Thursday, August 12, 2021
Chotanagpur Kashtkari Adhiniyam 1908 Part-4 (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908)
Friday, July 9, 2021
Jharkhand Suchna Prodyogiki (झारखंड सूचना प्रौद्योगिकी)
Jharkhand Suchna Prodyogiki
झारखंड सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से संबंधित संस्थाएं
1. जैप आईटी (JAPIT) :- भारत सरकार की विभिन्न महत्वपूर्ण ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार को एक स्वायत्त संस्था के रूप में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग के अधीन जैप-आईटी (झारखंड एजेंसी फॉर प्रोमोशन ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी) का गठन किया गया है।
➦ जैप-आईटी सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग के अंतर्गत एक निबंधित संस्था है। इसका गठन 29.03.2004 को किया गया है तथा यह सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 21, 1860 के अंतर्गत निबंधित है।
➦ सूचना प्रौद्योगिकी से विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण करना एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में ई-गवर्नेंस लागू करना है। इसके द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कंप्यूटरीकरण के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की सेवाएं विकसित क्रियाविन्त कर की जा रही है, जैसे:- झारनेट, ई-प्रोक्योरमेंट, ई- मुलाकात, ई-निबंधन, ई-कोर्ट, ई-जिला, ई-नागरिक, पोर्टल का विकास, ई-कल्याण, ई-कल्याण, फाइल ट्रैक्टर, ई-ऑफिस इत्यादि हैं।
2-झारखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (JSAC) :- झारखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, रांची की स्थापना वर्ष 2003 में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग, झारखंड सरकार के अंतर्गत इसरो, भारत सरकार के सहयोग से की गई है। केंद्र के मुख्य उद्देश्य निम्नवत है:-
(i) आंतरिक तकनीकी के सहारे संपूर्ण राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का आकलन एवं मानचित्रीकरण करना।
(ii) अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग के क्षेत्र में सुदूर संवेदन, भौगोलिक सूचना तंत्र, भूमंडलीय स्थानीकरण तंत्र तथा उपग्रह संपर्क के सहारे राज्य के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
➦ रिमोट सेटिंग द्वारा GIS प्रणाली का उपयोग करते हुए लगभग 85 थिमेटिक लेयर विकसित की है, जिसका उपयोग विभिन्न विभागों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन तथा योजना हेतु किया जा रहा है।
3. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) :- झारखंड राज्य की स्थापना के बाद से राज्य मुख्यालय एवं 22 जिलों में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र लगातार महत्वपूर्ण सेवाएं देता आ रहा है।
➦ प्रारंभ में मंत्रालयों सचिवालयों, विधानसभा एवं राजधानी अवस्थित सभी प्रमुख भवनों की नेटवर्किंग, इंटरनेट की सुविधा सभी ज़िलों , सभी माननीय मंत्रियों एवं सचिवों के कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का नेटवर्क एवं राज्य की अधिकृत वेबसाइट के निर्माण में इसका उल्लेखनीय योगदान रहा है।
Tuesday, July 6, 2021
Jharkhand Ki Aarthik Sthiti (झारखंड की आर्थिक स्थिति)
Jharkhand Ki Aarthik Sthiti
➦ राज्य गठन से पूर्व झारखंड की आर्थिक स्थिति
➦ झारखंड के आर्थिक विकास को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
(I) राज्य गठन से पूर्व झारखंड की आर्थिक स्थिति
➦ आदिवासी समाज के प्रमुख समस्याएं निम्न थी।
(II) 15 नवंबर, 2000 के बाद राज्य का विकास
