंबे-लंबे पग भरने हेतु आवश्यक खनिज सम्पदा से परिपूर्ण है।
💥 हाथी
हाथी -हाथी राज्य के ऐश्वर्या और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों को दर्शाता है। हाथी झारखंड के महान इतिहास शक्ति और सामूहिक बुद्धिमता का प्रतीक है। वर्तमान और सुनहरे भविष्य के मध्य खड़ी सभी बाधाओं का सामना करते हुए आगे बढ़ने के संकल्प का प्रतीक है।
💥पलाश फूल
पलाश का फूल -पलाश का फूल "फ़प्लेम ऑफ द फॉरेस्ट" के नाम से मशहूर पलाश या टुशु का फूल झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य एवं सुरम्यता को प्रतिबिंबित करता है। पुष्पित होता पलाश का फूल बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। वसंत ऋतु जो समृद्धि का संदेश लेकर आता है।
💥 सौरा चित्रकारी(स्थानीय उत्सव)
सौरा चित्रकारी(स्थानीय उत्सव) - स्थानीय त्योहारों को चित्रित करने वाले जनजातीय कला को नए राज्य चिन्ह में स्थान दिया गया है। जो राज्य की समृद्धि और विविधता पूर्ण परंपराओं के साथ उसकी निराली संस्कृति और धरोहर का परिचय कराते हैं।
💥 अशोक स्तंभ ,सत्यमेव जयते
अशोक स्तंभ ,सत्यमेव जयते- झारखंड का नए राज्य चिन्ह के केंद्रीय भाग में अशोक स्तंभ है, यह राष्टीय प्रतीक चिन्ह होने के साथ झारखंड राज्य की सम्प्रभुता शक्ति का द्योतक है। उसमें उकेरा गया अशोक स्तंभ भारत के उत्तम सहकारी संघवाद, इसमें झारखंड की सहभागिता एवं अद्वितीय भूमिका को रेखांकित करता है।
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