National Agriculture Market (e-NAM)
➧ 14 अप्रैल, 2016 ईस्वी को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन से एक राष्ट्रीय कृषि बाजार हेतु ई-व्यापार प्लेटफार्म (e-NAM) का पायलट आधार पर शुरू किया गया।
➧ इसी देश के 8 राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और हिमाचल प्रदेश) 21 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार के साझा प्लेटफार्म (ई-ट्रेडिंग पोर्टल) से जोड़ दिया गया है।
➧ राष्ट्रीय कृषि बाजार का यह ई-व्यापार प्लेटफार्म कृषि विपणन क्षेत्र में सुधारों को प्रोत्साहित करेगा और इससे देशभर में किसी वस्तुओं के मुक्त प्रवाह के संवर्धन के साथ किसानों के उत्पादों के बेहतर विपणन की संभावनाओं में भी मदद करेगा।
➧ उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा 1 जुलाई, 2015 को कृषि-तकनीकी अवसंरचना कोष (ATIF: Agri-Tech Infrastructure Fund) के माध्यम से 'राष्ट्रीय कृषि बाजार' की स्थापना हेतु केंद्रीय क्षेत्र योजना को 2015-16 से 2017-18 अवधि हेतु 200 करोड रुपए के परिव्यय के साथ स्वीकृति प्रदान की गई थी।
➧ वर्ष 2018-19 के बजट में झारखंड सरकार ने इस योजना में पंजीकृत किसानों को स्मार्टफोन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
➧ कृषि, सहकारिता एवं कृषि कल्याण विभाग DAC & FW) इस योजना का क्रियान्वयन देशभर में चयनित विनियमित कृषि बाजारों में परियोजना योग्य साझा इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के द्वारा लघु किसानों के लिए कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) के माध्यम से कर रहा है।
➧ साझा ई-व्यापार प्लेटफार्म के साथ एकीकरण हेतु राज्यों/संघीय क्षेत्रों को :-
(i) पूरे राज्य में वैध एकल लाइसेंस,
(ii) बाजार शुल्क की एकल बिंदु लेवी और
(iii) कीमतें प्राप्त करने के साधन के रूप में इलेक्ट्रॉनि नीलामी के प्रावधानों के रूप में अपने राज्य कृषि उत्पाद विपणन समिति (APMC) अधिनियमों (मंडी कानूनों) में पूर्व सुधार करना आवशयक है।
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