Sunday, July 4, 2021
Pesa Adhiniyam-1996 (पेसा अधिनियम 1996)
Pesa Adhiniyam 1996
➦ पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों के विस्तार) अधिनियम, 1996
➦ पेसा का पूरा नाम 'पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) कानून (The Provisions on the Panchayats Extension to the Scheduled Area Act.) है।
➦ यह कानून संविधान के पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित क्षेत्र में ही प्रभावी होती है। याद रहे कि झारखंड राज्य के 13 जिले और कुछ सीमित क्षेत्र संविधान के पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं।
➦ कांतिलाल भूरिया समिति की सिफारिश पर यह सहमति बनी कि अनुसूचित क्षेत्रों के लिए एक केंद्रीय कानून बनाना ठीक रहेगा, जिसके दायरे में राज्य विधानमंडल अपने-अपने कानून बना सकें।
➦ इसी दृष्टिकोण से दिसंबर, 1996 में संसद में विधेयक प्रस्तुत किया गया दिसंबर, 1996 में ही यह दोनों सदनों से पारित हो गया तथा 24 दिसंबर को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त कर लागू हो गया।
➦ इसका अन्य उद्देश्य जनजातीय जनसंख्या को स्वशासन प्रदान करना, पारंपारिक परिपार्टियों की सुसंगता में उपयुक्त प्रशासनिक ढांचा विकसित करना तथा ग्राम सभा को सभी गतिविधियों का केंद्र बनाना भी है।
➦ वर्तमान में यह कानून झारखंड सहित 10 राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और राजस्थान) में लागू होता है।
पेसा कानून के प्रमुख प्रावधान एवं विशेषताएं
➦ इस अधिनियम की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें जनजातीय समाजों की ग्राम सभाओं को अत्यधिक ताकत दी गई है।
➦ प्रत्येक ग्राम में 1 ग्राम सभा होगी, जिसमें वे सभी व्यक्ति शामिल होंगे जिनका नाम ग्राम स्तर पर पंचायत के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में शामिल है।
➦ ग्राम सभा नागरिकों के परंपराओं तथा सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने का कार्य करेगी साथ ही सामुदायिक संसाधनों के संरक्षण और विवादों के पारंपरिक निपटारे में मुख्य भूमिका निभाएगी।
➦ ग्राम सभा अपने क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं अनुमोदित करेगी।
➦ ग्राम सभा अपने क्षेत्र में क्रियान्वित गरीबी उन्मूलन तथा दूसरे लोकहित कार्यक्रमों हेतु लाभार्थियों की पहचान और चयन करेगी।
➦ ग्राम सभा अपने क्षेत्र में चालू विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के पश्चात संबंधित ग्राम से उपयोगिता प्रमाण- पत्र प्राप्त करेगी। जिसमें यह वर्णित होगा कि इस योजना में धन का उचित उपयोग हुआ है।
➦ संविधान के भाग 9 के अंतर्गत जिन समुदायों के संबंध में आरक्षण के प्रावधान है उन्हें अनुसूचित क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायत में उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा साथ ही यह शर्त भी है कि अनुसूचित जनजातियों का आरक्षण कुल स्थानों के 50% से कम नहीं होगा तथा पंचायतों के सभी स्तरों पर अध्यक्षों के पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगे।
➦ मध्यवर्ती तथा जिला स्तर की पंचायतों में राज्य सरकार उन अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधियों को भी मनोनीत कर सकेगी जिनका उन पंचायतों में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, किंतु ऐसे मनोनीत प्रतिनिधियों की संख्या चुने जाने वाले कुल प्रतिनिधियों के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
➦ ग्राम सभा या समुचित स्तर पर पंचायतों से विकास योजनाओं के लिए अनुसूचित क्षेत्रों में अर्जन करने से पूर्व सहमति ली जाएगी साथ ही ऐसी परियोजनाओं द्वारा प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु विस्थापन से पूर्व परामर्श किया जाएगा।
