जनजातीय सुरक्षा और विकास संबंधित संवैधानिक प्रावधान
(Constitutional Provisions Related To Tribal Security And Development)
➤जनजातीय सुरक्षा संबंधी प्रावधान
➤अनुच्छेद 15(4) :- सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षणिक हितों का विकास।
➤अनुच्छेद 16(4) :- पदों वह सेवाओं में आरक्षण।
➤अनुच्छेद 19(5) :-संपत्ति में जनजातियों के हितों की सुरक्षा।
➤अनुच्छेद 23 :- मानव के दुर्व्यवहार और बाल श्रम का प्रतिषेध ।
➤अनुच्छेद 29 :- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण।
➤अनुच्छेद 46 :- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य कमजोर वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि।
➤अनुच्छेद 164(1) :- कुछ राज्यों में (जिसमें झारखंड भी शामिल है) जनजातियों के कल्याण के लिए एक मंत्री भी नियुक्त।
➤अनुच्छेद 330 :- लोकसभा में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों को सुरक्षित रखा गया है।
➤अनुच्छेद 332 :- राज्य की विधान सभाओ में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का रिज़र्व।
➤अनुच्छेद 334 :- स्थानों के आरक्षण एवं विशेष प्रतिनिधित्व का (60) वर्ष के पश्चात न रहना।
➤अनुच्छेद 335 :- सेवाओं एवं पदों के लिए अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के दावे।
➤अनुच्छेद 338 :- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग।
➤अनुच्छेद 339(1) :- राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन एवं अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए राष्ट्रपति द्वारा आयोग की नियुक्ति।
➤पांचवी अनुसूची :- अनुसूचित क्षेत्रों में एवं अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन एवं नियंत्रण के बारे में उपबंध।
➤जनजातीय विकास कल्याण संबंधी प्रावधान
➤अनुसूचित जनजातियों के विकास (कल्याण) से संबंधित प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 275 एक एवं 340 दो में दिए गए हैं।
➤अनुच्छेद 275(1) :- कुछ राज्यों को संघ से अनुदान।
➤अनुच्छेद 339(2) :- दो केंद्रीय कार्यपालिका द्वारा राज्यों को अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए उपयुक्त कार्यक्रमों को लागू करने का निर्देश।
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