Santhal Pargana Kashtkari Adhiniyam 1949 Part-4
संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम,1949
(SPT- Act),1949 PART- 4
अध्याय- 5 (धारा- 43 से 52)
अध्याय- 5 में -लगान से सम्बंधित
💥धारा - 43
💨 धारा - 43 के अनुसार वस्तु रूप में लगान वसूल नहीं किया जाएगा या किसी न्यायालय द्वारा स्वीकार नहीं होगा।
💨धारा- 43 -(क) में यह संशोधन अधिनियम 1955 द्वारा स्थापित किया गया है।
💨इसके अनुसार भूधारक के द्वारा मुद्रा लगान चार किस्तों में कृषि वर्ष के अंतिम दिन प्रत्येक तिमाही को देय होगा।
💨भुगतान समय पर नहीं होने पर उसे बकाया समझा जाएगा।
💥धारा - 44
💨धारा - 44 में हस्तांतरण की पूरी जानकारी नहीं होने के कारण, भूतपूर्व भूस्वामी या मूल रैयत को, दिए गए, लगान के लिए रैयत ,ग्राम प्रधान या मूल रैयत या भूस्वामी जिसके नाम संपत्ति हस्तांतरित हुआ है, उसका उत्तरदायित्व लगान दायी नहीं होगा।
💨जब तक कि हस्तांतरित लगान देने के पहले, हस्तांतरण की नोटिस रैयत, ग्राम प्रधान या मूल रैयत को नहीं दे देता।
💥धारा - 45
💨धारा- 45 में रैयत अपने किसी जोत के लिए लगान की दर या मालगुजारी को विनिहित प्रपत्र डाक मनीआर्डर द्वारा भेज कर भुगतान कर सकता है।
💥धारा - 46
💨धारा- 46 में ग्राम प्रधान ,मूल रैयत या भूस्वामी हर एक रैयत के लगान का हिसाब रखेगा।
💥धारा - 47
💨धारा - 47 में हर एक रैयत अपने चुकाए हुए लगान या उसका ब्याज का रसीद,भूस्वामी या उसके एजेंट या ग्राम प्रधान या मूल रैयत से, लगान चुकाते समय ही रशीद लेने का अधिकारी होगा।
💥धारा - 48
💨उपर्युक्त धारा - 48 के आधार पर उचित लेखों और वितरण और प्रर्त्यपण सहित रसीदो के प्रपत्रो को राज्य सरकार तैयार करेगी।
💨 ग्राम प्रधान ,मूल रैयत और भूस्वामी के हाथ विक्रय के लिए सभी अनुमंडल कार्यालयों में रखेगी।
💥धारा - 49
💨धारा - 49 में जहाँ रैयत का जोत हस्तांतरण योग्य है, जोत का लगान, जोत का प्रथम प्रभार होगा।
💨 ग्राम प्रधान या मूल रैयत की दशा में, ग्राम लगान, ऐसे लगान के भुगतान के लिए भूस्वामी, ग्राम प्रधान या मूल रैयत के जोत पर प्रथम प्रभार होगा।
💥धारा - 50
💨धारा - 50 में विशिष्ट कारणों से लगान की कमी:-
💨 राज्य सरकार किसी एक या अधिक आधार पर लगान में कमी कर सकता है जो नीचे निम्नलिखित हैं।
(1) किसी जोत या क्षेत्र में स्थाई रूप से बालू पड़ जाना या पानी भर जाना।
(2) वैसा जोत या क्षेत्र का भूस्वामी जिसके जोत के लिए नियम और कानून के अनुरूप नोटिस देने पर भी 6 माह के अंदर सिंचाई संबंधी व्यवस्था नहीं हो पाती है।
(3) उत्पादित खाद्यानों के स्थिर स्थानीय मूल्य में अचानक कमी होने पर।
💥धारा - 51
💨धारा - 50 के अधीन लगान कम किए जाने पर लगान की और भी कमी उन्ही कारणों से तब तक नहीं की जाएगी, जब तक संथाल परगना बंदोबस्त विनियम के अधीन नया अधिकार और अभिलेख नहीं तैयार होता।धारा - (51)
💥धारा - 52
💨धारा - 52 के अनुसार यदि कोई भूस्वामी या उसका एजेंट अपने रैयत या ग्राम प्रधान या मूल रैयत से लगान के अतिरिक्त कुछ और वसूल करता है तो वह दंड का भागी होगा।
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