झारखण्ड में पंचायती राज व्यवस्था PART-2
(Panchayati Raj system in Jharkhand)
➤ग्राम पंचायत के कार्य
➤पहला प्रशासनिक कार्य :- बजट, लेखा, वसूली, दस्तावेज सांख्यिकीय के आंकड़ों का रख रखाव, जन्म, मृत्यु और विवाह का पंजीयन तथा गांव के पशुओं से संबंधित आंकड़े और भूमि प्रबंधन।
➤कानून व्यवस्था संबंधी कार्य :- गांव की सावधानी पूर्वक निगरानी, सुरक्षा सेवा तथा ग्राम स्वयं सेवक बल का रखरखाव।
➤नागरिक सुविधा संबंधी कार्य :- सड़कों और गलियों, छोटे-बड़े पुलों की मरम्मत, नालियों,कुओ और तालाबों की सफाई की व्यवस्था तथा उनकी देख-रेख घरेलू उपयोग के लिए पानी की व्यवस्था तथा गलियों में प्रकाश व्यवस्था का पर्यवेक्षण इत्यादि।
➤कल्याण संबंधी कार्य :- सूखा और बाढ़ सहायता कार्य, विकलांगों की सहायता, महिलाओं बच्चों तथा पिछड़ी जातियों के लिए कल्याण कार्यक्रम, पंचायत, विद्यालय, पुस्तकालय, अध्ययन कक्ष का रख -रखाव और गांव में लगने वाले मेलों का आयोजन।
➤विकास संबंधी कार्य :- ग्राम की कृषि और सिंचाई योजनाओ के साथ-साथ सहकारी कुटीर
➤ग्राम पंचायत की आय के स्रोत
➤ग्राम पंचायत के आय के तीन प्रमुख स्रोत है।
➤करारोपण से प्राप्त आय :- संपत्ति, व्यवसाय, पशु-वाहन, विद्युत और जल पर निर्धारित कारों से प्राप्त आय इसके अतिरिक्त भूमि कर पर उपकर, चुंगी, विश्राम गृह के उपयोग पर शुल्क और दुकानों पर लगाए गए करों से प्राप्त आय।
➤राज्य सरकारों से अनुदान सहायता तथा।
➤सार्वजनिक योगदान और स्वैच्छिक दान।
➤ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर)
➤ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वप्रमुख अधिकारी - मुखिया / उप मुखिया ,
➤सचिव - पंचायत सेवक
➤सदस्य - प्रति 500 की आबादी पर एक सदस्य का चुनाव
➤स्थाई समितियां :-
1 - उत्पादन समिति (अध्यक्ष - मुखिया)
2 - सामाजिक न्याय समिति (अध्यक्ष- मुखिया)
3 - सुख-सुविधा समिति (अध्यक्ष- मुखिया )
0 comments:
Post a Comment