झारखंड राज्य का निर्माण आंदोलन से संबंद्ध व्यक्ति
Jharkhand Rajya Nirman Andolan Se Sambandhit Vyakti
➤जयपाल सिंह
➤पृथक (अलग) झारखंड राज्य के अग्रणी नेता जयपाल सिंह का जन्म खुँटी के एक छोटे से गांव टकरा में मुंडा परिवार में 3 फरवरी, 1903 को हुआ था।
➤इनका मूल नाम वेनंद पाल था। ईसाई धर्म ग्रहण करने के बाद इनका नाम ईश्वरदास हो गया, जबकि खूंटी के पुरोहित द्वारा इनका नामकरण जयपालसिंह किया गया।
➤इनके नेतृत्व में 1928 के एम्सटडर्म (नीदरलैंड) में हुए नौवें ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम में पहला स्वर्ण पदक जीता था।
➤1931 में कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष डब्ल्यू सी. बनर्जी की पुत्री तारा मजूमदार के साथ प्रथम विवाह किया।
➤1952 में गठित प्रथम लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए, और 1970 तक लगातार संसद के सदस्य रहे।
➤1954 में इन्होंने ब्रिटिश सेना के कर्नल की याद जहां से द्वितीय विवाह किया।
➤1939 में आदिवासी महासभा का अध्यक्ष बनकर तथा 1950 में झारखंड पार्टी का गठन कर पृथक झारखंड राज्य आंदोलन का नेतृत्व किया।
➤20 जून, 1963 में कांग्रेस पार्टी में झारखंड पार्टी के विलय के पश्चात इन्हें राज्य मंत्री परिषद में सामुदायिक विभाग का कार्यभार लगभग 2 महीने तक संभाला।
➤इनके उत्साह, त्याग और प्रतिभा को देखकर जनता ने इन्हें मरांग गोमके (बड़े गुरुजी) की उपाधि प्रदान की थी।
➤मुण्डा राजा के नाम से भी लोग इन्हें पुकारते थे।
➤23 मार्च, 1970 को नई दिल्ली में (प्रमस्त्ष्किीय रक्तस्राव) ब्रेन हेमरेज से इनकी मृत्यु हो गयी।
➤जुएल लकड़ा
➤इनका जन्म रांची जिले के मुरमू गांव में उरांव जनजाति में हुआ था।
➤धार्मिक रूप से ये ईसाई धर्म (लूथरा) को मानने वाले थे।
➤1920 ई0 में यंग छोटानागपुर टीम के नाम से हॉकी और फुटबॉल टीम का गठन किया।
➤1957 में विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए।
➤इन्होंने गोसनर स्कूल में अध्यापन का कार्य भी किया।
➤ठेबले उरांव
➤यहल छोटा नागपुर उन्नति समाज की स्थापना में जुएल लकड़ा के सहयोगी थे।
➤बाद में वैचारिक मतभेद की वजह से इन्होंने छोटानागपुर उन्नति समाज के समानांतर किसान सभा नामक संगठन की स्थापना 1930 ईस्वी में की।
➤पॉल दयाल
➤रांची के दुमसा टोली में एक उरांव परिवार में इनका जन्म हुआ था।
➤धार्मिक रूप से ये ईसाई धर्म को मानने वाले थे।
➤पेशे से वकील पॉल दयाल छोटानागपुर उन्नति समाज के प्रमुख नेता थे।
➤ये किसान सभा और आदिवासी महासभा के प्रथम सचिव बने। बाद में झारखंड पार्टी के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे।
➤बंदिराम उरांव
➤ये झारखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण नेता थे।
➤ये आदिवासी महासभा के प्रथम उपाध्यक्ष थे।
➤इनका जन्म उरांव परिवार में हुआ था।
➤इग्नेश बेस
➤यह झारखंड पार्टी के प्रमुख नेता थे।
➤इग्नेस बैक छोटा नागपुर के कैथोलिक सचिव थे।
➤इनका जन्म चैनपुर के एक उरांव परिवार में हुआ था
➤सुशील कुमार बागे
➤ये झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण नेता थे।
➤वे झारखंड पार्टी के प्रेस सचिव पद को सुशोभित किया था।
➤1952 के चुनाव में ये झारखंड पार्टी के टिकट पर कोलेबिरा से पहली बार विधायक बने।
➤1957 और 1962 में भी ये विधानसभा के सदस्य चुने गये।
➤इन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभायी।
➤मुंडारी पत्रिका जगर सड़ा का संपादन भी किया।
➤इनका जन्म 1922 में सिमडेगा जिले के कोलेविरा के भींजपुर गॉव में हुआ था।
➤1984 में पटना में इनकी मृत्यु हो गयी।
➤कार्तिक उरांव
➤कार्तिक उरांव का जन्म 1924 में गुमला जिले के करौंदा गांव के लिटाटोली में हुआ था।
➤इन्होंने लंदन से इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा ग्रहण की थी।