➦ अनुसूचित क्षेत्रों में लघु खनिज के उत्खनन के लिए लाइसेंस देने, लघु खनिज वाले क्षेत्र को लीज पर देने से पहले ग्राम सभा या पंचायत के समुचित स्तर पर पूर्व अनुमति आवश्यक है। साथ ही लघु खनिज के उपयोग में किसी भी प्रकार के रियायत देने से के पहले पंचायतों से अनुमति लेनी आवश्यक होगी।
➦ अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों को स्वशासन की संस्थाओं के तौर पर कार्य करने के लायक बनाने के लिए अपेक्षित शक्तियां और अधिकार देते हुए राज्यों के विधानमंडल यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामसभा और पंचायतों को निश्चित रूप से शक्तियां प्रदान की गई हो, जो निम्नलिखित हैं-
(i) किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के विक्रय और सेवन के विनियमन एवं नियंत्रण करने का अधिकार।
(ii) लघु वनोउत्पाद का स्वामित्व।
(iii) अनुसूचित क्षेत्र में भूमि हस्तांतरण को रोकने की शक्ति और किसी अनुसूचित जनजातियों की अवैध रूप से हस्तांतरित की गई भूमि की पुनर्वापसी के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार।
(iv) ग्राम स्तरीय हाटों/ बाजारों के प्रबंधन का अधिकार।
(v) अनुसूचित जनजातियों को ऋण देने पर नियंत्रण का अधिकार।
(vi) सामाजिक संस्थाओं और कार्यकर्ताओं के कार्यकलापों पर नियंत्रण का अधिकार।
(viii) स्थानीय योजनाओं (जनजातीय उप योजना सहित)और स्रोतों पर नियंत्रण का अधिकार।
पेसा अधिनियम से जुड़ी समस्याएं
➦ पेसा के अंतर्गत प्रत्येक गांव में 1 ग्राम सभा का प्रावधान किया गया है, जबकि कई स्थितियों में 1 ग्राम पंचायत एक से अधिक ग्राम सभाओं द्वारा चुनी जाती है। ऐसी स्थिति में समस्या यह आती है कि अगर पंचायत के किसी निर्णय पर अलग-अलग ग्राम सभाओं की पृथक राय हो तो अंतिम निर्णय कैसा होगा।
➦ लघु वन उत्पादों को लेकर ग्राम सभाओं के अधिकार संबंधी व्याख्या पर भी विवाद है प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि कोई ग्राम सभा उतने ही वन क्षेत्र के उत्पादों पर अपने अधिकार का दावा कर सकती है जो उसकी राजस्व सीमाओं के अंदर आता है।
➦ यह अधिनियम सिर्फ उन क्षेत्रों पर लागू होता है जिन्हें पांचवी अनुसूची के तहत क्षेत्र माना गया है ऐसे क्षेत्र जिसमें जनजातियों की काफी संख्या है किंतु व अनुसूचित क्षेत्र नहीं है, इस कानून का लाभ नहीं ले पाते हैं।
➦ कानून के पालन में राजनीति इच्छाशक्ति की कमी, नक्सलवाद जैसी समस्याओं की बाधाएं, भू हस्तांतरण में के नियमों में स्पष्टता न होना भी समस्याएं हैं।
पेसा अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव
➦ पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन में आई समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2013 में उसमें संशोधन करने के लिए एक विधेयक तैयार किया था जो अभी पारित नहीं हो सका है।
➦ यह संशोधन विधेयक अपनी प्रकृति में काफी प्रगतिशील है जिसमें कई उपबंध किए गए थे, जैसे :-
(i) अधिग्रहण या पुनर्वास से जुड़े उक्त मामलों के लिए ग्राम सभा या पंचायत की जानकारी पूर्ण सहमति ली जाएगी।
(ii) संशोधन विधेयक में पुनर्वास के साथ धारणीय आजीविका शब्दावली का प्रयोग किया गया है।
(iii) पैसा संशोधन विधेयक में गौण खनिजों के साथ-साथ महत्वपूर्ण खनिजों को भी शामिल कर लिया गया है।
(iv) पेसा संशोधन विधेयक में यह व्यवस्था भी की गई है कि केंद्र सरकार इस अधिनियम तथा इसके तहत बनाए गए नियमों के प्रभावी प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकारों को सामान्य तथा विशेष निर्देश जारी कर सकेगी।
