झारखंड में विद्युत परियोजना
(Power Projects In Jharkhand)
➤झारखंड में ऊर्जा प्राप्ति का एक मुख्य स्रोत विद्युत है।
➤राज्य में स्थापित विद्युत क्षमता 2590 मेगावाट(MW) है।
➤ राज्य में प्रति इकाई विद्युत की खपत 200 किलो वाट है।
➤ जो कि राष्ट्रीय और औसत 450 किलोवाट के 50% से भी कम है,इसलिए राज्य में विद्युत उत्पादन एवं खपत बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
➤राज्य को विद्युत की प्राप्ति दो तरह की परियोजनाओं से होती है।
(1) ताप विद्युत(Thermal Power Project)
(2) जल विद्युत(Hydel Power Project)
➤ताप विद्युत परियोजना(Thermal Power Projects)
➤ झारखंड में विद्युत उत्पादन में ताप विद्युत परियोजनाओं का महत्व अधिक है, क्योंकि यह कोयला आधारित है, साथ ही यहां की ऊंची नीची भूमि में इसका पारेषण (Transmission) करना सुविधाजनक है।
➤राज्य में 4 ताप विद्युत परियोजनाएं चलाई जा रही है
➤ 1. बोकारो ताप विद्युत गृह
➤2. चन्द्रपुरा ताप विद्युत् गृह
➤ 3. पतरातू ताप विद्युत् गृह
➤पतरातू ताप विद्युत गृह यह देश के बड़े ताप विद्युत गृहों में से एक है।
➤यह परियोजना चौथी पंचवर्षीय योजना अवधि में फरवरी 1973 ईस्वी में पूर्व सोवियत संघ के सहयोग से स्थापित की गई।
➤यह रामगढ़ जिला में स्थित है।
➤इसकी कुल उत्पादन क्षमता 840 मेगावाट है।
➤इस विद्युत गृह से हटिया रांची स्थिति H.E.C. को विद्युत आपूर्ति की जाती है।
➤ 4. तेनुघाट ताप विद्युत् गृह
➤तेनुघाट ताप विद्युत गृह परियोजना 1990 के दशक में स्थापित की गई।
➤यह रांची के तेनुघाट के नजदीक लाल पनिया नामक स्थान पर स्थित है।
➤जल विद्युत परियोजना(Hydel Power Projects)
➤ जल विद्युत परियोजनाएं बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के अंतर्गत जल विद्युत द्वारा उत्पादित करने के लिए जल विद्युत परियोजना चलाई जा रही हैं।
➤राज्य की प्रमुख जल विद्युत परियोजना इस प्रकार है।
➤ 1. तिलैया जल विद्युत् केंद्र
➤तिलैया जल विद्युत केंद्र दामोदर घाटी निगम के अधीन फरवरी 1953 में प्रथम जल विद्युत केंद्र तिलैया में स्थापित किया गया।
➤यह बराकर नदी (दामोदर नदी की एक सहायक नदी) पर स्थित है।
➤ जो कोडरमा जिले में स्थित है।
➤ इस जल विद्युत उत्पादन क्षमता 60000 किलोवाट है।
➤ 2.मैथन जल विद्युत् केंद्र
➤मैथन जल विद्युत केंद्र दामोदर घाटी निगम के अधीन अक्टूबर 1957 ईस्वी में इसकी स्थापना की गई।
➤यह जल विद्युत् केंद्र बराकर नदी (दामोदर नदी की एक सहायक नदी) पर स्थित है।
➤यह धनबाद जिले में स्थित है।
➤यह गैस टरबाइन पर आधारित विद्युत उत्पादन केंद्र है ,मैथन जल विद्युत केंद्र पुरे झारखण्ड में एकमात्र है।
➤इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 60,000 किलो वाट है।
➤ 3. बाल पहाड़ी जल विद्युत् केंद्र
➤बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र दामोदर नदी घाटी के अधीन बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई।
➤ यह जल विद्युत केंद्र बराकर नदी (दामोदर नदी की एक सहायक नदी) पर स्थित है।
➤यह गिरिडीह जिले में स्थित है।
➤ इस जल विद्युत केंद्र उत्पादन क्षमता 20,000 किलोवाट है।
➤ 4. पंचेत जल विद्युत् केंद्र
➤पंचेत जल विद्युत केंद्र दामोदर घाटी निगम के अधीन 1959 जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई।
➤यह जल विद्युत केंद्र दामोदर नदी पर स्थित है।
➤ इसे धनबाद झारखंड, पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थापित किया गया है।
➤ इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 40,000 है।
➤ 5. अय्यर जल विद्युत् केंद्र
➤ अय्यर जल विद्युत केंद्र दामोदर घाटी निगम के अधीन अय्यर जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई।
➤यह जल विद्युत केंद्र दामोदर नदी पर स्थित है।
➤ इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 45,000 किलोवाट है।
➤6. कोनार जल विद्युत् केंद्र
➤कोनार जल विद्युत केंद्र दामोदर घाटी निगम के अधीन 1955 ईस्वी में कोनार जल विद्युत केंद्र की स्थापना की गई।
➤यह जल विद्युत केंद्र बोकारो नदी (दामोदर नदी की एक सहायक नदी) पर स्थित है।
➤यह हजारीबाग जिले में स्थित है।
➤ इस जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 40,000 किलोवाट है।
➤ 7. कोनार जल विद्युत् केंद्र
➤इस परियोजना की स्थापना 1989 में की गई।
➤यह परियोजना राँची जिले के ओरमांझी प्रखण्ड में स्थित है।
➤इस परियोजना के तहत स्वर्ण रेखा नदी पर पर स्थित हुंडरू जलप्रपात से 120 मेगावाट विद्युत उत्पन्न किया जाता है।
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