➤ये ब्रिटेन ब्रिटिश परमाणु विद्युत संयंत्र हिक्सले प्वाइंट के प्रमुख डिजाइनरों में से एक थे।
➤1961 में भारत वापसी के बाद उन्हें एचईसी रांची में सुपरिटेंडेंट पद पर नियुक्त किया गया।
➤1967 में ये लोहरदगा से लोकसभा के लिए चुने गये।
➤1968 में उन्होंने अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की स्थापना की।
➤झारखंड राज्य आंदोलन के लिए भी उन्हें याद किया जाता है।
➤बिनोद बिहारी महतो
➤झारखंड आंदोलन के प्रकाश स्तंभ विनोद बिहारी महतो को झारखंड आंदोलन को आदिवासी आंदोलन से झारखंडयों के आंदोलन में बदलने का श्रेय जाता है।
➤इन्होने सामाजिक कुप्रथाओं को दूर करने हेतु हेतु शिवाजी समाज संगठन की स्थापना की थी।
➤1973 ईस्वी में इन्होंने शिबू सोरेन के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की तथा इसके संस्थापक अध्यक्ष बने।
➤इन्होंने टुंडी विधानसभा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
➤प्यार से लोग इन्हें बाबू पुकारते थे।
➤शिबू सोरेन
➤झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता, वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष, राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के वरिष्ठ राजनेता हैं।
➤इन्हें गुरुजी और दिशोम गुरु के नाम से भी जाना जाता है।
➤इनका जन्म 1942 में वर्तमान रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था।
➤इनका मूल नाम शिवचरण लाल मांझी था।
➤ये झारखंड राज्य निर्माण के अग्रणी नेताओं में से एक हैं।
➤इन्होंने 1970 ईस्वी में सोनोत संथाल समाज की स्थापना की।
➤ये 1973 में स्थापित झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
➤ये झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रथम महासचिव बने थे।
➤1978 में जंगल काटो अभियान का नेतृत्व भी इन्होंने किया।
➤शिबू सोरेन पहली बार 2 मार्च, 2005 से 12 मार्च, 2005 तक झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर रहे।
➤वे दूसरी बार 27 अगस्त, 2008 से 18 जनवरी, 2009 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
➤तीसरी बार 30 दिसंबर, 2009 से 30 मई 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।
➤निर्मल महतो
➤झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष निर्मल महतो ने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
➤1984 ईस्वी में झारखंड मुक्ति मोर्चा का अध्यक्ष पद संभालने के पश्चात इन्होंने झारखंड आंदोलन को काफी तीव्र कर दिया था।
➤8 अगस्त 1987 ईस्वी को इनकी हत्या कर दी गयी।
➤एन0 ई0 होरो
➤झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता होरो को जयपाल सिंह द्वारा स्थापित झारखंड पार्टी के कांग्रेस में विलय के पश्चात झारखंड आंदोलन को आगे बढ़ाने का श्रेय जाता है।
➤इन्होंने अनेक बार विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया।
➤ए0 के0 राय
➤धनबाद के पूर्व सांसद और मार्क्सवादी समन्वय समिति के नेता ए.के. राय एक संघर्षशील श्रमिक नेता के रूप में जाने जाते हैं।
➤इन्होंने झारखंड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई थी।
➤शैलेंद्र महतो
➤जमशेदपुर के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता रहे हैं।
➤इन्होंने दो बार जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
➤सीताराम जगतराम
➤सर्वप्रथम बिहार विधान मंडल में अलग प्रांत की मांग इन्होंने ही 10 फरवरी, 1961 को की थी।
➤बागुन सुमराई
➤ये झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख नेता रहे हैं।
➤इन्होंने 1967 ईस्वी में ऑल इंडिया झारखंड पार्टी की स्थापना की।
➤ये झारखंड राज्य बनने के बाद झारखंड विधानसभा के प्रथम उपाध्यक्ष बने।
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