पेसा के संदर्भ में अन्य सुझाव
(i) पेसा कानून के लागू करते वक्त एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाए, ताकि नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप इसे लागू किया जा सके।
(ii) ग्राम सभा और पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाये।
(iii) पेसा के तहत आने वाले क्षेत्रों में योजना बनाते समय राज्य सरकार, पंचायती राज मंत्रालय एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय आपस में मशविरा अवश्य करें।
पेसा का महत्व
पेसा कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए तो यह न केवल विकास बल्कि लोकतंत्र को भी विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इस कानून की महता निम्न बातों में निहित है।
(i) इससे निर्णय प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी में वृद्धि होगी।
(ii) आदिवासी क्षेत्रों में अलगाव की भावना कम होगी।
(iii) सार्वजनिक संसाधनों के उपयोग पर बेहतर नियंत्रण संभव होगा।
(iv) जनजातीय आबादी में गरीबी और पलायन कम हो जाएगा।
(v) जनजातीय समाज के आजीविका और आय में सुधार होगा।
(vi) आदिवासी समाज का शोषण कम होगा
(vii) ग्राम सभा द्वारा ऋण देने, शराब की बिक्री खपत एवं गांव बाजारों का प्रबंधन करने से कई सामाजिक कुरीतियों पर विराम लगेगा।
(viii) भूमि के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगेगी तथा आदिवासियों की अवैध रूप से हस्तांतरित जमीन की पुनः प्राप्ति संभव हो सकेगी।
(ix) इससे जनजातीय परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के संरक्षण में मदद मिलेगी।
Saturday, July 3, 2021
Jharkhand Ke Vividh Tathya- Part-2 (झारखंड के विविध तथ्य)
Jharkhand Ke Vividh Tathya- Part-2
➦ विशिष्ट इंडिया रिजर्व (आदिम जनजाति) बटालियन का मुख्यालय दुमका से स्थानांतरित कर पाकुड़ किया गया है।
➦ सरकारी नौकरी एवं शैक्षणिक संस्थानों में निः शक्तों को आरक्षण 3% से बढ़ाकर 5% कर दिया गया है।
➦ झारखंड में चार काउंटर इमरजेंसी एंड एंटी टेररिस्ट स्कूल (नेतरहाट, पदमा, मुसाबनी एवं रांची के टेंडर गांव) संचालित है।
➦ विधिक सहायता अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज वैसे मामले में जिनमें आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है, से संबंधित पीड़ितों को एक मुश्त ₹5000 विधिक सहायता प्रदान की जाती है।
➦ देश में संचालित ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत झारखंड के 252 गांवों को शामिल किया गया है।
➦ राज्य में 14 अप्रैल, 2018 को ग्राम स्वराज अभियान का शुभारंभ चतरा के शेषनाग गांव में किया गया है। इस अभियान में मुख्य रूप से वैसे दलित बहुल गांवों का चयन किया गया है, जो घोर अपेक्षित एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हैं।
➦ स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए महिला सहायता समूह "पूजा गुलाब सरस्वती सूर्यमुखी" को एक करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है।
➦ राज्य में मधुमक्खी पालन हेतु "मीठी क्रांति" आरंभ की गई है।
➦ देवघर के देवीपुर में प्लास्टिक पार्क की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
➦ राज्य में कोकून का सर्वाधिक उत्पादन दुमका जिले में होता है।
➦ राज्य के गिरिडीह जिले के मिर्जागंज में दुग्ध का शीतलन केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
➦ देश के ईस्ट जोन में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में रांची जिला के बुंडू को क्लीनेस्ट सिटी घोषित किया गया है।
➦ निजी क्षेत्र में 2 नए विश्वविद्यालय साईनाथ एवं उषा मार्टिन विश्वविद्यालय की स्थापना की मंजूरी दी गई है।
