Jharkhand Me Jantu Sanrakshan Kary
झारखंड में संचालित वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण कार्यक्रम
कार्यक्रम का नाम प्रमुख विशेषताएँ
1- पलामू व्याघ्र परियोजना :- यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें पहले शत-प्रतिशत व्यय केंद्र सरकार द्वारा किया जाता था। परंतु वर्तमान समय में इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है।
2- ग्रीन इंडिया मिशन :- यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है। यह भारत सरकार के नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज के मिशन में से एक है।
3- वन-प्राणी पर्यावास की समेकित विकास योजना :- यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र एवं राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है। इस योजना में राज्य में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान तथा 11 वन्य जीव अभ्यारण्यों के विकास एवं उनके रखरखाव का कार्य किया जा रहा है।
4- इंटेसिफिकेशन ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट योजना :-यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है। इस योजना में वनों में अग्नि सुरक्षा, सीमांकन, सर्वे और वन सीमा स्तंभ का निर्माण किया जा रहा है।
5- राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम :- यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र एवं राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है।
6- हाथी परियोजना :-- यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है।इस योजना के अंतर्गत सिंहभूम गज आरक्ष तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों में हाथियों के पर्यावास का विकास और हाथी कॉरिडोर विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।
7- नेशनल प्लान फॉर कंजवर्शन ऑफ एक्वाटिक इको सिस्टम :- यह केंद्र प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में है। इस योजना के अंतर्गत साहिबगंज स्थित उधवा जल पक्षी अभयारण्य तथा राज्य के अन्य वेटलैंड के संरक्षण एवं विकास संबंधी कार्य किए जा रहे हैं।
8- वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग :- इसके नियंत्रण में राज्य में अवस्थित एक राष्ट्रीय उद्यान, 1 गज परियोजना तथा 11 वन्यजीव अभयारण्य हैं इन वन्यजीव क्षेत्रों के अंतर्गत अक्सर वन्यजीवों के अवैध शिकार तथा उनके अंगों का अवैध व्यापार होता रहता है, अतः विभाग इन पर प्रभावी रूप से नियंत्रण स्थापित करने हेतु वन्य प्राणी अपराध नियंत्रण प्रकोष्ठ गठित करने का प्रस्ताव है।
9- मुख्यमंत्री जन विकास योजना :- किसानों को निजी भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस योजना को वर्ष 2015 में शुरू किया गया। इसका विधिवत कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष 2016-2017 में शुरू हुआ।इसके तहत वनरोपन हेतु लोगों को 75% लागत राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
10- झारखंड टूरिज्म नीति-2015 :- इस योजना के तहत प्रथम चरण में राज्य के 8 क्षेत्रों को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इक-टूरिज़म सेंटर जिला
पारसनाथ गिरिडीह
कैन्हरी हिल हजारीबाग
फॉसिल पार्क साहिबगंज
त्रिकूट पर्वत देवघर
पलामू व्याघ्र परियोजना लातेहार
तिलैया डैम कोडरमा
नेतरहाट लातेहार
दलमा अभयारण्य जमशेदपुर।