Jharkhand Ki Pramukh Yojnaye Part-2
(झारखण्ड की प्रमुख योजनाएं)
1) झारखंड सहिया आरोग्य कुंजी योजना (2019)
➤इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराना है।
➤19 जनवरी 2019 को चतरा में मेडिकल कीट एवं मोबाइल एंबुलेंस का वितरण कर इस योजना की शुरुआत की गई।
➤झारखंड सरकार द्वारा इसके लिए ₹400 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया है।
2) मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा (2017)
➤परिवारों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने हेतु इसकी शुरुआत 15 नवंबर 2017 को की गई।
➤इस योजना के तहत 80% लाभ उन बीपीएल परिवारों को मिलेगा, जिनका नाम "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना" में शामिल है, जबकि शेष 20% लाभुक वह बीपीएल परिवार होगा, जो इसके लिए ₹500 प्रीमियम राशि का भुगतान करेगा
3) जननी सुरक्षा योजना 2005
➤इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिला को स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने पर ₹1400 रूपये और शहरी क्षेत्र की गर्भवती महिला को स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने का कराने पर ₹1000, आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाता है।
4) पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्र (2002)
➤इस योजना केवल प्रथम दो जीवित जन्मे बच्चों के लिए दिया जाता है।
➤इस योजना का आरंभ 2002 में किया गया।
➤इस योजना का मुख्य उद्देश्य पहाड़िया जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना था।
5) अनुसूचित जनजाति हेतु आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र (2001)
➤इस योजना का आरंभ 2001 में किया गया।
➤इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के लोगों को मुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराना है।
आवास से संबंधित योजनाएं
1) भीमराव अंबेडकर आवास योजना (2016)
➤इस योजना के तहत 80 करोड़ की लागत से 11 हज़ार घर निर्मित कर राज्य के विधवा महिलाओं को आवंटित किया जाएगा।
2) वेदव्यास आवास योजना (2016)
➤इसका आरंभ 2016 में किया गया है।
➤इसका उद्देश्य झारखण्ड के मछुआरों को आवास प्रदान कराना है।
➤इस योजना के तहत 2017 -18 के वित्तीय वर्ष में 3000 आवास निर्मित कर आवंटित किये गये।
3) बिरसा मुंडा आवास योजना (2002)
➤इस योजना का आरंभ 2002 में किया गया।
➤इस योजना का उद्देश्य आदिम जनजाति के लोगों को आवास निर्माण हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
गरीबी उन्मूलन से संबंधित योजनाएं
1) PTG डाकिया योजना (2017)
➤इसकी घोषणा 6 अप्रैल 2017 में की गई।
➤इस योजना के तहत आदिम जनजाति को 35 किलो चावल राज्य खाद्य विभाग घर पहुँचायेगा।
➤इस योजना के लाभार्थी 70,000 हज़ार है जिनकी साक्षरता दर निम्न है और आर्थिक आय मासिक 1000 हजार से कम है।
2) जोहर योजना (2017)
➤बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की एवं निर्धन परिवार की लड़कियों को शादी हेतु सहायता देने के उद्देश्य से की इसकी शुरुआत 2017 में की गई।
➤इसके तहत प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री विवेका अनुदान कोष के तहत 272 नवविवाहित जोड़ों को ₹111000 रूपये सहायता राशि दी जाएगी।
➤मुर्गी पालन कार्य हेतु राज्य सरकार 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देगी तथा इन मुर्गियों द्वारा दिए गए अंडे को राज्य सरकार स्वयं खरीदेगी।
3) झारखण्ड रिक्शा चालक गरिमा योजना (2015)
➤इसका आरंभ 2014 अगस्त, 2015 को किया गया।
➤इसका उद्देश्य रिक्शा चालकों के जीवन स्तर में सुधार लाना है ।
➤इस योजना के तहत वैसे रिक्शा चालक,जिनके पास अपना रिक्शा नहीं है, उन्हें सरकारी ई-रिक्शा का वितरण करेंगी।
4) मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी (2011)
➤इसका आरंभ 15 नवंबर, 2011 को किया गया।
➤इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के बालिकाओं के पालन पोषण और शिक्षा सुनिश्चित करना है।
5) मुख्यमंत्री दल-भात योजना (2011)
➤इसका आरंभ 15 अगस्त 2011 में अर्जुन मुंडा सरकार ने किया था
➤इस योजना के तहत बीपीएल परिवार के लोगों के 5 रूपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है।
➤2016-17 से इस योजना का नाम मोबाइल किचन योजना कर दिया गया है।
➤यह तमिलनाडु के अम्मा रसोई योजना की तर्ज पर संचालित है, जो झारखंड में 375 केन्द्रों से संचालित की जा रही है।
6) झारखंड मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (2004)
➤झारखंड सरकार द्वारा संचालित पूर्ववर्ती योजना है।
➤इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों को कन्या की शादी में प्रति कन्या ₹30000 की आर्थिक सहायता दी जाती है।
➤इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के नागरिकों को बेटी के शादी से उत्पन्न आर्थिक बोझ को कम करना है।
➤इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को समाज एवं महिला कल्याण विभाग में आवेदन देना होता है।
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