➦ नीति आयोग द्वारा मार्च 2018 ईस्वी में जारी ट्रांसफॉरमेशन ऑफ एसिपरेशनल डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट रैंकिंग में पूर्वी सिंहभूम जिला देश में पहले स्थान पर है। इस सूची में लोहरदगा को सातवां स्थान प्राप्त हुआ है।
➦ नीति आयोग द्वारा मार्च 2018 ईस्वी में जारी 101 जिलों की स्वास्थ्य-पोषण सुविधाओं की रैंकिंग में गुमला 12वें स्थान पर तथा पाकुड़ 50 में स्थान पर है।
➦ फरवरी 2018 में नीति आयोग द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट में स्वास्थ सुधार में किए गए प्रयासों में झारखंड को प्रथम स्थान प्रदान किया गया है, जबकि ओवर ऑल रैंकिंग में झारखंड को 14वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
➦ जमशेदपुर शहर ने स्वच्छता ऐप डाउनलोड में झारखंड में प्रथम स्थान प्राप्त किया है यह मध्यप्रदेश के देवास शहर के बाद देश का दूसरा शहर बना।
➦ केंद्रीय श्रम एवं नियोजन विभाग, भारत सरकार के अनुसार झारखंड के पत्थर और कोयला खदान में कार्यरत 11 हज़ार श्रमिक सिलकोसिस नामक बीमारी से ग्रसित है।
➦ टाटा समूह को लगातार पांचवीं बार वर्ष 2017 का बेस्ट इंडियन ब्रांडस रिपोर्ट में सर्वश्रेष्ठ ब्रांड चुना गया है। यह रिपोर्ट ब्रांड परामर्श फर्म इंटरब्रांड इंडिया द्वारा जारी किया जाता है।
➦ झारखंड सरकार शहीदों के परिजनों को घर बनाने के लिए 12 पॉइंट 5 डिसमिल और खेती के लिए 5 एकड़ जमीन देगी। पहले से उन्हें ₹10 लाख रूपये देने का प्रावधान है।
➦ झारखंड सरकार ने 20 फिल्मों के निर्माण की स्वीकृति दी है इसमें संथाली भाषा की 4 , नागपुरी की 3, बांग्ला के 3 , खोरठा की 1, भोजपुरी की 3 तथा हिंदी की 6 फिल्में शामिल हैं।
➦ कल्याणी शरण को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
➦ झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के नए अध्यक्ष के रूप में कमाल खान की नियुक्ति की गई।
➦ 31 अक्टूबर, 2015 को मोबाइल ऐप का उद्घाटन सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा हैकथोंन(Hackthon) का आयोजन सरकारी विभागों के कार्यों को सुगम बनाने, नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने एवं नए प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया है।
➦ भारत नेट परियोजना भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना है । इस परियोजना का उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
➦ हिंसा पीड़ित और प्रताड़ित महिलाओं के लिए "सखी केंद्र" वन स्टॉप सेंटर सहारा बनेगी। यह केंद्र द्वारा संचालित तीसरा सेंटर है। छत्तीसगढ़ एवं नोएडा के बाद झारखंड के रिनपास में यह सेंटर स्थापित किया जाएगा।
➦ झारखण्ड - बिहार पुलिस और सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से सीमवर्ती जिलों के जंगलों एवं पहाड़ियों में जॉइंट ऑपरेशन "ऑपरेशन सफाया" नाम से चलाया है।
➦ टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने टाटा समूह की सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के चेयरमैन पद पर इशात हुसैन को नियुक्त किया है।
➦ झारखंड एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष मधुकांता पाठक को भारतीय एथलेटिक्स संघ का संयुक्त सचिव बनाया गया है।
➦ झारखंड एकमात्र राज्य है, जहां किसानों के लिए कृषि सिंगल विंडो की व्यवस्था की गई।
➦ बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद तथा देवघर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और रांची और खरसावां में 'सिल्क पार्क' की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है।
