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Saturday, October 10, 2020

Jharkhand Me Panchayati Raj Vyavstha Part-3(Panchayati Raj system in Jharkhand)

 झारखण्ड में पंचायती राज व्यवस्था PART-3

(Panchayati Raj system in Jharkhand)


पंचायत समिति


पंचायत समिति पंचायत राज व्यवस्था की केंद्रीय धुरी होती है।  

पंचायत समिति की स्थापना प्रखंड स्तर पर होती है। 

पंचायत समिति का वही नाम होता है जो उस प्रखंड का होता है। 

 जैसे:- काके पंचायत समिति, रातू पंचायत समिति इत्यादि।  

गठन

झारखंड में पंचायत समिति का गठन पंचायत समिति के लिए प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्यों (प्रति 5000 की जनसंख्या पर एक सदस्य का चुनाव होता है) प्रखंड क्षेत्र से निर्वाचित सभी मुखिया, विधायक (विधान सभा के सदस्य ) और सांसद (लोकसभा और राज्य सभा के सदस्य) से की जाती है। 

पंचायत समिति का प्रधान प्रमुख कहलाता है।  

उसकी सहायता के लिए एक उपप्रमुख होता है।  

प्रमुख / उपप्रमुख के उम्मीदवार प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्यों में से होते हैं तथा उन्हीं के मतों से बनाए जाते हैं।  


पदाधिकारी

सर्वप्रमुख अधिकारी - प्रमुख / उपप्रमुख :- प्रत्येक पंचायत समिति का एक प्रमुख एवं एक उपप्रमुख 

होता है जिनका निर्वाचन पंचायत समिति के सदस्य अपने सदस्यों के बीच से सकते हैं।  

इन दोनों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है 

दो तिहाई सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव द्वारा प्रमुख को उसके पद से हटाया जा सकता है

प्रमुख पंचायत समिति का प्रधान अधिकारी होता है 

वह पंचायत समिति की बैठक बुलाता है और उसके अध्यक्षता करता है 

वह पंचायत समिति के कागजों की जांच पड़ताल करता है, और सचिव प्रखंड विकास पदाधिकारी पर नियंत्रण रखता है 

प्रमुख की अनुपस्थिति में 'उपप्रमुख' उसके सभी दायित्वों का निर्वाह करता है

सचिव - प्रखंड विकास पदाधिकारी 

प्रखंड विकास पदाधिकारी पंचायत समिति का पदेन सचिव होता है

 वह प्रमुख के आदेश पर पंचायत समिति के निर्णयों को क्रियान्वित करता है तथा उसके कोष से धन खर्च करता है

वह अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का संपादन करता है

वह पंचायत समिति की कार्यवाही में भाग लेता है, लेकिन मतदान नहीं करता है

पंचायत समिति के कार्य 


1- प्रदत कार्य :- पंचायत समिति के विकास और विस्तार कार्यक्रमों से संबंधित राज्य सरकार के नीति 
निर्देशों का कार्यान्यवन  

2- सामुदायिक विकास कार्यक्रम :- विशेषतया कृषि, कुटीर,सिंचाई और लघु उद्योग, पशु पालन और मत्स्य उद्योग , सहकारी , शिक्षा , स्वास्थ्य , सम्प्रेषण तथा महिला कल्याण सहित, सामाजिक कल्याण ,आपातकालीन राहत, आँकड़ों के संग्रह स्वावलम्बी कार्यक्रम

3- पर्यवेक्षण कार्य :- ग्राम पंचायत के कार्यों का पर्यवेक्षण, ग्राम पंचायतों के बजट की जाँच और संशोधन, पुनर्विनियोग करना ,नये कर लगाना, प्रखंड विकास अधिकारी और विस्तार अधिकारी के कार्यों का पर्यवेक्षण आदि 

पंचायत समिति के आय के स्रोत 

समिति की पंचायत समिति के दो प्रमुख स्रोत है 

1- विकास गतिविधियों के लिए सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान तथा 

2-भूमि कर के उपकरण (अंश) से उपार्जित कर
 

पंचायत समिति प्रखंड स्तर पर

➤सर्व प्रमुख अधिकारी- प्रमुख /उप प्रमुख 

सचिव:-प्रखंड विकास पदाधिकारी

सदस्य - निर्वाचित सदस्य :- प्रति 5,000 की आबादी पर एक सदस्य का चुनाव 

पदेन सदस्य:-  प्रखंड क्षेत्र से निर्वाचित सभी मुख्य 

➤सह सदस्य :- प्रखंड क्षेत्र से निर्वाचित विधायक विधानसभा के सदस्य तथा प्रखंड क्षेत्र से निर्वाचित  सांसद (लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्य)

➤स्थायी  समितियां :- 

सामान्य स्थायी समिति (अध्यक्ष- प्रमुख)

वित्त, अंकेक्षण व योजना समिति (अध्यक्ष - प्रमुख)

 सामाजिक न्याय समिति (अध्यक्ष - उपप्रमुख)



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