All Jharkhand Competitive Exam JSSC, JPSC, Current Affairs, SSC CGL, K-12, NEET-Medical (Botany+Zoology), CSIR-NET(Life Science)

Thursday, June 3, 2021

Jharkhand Ki Aadim Janjatiyan Part-6 (झारखंड की आदिम जनजातियां Part-6)

Jharkhand Ki Aadim Janjatiyan Part-6

कोरवा जनजाति 

➧ इस जनजाति कोलेरियन जनजाति समूह का जनक माना जाता है 

➧ यह जनजाति प्रजातीय दृष्टि से प्रोटो आस्ट्रोलॉयड समूह से तथा भाषायी से ऑस्ट्रो-एशियाटिक समूह से सम्बंधित हैं 

झारखंड की आदिम जनजातियां Part-6

 इन्हें झारखंड सरकार द्वारा शिकारी-संग्रहकर्ता माना जाता है 

➧ यह जनजाति मूलत: पलामू प्रमंडल में पायी जाती है तथा झारखंड में इनका आगमन मध्यप्रदेश में हुआ था 

सामाजिक एवं संस्कृति 

➧ इनकी दो उपजातियां पहाड़ी कोरवा (पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले) तथा डीहा/डिहारिया कोरवा (नीचे गाँव में रहने वाले) हैं  

 इस जनजाति में 6 गोत्र पाए जाते हैं जो हटरटियें, खरपो, सुइया, कासी, कोकट तथा बचुंग है 

➧ इस जनजाति में एकल विवाह का प्रचलन है तथा सम गोत्र विवाह निषिद्ध है 

 इस जनजाति में चढ़के विवाह में कन्या के यहां तथा डोला विवाह में वर के यहां विवाह होता है

➧ इनका प्रमुख त्यौहार करमा है

 इस जनजाति में सर्प पूजा का विशेष महत्व है

 इस जनजाति की पंचायत को मायरी कहा जाता है

आर्थिक व्यवस्था  

➧ यह जनजाति की कृषि, शिकार, पशुपालन, शिल्प निर्माण, मजदूरी, आदि आर्थिक क्रियाकलाप करते हैं 

➧ इस जनजाति में स्थानांतरणशील कृषि को 'बियाेड़ा' कहा जाता है

धार्मिक व्यवस्था

➧ इसके प्रमुख देवता सिंगबोंगा, ग्रामरक्षक देवता 'गमेलह' तथा पशु रक्षक देवता 'रक्सेल' है

➧ इनके पुजारी को बैगा कहा जाता है

👉 Previous Page:झारखंड की आदिम जनजातियां Part-5

                                                                            👉 Next Page:झारखंड की आदिम जनजातियां Part-7

Share:

0 comments:

Post a Comment

Unordered List

Search This Blog

Powered by Blogger.

About Me

My photo
Education marks proper humanity.

Text Widget

Featured Posts

Popular Posts

Blog Archive