➦ राज्य के 07 ज़िलों यथा-साहिबगंज, गढ़वा, गोड्डा, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह एवं कोडरमा में राष्ट्रीय बागवानी मिशन कार्यक्रम संचालित है।
➦ शहरी क्षेत्रों में अवस्थित पार्कों के प्रबंधन एवं विकास हेतु राज्य स्तरीय समिति 'झाड़ पार्क' (Jharparks) का गठन किये जाने का प्रस्ताव है।
➦ हजारीबाग स्थित शहीद निर्मल महतो झारपार्क कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
➦ राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के होटवार, रांची स्थित परिसर में 'इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग स्कूल' एवं चाकुलिया, मुसाबनी में कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की जा रही हैं।
➦ बरही, हजारीबाग में 'ग्रोथ कलस्टर' गोड्डा में 'हस्तकरघा कलेक्टर' और आदित्यपुर में 'इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर' की स्थापना की जा रही है।
➦ रांची के इटकी में 'मेडिको सिटी' तथा ब्रांबे में 'कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर' की स्थापना का प्रावधान है।
➦ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद के सहयोग से डिजाइन इंस्टीट्यूट रांची की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है।
➦ संथाल परगना के विकास के लिए एसपियाडा (SPIADA) का गठन किया गया है। इसका मुख्यालय देवघर के देवीपुर में प्रस्तावित है। यहां एक भाग में 'प्लास्टिक पार्क' भी बनाया जाएगा।
➦ दुमका में नये तारामंडल तथा देवघर में मिनी तारामंडल की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है।
➦ '108' इमरजेंसी मेडिकल एंबुलेंस सर्विस योजना राज्य में 2016 से प्रारंभ हुआ है।
➦ झारखंड सरकार द्वारा 30 अगस्त, 2016 को राज्य में लोक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू किया गया। PFMS को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य है।
➦ 31 अक्टूबर, 2016 को गोवा सरकार और झारखंड सरकार के बीच पर्यटन के क्षेत्र में एम. ओ.यू. हुआ है।
➦ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2017 को महिला उद्यमी वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।
➦ राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 अप्रैल, 2016 को राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रोत्साहन हेतु राज्य के विभिन्न विभागों के रोजगार में 2% आरक्षण देने की घोषणा की है।
➦ झारखंड सरकार ने निगरानी ब्यूरो का नाम बदलकर "भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो" कर दिया है।
➦ मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आदिम जनजाति के सभी परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न निशुल्क देने का प्रावधान किया गया है।
➦ रांची में मैप प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की जा रहे हैं।
➦ विश्व बैंक संपोषित 'नीर निर्मल परियोजना' अंतर्गत झारखंड भारतवर्ष में सबसे अधिक ग्रामीण जलापूर्ति योजना पूरा करने वाला प्रथम राज्य है।
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Friday, July 2, 2021
Jharkhand Audyogik Niti-2012 (झारखंड औद्योगिक नीति -2012)
Jharkhand Audyogik Niti-2012
➧ झारखंड की दूसरी औद्योगिक नीति की घोषणा 2012 में की गई।
➧ यह नीति आगामी 5 वर्षों के लिए घोषित की गई थी।
प्रमुख उद्देश्य
1. झारखंड को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाना।
2. सतत औद्योगिक विकास करना।
3. वृहद-सुक्ष्म-लघु उद्योगों के बीच बेहतर तालमेल की स्थापना करना।
4. राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का अनुकूलतम दोहन करना।
