Jharkhand Ke Audyogik Pradesh
➧ किसी भी क्षेत्र में औद्योगिक प्रदेशों का विभाजन औद्योगिक इकाइयों की सघनता, उनके आपसी संबंध, नगरीय जनसंख्या, यातायात सुविधाओं आदि के आधार पर किया जाता है।
➧ झारखंड में इस आधार पर औद्योगिक प्रदेशों का विभाजन करना जटिल कार्य है।
लेकिन फिर भी झारखंड को 7 औद्योगिक प्रदेशों में विभाजित किया जाता है:-
(I) अभ्रक औद्योगिक प्रदेश
➧ इसका विस्तार गिरिडीह, कोडरमा, धनवार, डोमचाच, क्षेत्र में है। यह क्षेत्र रूबी अभ्रक के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
➧ यहाँ अभ्रक परिष्करण के लिए डोमचाच, झुमरी तिलैया, चकरई एवं गिरिडीह में उद्योग लगे हुए हैं।
➧ इस क्षेत्र में सड़क एवं रेल मार्ग भी मौजूद है।
➧ इस क्षेत्र में 500 छोटे-छोटे अभ्रक उद्योग थे, जिसमें 400 से अधिक बंद हो चुके हैं।
(II) दामोदर घाटी औद्योगिक प्रदेश
➧ यह झारखंड की नही, संपूर्ण भारत का विकसित औद्योगिक प्रदेशों में से एक है।
➧ इस क्षेत्र में कोयले का विशाल भंडार है।
➧ कोयला खनन उद्योग के अलावे, लोहा उद्योग, खाद उद्योग एवं कांच उद्योग, रिफेक्टरी उद्योग, बारूद उद्योग भी सक्रिय हैं।
➧ यह मुख्यत: धनबाद और बोकारो जिला का क्षेत्र है।
➧ इस क्षेत्र में नगरीय जनसँख्या भी अधिक है और यातायात के साधन भी विकसित है।
(III) बॉक्साइट खनन औद्योगिक प्रदेश
➧ इसका विस्तार मुख्यत: पाट क्षेत्र में है।
➧ गुमला जिला का उत्तरी भाग, लातेहार जिला का दक्षिणी भाग एवं लोहरदगा जिले के उत्तर-पश्चिमी भाग में बॉक्साइट का विशाल भंडार है। इस क्षेत्र में चाईना क्ले एवं लिग्नाइट खनिज भी प्राप्त होते हैं।
➧ यह नगरीकरण एवं सड़कों का अभाव पाया जाता है।
➧ इस क्षेत्र में बॉक्साइट की उपलब्धता के बावजूद एलमुनियम प्रोसेडिंग प्लांट नहीं है। यही कारण है कि यहां के बॉक्साइट से मुरी प्लांट में एलमुनियम का उत्पादन होता है।
(IV) रांची औद्योगिक प्रदेश
➧ इसे ऊपरी स्वर्णरेखा औद्योगिक प्रदेश भी कहते हैं। इसका विस्तार रांची-रामगढ़ एवं खूंटी जिले में है।
➧ इस क्षेत्र में पतरातु, रामगढ़, ओरमांझी, हटिया, रांची, नामकुम, टाटीसिल्वे, मुरी में औद्योगिक इकाईयों स्थापित है।
➧ इस क्षेत्र के प्रमुख इकाइयां एवं उत्पादन निम्न है
(i) रामगढ़ : कोक कोयला और कांच
(ii) ओरमांझी : सूत उद्योग
(iii) रातू : श्रीराम बॉल बेयरिंग
(iv) सामलौंग : हाइटेंशन इंसुलेटर
(v) टाटीसिल्वे : उषा मार्टिन
(vi) नामकुम : लाह उद्योग
(vii) रांची : ऑटोमोबाइल, बाल्टी निर्माण, कृषि उपकरण
(viii) हटिया : एच.ई.सी.
(ix) तुपुदाना : ग्रेनाइट खनन
(x) खूंटी : ब्लैक ग्रेनाइट उद्योग
(V) जमशेदपुर औद्योगिक प्रदेश
➧ इसका विस्तार चांडिल से घाटशिला तक है इस वृहद औद्योगिक प्रदेश में भारत का सबसे प्रसिद्ध लौह-इस्पात कारखाना जमशेदपुर में स्थापित है।
➧ इससे स्वर्णरेखा प्रौद्योगिकी प्रदेश तथा इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी प्रदेश भी कहा जाता है।
➧ इस क्षेत्र में प्रमुख औद्योगिक केंद्र जमशेदपुर, चांडिल, कांड्रा, जुगसलाई, पोटका, पटमदा, नीमडीह आदि है।
➧ झारखंड के किसी भी औद्योगिक प्रदेश की तुलना में सबसे अधिक संपन्न, सघन और वृहद् औद्योगिक प्रदेश है।
➧ इस क्षेत्र में स्टील निर्माण, वायर प्रोजेक्ट, टीन प्लेट, केबल, टूयूब, कृषि उपकरण, ग्लास उत्पादन की इकाइयां अधिक है।
(VI) घाटशिला-बारहागोड़ा औद्योगिक प्रदेश
➧ इससे पूर्व सिंहभूम औद्योगिक प्रदेश भी कहा जाता है, जो ज्यादा तर्कसंगत प्रतीत नहीं होता।
➧ इस क्षेत्र में मुख्य रूप से तांबा और यूरेनियम के खाने हैं।
➧ तांबा का उत्पादन भोगनी, मुसाबनी, सुरादा, केन्दाडीह, पथरगोड़ा से होता है, जबकि यूरेनियम का उत्पादन घाटशिला से किया जाता है।
➧ इस क्षेत्र में अधिकांश खनन कार्य बंद हो रहे हैं। यहां परिवहन संचार एवं विद्युत प्रणाली का भी अभाव है।
(VII) पश्चिमी सिंहभूम प्रौद्योगिकी प्रदेश
➧ इसका विस्तार पोरहाट से सारंडा के जंगलों के बीच है।
➧ यहां के मुख्य औद्योगिक केंद्र चाईबासा, झींगपानी, नावाडीह, जामदा, मोहनपुर, कराईकेला है।
➧ यह कलकत्ता - मुंबई रेलमार्ग पर स्थित क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में निम्न उद्योग स्थापित है।
(i) नोवामुंडी : एशिया की सबसे बड़ी लौह-अयस्क की खान है।
(ii) कराईकेला : क्रोनियम उत्पादन
(iii) जामदा बूढ़ाबुरु : लौह-अयस्क उत्पादन
(iv) मोहनपुर : मैगनीज उत्पादन
(v) चाईबासा : बीड़ी उद्योग
(vi) झींगापानी : सीमेंट उद्योग
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