झारखंड में नगर प्रशासन
(Municipal administration in Jharkhand)
➤झारखंड राज्य के शासन-प्रशासन में नगरीय प्रशासन की भूमिका शहरी क्षेत्रों का चयन सुनियोजित विकास स्थानीय संसाधनों का अधिकतम लाभ हेतु उपयोग, स्वास्थ्य व्यवस्था, लोक सेवाओं का निरूपण आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने की होती है।
➤नगर निगम
➤नगर निगम 10 लाख से अधिक लेकिन 20 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में नगर निगम का गठन होता है।
➤नगर निगम झारखंड में रांची, धनबाद, देवघर, हजारीबाग, चास एवं रामगढ़ में नगर निगम स्थापित है।
➤नगर परिषद
➤नगर परिषद का गठन सन 1922 में ही हो गया था जो कई संशोधनों के बाद वर्तमान रूप में आया है।
➤नगर परिषद क्षेत्र की आबादी 5,00,000 लाख से 10,00,000 लाख के बीच होती है।
➤ इसके 4 अंग होते हैं।
1 -परिषद
2 -समिति
3 -अध्यक्ष /उपाध्यक्ष
4 -कर्मचारी।
➤नगर परिषद के सदस्यों की संख्या राज्य सरकार निर्धारित करती है।
➤2016 ईस्वी में झारखंड में नगर परिषद की कुल संख्या 18 है।
➤इसमें 80% सदस्य निर्वाचित होते हैं।
➤ शेष को मनोनीत किया जाता है।
➤वाडो में विभाजित नगर परिषद के प्रत्येक वार्ड का एक पार्षद (कौंसलर) होता है।
➤नगर परिषद के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष अवैतनिक होते हैं।
➤प्रमुख कार्यपालक अधिकारी व उसके सहायक राजस्व, स्वास्थ्य, जल अभियंता, लेखपाल, कनिष्ठ अभियंता, कर दरोगा और अन्य कर्मचारी होते हैं।
➤नगर परिषद के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं
➤पेयजल की आपूर्ति ,हैंडपंपों की स्थापना और रख रखाव।
➤ जन्म और मृत्यु का पंजीकरण व प्रमाण पत्र निर्गत करना।
➤प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना और शिक्षा-व्यवस्था।
➤नगर के सभी मकानों के नंबरों का निर्धारण करना।
➤सार्वजनिक सड़कों एवं गलियों पर प्रकाश-व्यवस्था करना।
➤नगर की नालियों का निर्माण, रख रखाव और सफाई करना।
➤सार्वजनिक स्थलों एवं पार्क आदि की साफ सफाई करना।
➤मच्छर,कीड़ों आदि के प्रकोप की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाना।
➤स्वस्थ संबंधी कार्य, अस्पतालों का रख-रखाव और सफाई आदि करना।
➤पेयजल की स्वच्छता बनाए रखने के लिए कुआँ और हैंडपंपों का रखरखाव।
➤ इसके अतिरिक्त नगरीय प्रशासन में क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी, उन्नयन न्यास और नगर पंचायत भी संबंधित क्षेत्र के सवर्गिन विकास, उसकी नागरिक सुरक्षा, सुविधाओं और शक्तियों और नागरिक अधिकारों के तहत कार्य करते हैं।
➤झारखंड राज्य में क्षेत्रीय विकास परिषद अभी केवल रांची में ही कार्यरत हैं।
➤इसके कार्यों में भी सड़क,बिजली ,पानी आदि की समुचित व्यवस्था करना है।
➤उन्नयन न्यास भी इन्हीं कार्यों को करते हैं।
➤नगर पंचायत 5000 से 10000 की आबादी वाले क्षेत्र में गठित होते हैं।
➤यह व्यवस्था उन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाती है।
➤जो शहरीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने लगते हैं।
➤ऐसे समय में नगर पंचायत योजनाबद्ध विकास के साथ बिजली, पानी, सड़क और स्वच्छता के कार्य संपादित करती है।
➤झारखंड में 15 नगर पंचायत है।
➤छावनी बोर्ड
➤ यह उन शहरों में स्थापित किया जाता है जहां सैन्य छावनी होती है।
➤ यह भारत के प्रतिरक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करते हैं।
➤इनकी कार्यप्रणाली नगरपालिकाओं के समान ही होती हैं।
➤राज्य सरकार का इन छावनी बोर्ड पर कोई नियंत्रण नहीं होता है।
➤झारखंड राज्य में एकमात्र छावनी बोर्ड रामगढ़ में स्थापित है।
➤इसके अतिरिक्त दो अधिसूचित क्षेत्र समिति और एक नगर पालिका जुगसलाई है।
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