5. रोजगार प्रधान उद्योगों जैसे :- रेशम, हथकरघा, खादी ग्राम उद्योग को बढ़ावा देना।
6. पर्यावरण की दृष्टि से प्रदूषण मुक्त उद्योगों को बढ़ावा देना। जैसे :- पर्यटन, आईटी, बायोटेक्नोलॉजी आदि।
7. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे :- बागवानी, फूलों की खेती को बढ़वा देना।
8. आर्थिक विकास लाभ में SC/ST लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
9. नवोनमेषि (Enovation) तकनीकी के विकास पर बल।
10. क्षेत्रीय विषमता समाप्त करना।
11. कानून व्यवस्था में सुधार करना।
12. सरकारी कानून का सरलीकरण करना।
13.विकास के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीटी मोड(PPP MODE) को विकसित करना।
14. निजी निवेश से कौशल विकास करना जैसे - इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, आईटीआई स्थानों की स्थापना।
सफलता के लिए कार्ययोजना (Action Plan)
1. राज्य आधारभूत संरचना जैसे :- सड़क, बिजली, पानी आदि पर बल देगी।
2. निर्णय को सरल बनाने हेतु सिंगल विंडो सिस्टम (एकल खिड़की) की व्यवस्था करेगी (झारखंड सरकार द्वारा 2015 में इसे लागू किया गया तथा ऐसा करने वाला यह भारत का प्रथम राज्य बना)।
3. वित्तीय लाभ को युक्तियुक्त बनाना।
4. औद्योगिक विकास क्षेत्र, पार्क, जैसे आधारभूत संरचना का निर्माण करना।
5. बीमार एवं रुग्ण इकाइयों की पहचान कर उनका संरक्षण करना।
6. मध्यम-लघु-सूक्ष्म उद्योगों के लिए संकुल बनाना।
7. विस्थापन एवं पुनर्वास नीति, 2008 में सुधार करना।
सफलता हेतु महत्वपूर्ण प्रयास
➧ सरकार जिला स्तर पर भूमि बैंक बनाएगी तथा 200-500 एकड़ जमीन अधिग्रहण करेगी, ताकि जिले में आधारभूत औद्योगिक संरचना खड़ी की जा सके।
➧ सरकार कृषि भूमि के अधिग्रहण से परहेज करेंगी।
➧ भूमि बैंक का अधिकतर उद्योग सरकारी उद्यम के लिए होगी। अतिरिक्त भूमि रहने पर निजी निवेशकों को भी दिया जाएगा।
➧ सरकारी भूमि का हस्तांतरण 30 वर्ष के पट्टे पर होगी।
➧ लीज के नियम एवं शर्तों का निर्धारण राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग करेगा।
➧ 5 वर्ष के अंदर अगर निवेशक भूमि का उपयोग नहीं किए तो भूमि वापस ले ली जाएगी।
➧ सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए सीएनटी(CNT) और एसपीटी (SPT) एक्ट में संशोधन भी किया है।
इस संशोधन के अनुसार
(i) सरकार उद्योग एवं खनन के अलावे दूसरे विकास कार्यों के लिए भी CNT/SPT एक्ट के तहत आने वाले भूमि को अधिग्रहित कर सकेगी।
(ii) सीएनटी/एसपीटी एक्ट के तहत आने वाले भूमि को मालिक, कृषि के अलावे उसपर व्यवसायिक उपयोग भी कर सकेगा तथा अपनी भूमि को रेंट पर दे सकेगा। हालांकि उसका मालिकाना हक़ उस पर सुरक्षित रहेगा।
➧ स्थानीय खनिज उन उद्योगों को दिया जायेगा जो राज्य से संबंधित हो।
➧ औद्योगिक इकाइयों के लिए नियम बनेगा की वे न्यूनतम जल का उपयोग करें या फिर तकनीक द्वारा जल का पुनर्चक्रण करें।
➧ सरकार ने कोडरमा - बहरागोड़ा एवं पतरातु - रांची - रामगढ़ औद्योगिक गलियारों को चिन्हित किया है।
➧ निजी प्रोत्साहन से औद्योगिक पार्क के लिए भी प्रयास किया जा रहा है।
➧ आदित्यपुर में सरकार ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) खोल रही है।
➧ भूमि अधिग्रहण का कार्य करने तथा आधारभूत संरचना को खड़ा करने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण आईआरडीए(IRDA) गठित किया है। यह -
(i) सड़क, पार्क, ड्रेनेज, तथा जलापूर्ति औद्योगिक क्षेत्र में बहाल करेगी।
(ii) 30 वर्ष के लिए भूमि देने तथा उसका नवीनीकरण करने का कार्य ही संस्था करेगी।
(iii) उपयुक्त मद में भूमि का उपयोग हुआ या नहीं जाँच करेगा।
