झारखंड के खेलकूद
💨1928 के ओलंपिक में
हॉकी का स्वर्ण जीतने
वाली टीम के कप्तान जयपाल
सिंह झारखंड से ही थे।
💨 भारत को झारखंड राज्य
से राष्ट्रीय स्तर के अन्य खिलाड़ी
मिले हैं।
💨झारखंड के
खेलकूद के विकास के
लिए 2007 में खेल नीति बनाई गई है।
झारखंड की खेल नीति 2007 के उद्देश्य :-
💨खेल को
व्यापक बनाना अर्थात सभी के लिए खेल।
💨माध्यमिक स्तर
के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में खेल विषय को सम्मिलित करना ।
💨खेल में
राष्ट्रीय एंड अंतर्राष्ट्रीय श्रेष्ठता प्राप्त करना।
💨विकलांग व्यक्ति
को विशेष छूट प्रदान करना।
💨देशज एवं
पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन देना।
💨सुव्यवस्थित एवं
सुसंगत ढंग से प्रतिभा का
चयन करना तथा प्रतिभा के पूर्ण विकसित होने में सहयोग करना।
खिलाड़ियों की नियुक्ति
💨सभी राज्य
राष्ट्रीय पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में
खेलकूद कोटा के अंतर्गत 2% पद प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के लिए
आरक्षित किया गया है।
💨2014 में राज्य सरकार ने सीधी नियुक्ति
नियमावली बनाई है।
💨खेल कूद
कोटा अंतर्गत पदों को आरक्षण क्षेतीज
रूप से विनियमित किया जाना है।
💨चयनित खिलाड़ी
जिस कोटि के होंगे उनकी
नियुक्ति उसी रिक्त पद के विरुद्ध
होगी।
💨अर्थात आनआरक्षित
वर्ग के खिलाड़ी आनआरक्षित
कोटे में तथा आरक्षित कोटे के खिलाड़ी संबंधित
कोटे के रिक्त पद के विरुद्ध
नियुक्त किए जाएं।
खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के निम्न
भागों में रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाता है
भागों में रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाता है
💨कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग
💨 गृह विभाग
💨ग्रामीण विकास विभाग
💨 पंचायती राज विभाग
💨मानव संसाधन विकास विभाग
💨झारखण्ड खेल परिकरण की स्थापना 2006 में की गई थी
💨यह सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अंतर्गत 2006 में निबंधित किया गया।
💨खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन वह बढ़ावा देना।
💨खेलकूद के संबंध में सरकार को परामर्श देना।
💨सरकार की नीतियों का अनुपालन करना ।
💨प्रतियोगिता खेल प्रदर्शनी एवं खेल प्रशिक्षण का आयोजन करना।
💨भारतीय ओलंपिक खेल संघ से सहयोग और समन्वय स्थापित करना।
💨 खेल के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहन देना ।
💨शारीरिक शिक्षा व्यायाम और खेल औषधि की आवश्यक व्यवस्था करना।
💨वर्तमान में खेल अकादमी की स्थापना और उसका संचालन का संपूर्ण
दायित्व झारखंड खेल प्राधिकरण के पास है।
💨झारखंड खेल प्राधिकरण सभी खेलों के लिए अकादमी स्थापित करने के लिए स्वतंत्र हैं।
💨विभाग समय-समय पर खिलाड़ियों की संख्या में भी परिवर्तन कर सकेगा।
💨खेल एकेडमी में नामांकन हेतु खिलाड़ियों का चयन समिति द्वारा किया जाता।
💨सभी छात्र छात्राओं के नामांकन में तो अधिकतम आयु सीमा 14 वर्ष होगी।
💨खेल अकादमी में आवास भोजन की सुविधा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल कीट वर्ष में दो
बार छात्र- छात्राओं को दिया जाएगा।
💨1000/- प्रति माह छात्रवृत्ति आदि की व्यवस्था करना अनिवार्य है।
खेल विश्वविद्यालय
💨झारखंड
राज्य
के
रांची
में
देश
का
पहला
खेल
विश्वविद्यालय की स्थापना
की
जा
रही
है जो
हमारे लिए
गर्व
की
बात
है ।
💨2015 में झारखंड सरकार और सेंट्रल कोलफील्ड रांची सीसीएल के बीच खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समझौता हुआ।
💨राज्य
में
इसका
वर्ल्ड
क्लास
इंफ्रास्ट्रक्चर होगा।
💨झारखंड
के
खिलाड़ियों ने देश और
दुनिया
में
झारखंड
का
परचम
लहराया
है।
💨इस समझौता के अंतर्गत 2018 तक विश्वविद्यालय की स्थापना करेगा जो शारीरिक शिक्षा,योग, व्यायाम क्रिया,विज्ञान एवं जीव यांत्रिक,क्रीड़ा प्रबंधन कौशल एवं क्रीड़ा मनोविज्ञान तथा समाज विज्ञान,उन्नत क्रीड़ा प्रशिक्षण एवं तकनीकी इत्यादि में उच्च शिक्षा प्रदान करेगा।
💨सीसीएल खेल विश्वविद्यालय की विद्यार्थी क्षमता का 50% झारखंड निवासियों से चयन करेगा और झारखंड निवासी को ली जाने वाली उनकी राशि पर 25% की छूट प्रदान करेगा।
💨सीसीएल को वृहद क्रीड़ा परिसर होटवार एवं एस्ट्रोटर्फ हॉकी क्रीड़ागण मोराबादी 30 वर्षों की स्वीकृति पर देगा।
💨फरवरी 2011 में 34वें राष्ट्रीय खेल आयोजन के बाद विशाल खेल परिसर अनुपयुक्त पड़ा था इसके समुचित उपयोग के लिए आवश्यक था कि यहां खेल विश्वविद्यालय बनाया जाए।
0 comments:
Post a Comment