झारखंड ऊर्जा नीति 2011(Jharkhand Urja Niti 2011)
➤राज्य के आर्थिक एवं संपूर्ण विकास के लिए ऊर्जा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
➤कृषि, औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्रों में विकास के लिए उर्जा को सार्वभौमिक रूप से एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में स्वीकार किया गया है।
➤बिना ऊर्जा के कोई भी बड़ा आर्थिक विकास संभव नहीं है।
➤वर्तमान समय में ऊर्जा की अपर्याप्त उपलब्धता राज्य के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
➤ऊर्जा की मांग प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है।
➤झारखंड में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की औसत खपत 552 यूनिट है, जिसकी आपूर्ति डी0 वी0 सी0 ,जुस्को एंड सेल से होती है।
➤राष्ट्रीय औसत 720 यूनिट प्रति व्यक्ति से कम है।
➤झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड और तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड की स्थापित क्षमता 1390 MW जिसमे की 1260 MW ताप और 130 MW जल विद्युत् है।
➤झारखंड औद्यौगिक नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकास को गति प्रदान करना है, ताकि झारखंड अन्य राज्यों के समक्ष खड़ा हो सके।
➤यह झारखंड राज्य का सौभाग्य है कि यहां पर ताप आधारित ऊर्जा उत्पादन की संभावना काफी अधिक है।
➤प्रचुर मात्रा में कोल उपलब्ध होने के कारण झारखंड राज्य पावर हब बन सकता है।
➤जहां से दूसरे राज्य को भी विद्युत का निर्यात किया जा सकता है।
झारखंड ऊर्जा नीति का मुख्य उद्देश्य
➤झारखंड ऊर्जा नीति का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करना और विश्वसनीय गुणवत्तायुक्त, फिकायती शिकायती दर पर ऊर्जा की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।
➤झारखंड ऊर्जा नीति 2011 के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य है।
➤सभी घरों में 2014 तक विद्युत की आपूर्ति को सुनिश्चित करना।
➤ऊर्जा की कमी को पूरा करना।
➤उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना।
➤विश्वसनीय एवं गुणवत्तायुक्त ऊर्जा की आपूर्ति उचित दर पर करना।
➤प्रति व्यक्ति विद्युत की उपलब्धता को 2017 तक 1000 यूनिट से अधिक करना।
➤बिजली के ट्रांसमिशन और वितरण क्षमता को दुरुस्त करना, ताकि विद्युत की आपूर्ति, क्षमता, गुणवत्ता को बढ़ाया और घाटे को कम किया जा सके।
➤पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन क्षमता को बढ़ाना।
➤वर्तमान विद्युत उत्पादक संयत्रों का नवीनीकरण करके उनके उत्पादक क्षमता को बढ़ाना।
➤राज्य के सभी गांव एवं घरों का शीघ्र विद्युतीकरण कर उर्जा की आपूर्ति को सुनिश्चित करना।
➤झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन को और अधिक मजबूत करना और उसके प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी बनाना।
➤विद्युत् ऊर्जा का सक्षम तरीके से उपयोग एवं उसके संरक्षण को सुनिश्चित करना।
➤ऐसी संभावना है कि झारखंड ऊर्जा नीति 2011 राज्य के विद्युत समस्या को दूर करने में सक्षम साबित होगा।
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