Jharkhand Ke Mahadhivakta
(झारखंड के महाधिवक्ता)
➤ महाधिवक्ता राज्य का सबसे ऊंचे विधि अधिकारी होता है, उनकी नियुक्ति राज्यपाल करते हैं।
➤ महाधिवक्ता पद पर नियुक्त होने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद के योग्यता के समान ही योग्यता निर्धारित है, लेकिन उसकी उम्र संबंधी कोई योग्यता निर्धारित निश्चित प्रावधान नहीं है।
➤महाधिवक्ता का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है या राज्यपाल की इच्छा पर निर्भर करती है।
➤ वह ऐसे वेतन का हकदार होता है, जो राज्यपाल समय-समय पर निर्धारित करता है।
➤राज्य सरकार को विधि संबंधी विषयों पर सलाह देना।
➤जो राज्यपाल द्वारा किए गए हो, संविधान या अन्य अधिनियम द्वारा प्रदत कोई विधिक कार्य का निर्वाहन
करना महाधिवक्ता का मुख्य कार्य है।
➤ महाधिवक्ता राज्य के विधान मंडल या किसी समिति में जिसमें उसका नाम सदस्य के रूप में है,
उसमें भाग लेने या अपनी बात रखने का अधिकार महाधिवक्ता को है।
➤लेकिन वह विधानमंडल के किसी भी कार्यवाही में मतदान देने का अधिकार नहीं है।
➤झारखंड के पहले महाधिवक्ता का नाम मंगलमय बनर्जी है।
➤झारखंड के वर्त्तमान महाधिवक्ता का नाम राजीव रंजन है।
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