(iv) यह न्यूनतम 1000 एकड़ भूमि अधिग्रहित करेगा, जिसका 40% सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के लिए आरक्षित होगा। शेष औद्योगिक क्षेत्र, पार्क बनाने में खर्च होगा ।
(v) 10% भूमि उन लोगों के लिए आरक्षित रखेगा जो अपना भूमि खोये हुए हैं और शर्तों पर एक एकड़ में औद्योगिक इकाई खोलने के इच्छुक हैं, हालांकि निरीक्षण उपरांत भूमि आवंटन रद्द करने का अधिकार भी इसी संस्था के पास होगा।
(vi) सूक्ष्म एवं लघु उद्योग 2 वर्ष के अंतर्गत भूमि का उपयोग नहीं किये तो ऐसे में उसका आवंटन भी रद्द कर सकता है।
➧ उद्योगों के विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी स्किल डेवलपमेंट पर निर्भर करता है। ऐसे में राज्य-
(i) 13 पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थापित किया है।
(ii) 17 पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण कार्य जारी है।
(iii) कई प्राइवेट संस्थानों को कॉलेज खोलने की अनुमति दी गई है।
(iv) रांची और दुमका में मिनी टूल रूम की स्थापना की गई है।
(v) प्राइवेट संस्थान को सरकार भूमि का 50% लागत ही देगी ऐसे संस्थानों में 25% सीट झारखंड के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहेगा।
➧ ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार राज्य विद्युत नियामक आयोग बनाई है इसके अनुसार-
(i) राज्य में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत 552 किलोवाट प्रति घंटा है जिसे बढ़कर 800 किलोवाट प्रति घंटा करना है 2019 तक सभी गांव को विद्युतीकरण करना है।
(ii) कुल ऊर्जा उत्पादन का 10% नवीकरणीय स्रोतों से विकसित करना है
➧ राज्य सरकार ने झारखंड के खनिज संपदा की प्राप्ति तथा उद्योगों के आधार पर 8 क्षेत्रों में बांटा है:-
(1) पलामू, गढ़वा क्षेत्र :- लौह अयस्क, निक्षेप, डोलोमाइट, कोयला, चाइना कले ग्रेनाइट ग्रेफाइट
(2) लोहरदगा-लातेहार क्षेत्र :- अल्युमिनियम उद्योग, ऊर्जा इकाई
(3) राँची :- IT, Food Processing, मध्यम एवं वृहत उद्योग
(4) कोडरमा-हजारीबाग क्षेत्र :- अभ्रक, ग्लास, ऊर्जा, सीमेंट, टेलीकॉम, इस्पात
(5) धनबाद-बोकारो क्षेत्र :- कोयला, इस्पात, ऊर्जा
(6) सिंहभूम (जमशेदपुर) सहित कोल्हान क्षेत्र :- सोना, IT, वन उत्पाद, सिल्क, Food Processing, टेक्सटाइल
(7) घाटशिला क्षेत्र :- तांबा और वन
(8) देवघर-जसीडीह एवं संथाल परगना क्षेत्र :- तेल मिल, ग्लास, स्टील, मेडिसिन, कोल ऊर्जा, सिल्क, कपड़ा
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Thursday, July 1, 2021
Jharkhand Me Pratham (झारखंड में प्रथम)
Jharkhand Me Pratham
➦ झारखंड का प्रथम साहित्य उल्लेख - ऐतरेय ब्राह्मण में पुण्ड्र नाम से
➦ झारखंड शब्द का प्रथम प्रमाण - तेरहवीं सदी के ताम्रपत्र पत्र में
➦ झारखंड में अंग्रेजों का प्रथम प्रवेश - सिंहभूम (1761 ईस्वी)
➦ प्रथम जनजातीय विद्रोह - ढाल विद्रोह (1767-1777 ईस्वी)
➦ अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम विद्रोह - ढाल विद्रोह (1767-1777 ईस्वी)
➦ प्रथम सुसंगठित जनजातीय विद्रोह - कोल विद्रोह (1831-32 ईसवी)
➦1857 ईस्वी के विद्रोह का सर्वप्रथम प्रारंभ - रोहिणी गांव में घुड़सवार सैनिकों द्वारा (12 जून,1857 ई.)
➦ राज्य निर्माण हेतु प्रथम प्रयास - जयपाल सिंह द्वारा (1939 ई.)
➦ प्रथम राज्यपाल - प्रभात कुमार
➦ प्रथम कार्यवाहक राज्यपाल - विनोद चंद्र पांडे
➦ झारखंड उच्च न्यायालय के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश - विनोद कुमार गुप्ता
➦ प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश - ज्ञान सुधा मिश्र
➦ प्रथम मुख्यमंत्री - बाबूलाल मरांडी (भाजपा)
➦ प्रथम निर्दलीय मुख्यमंत्री - मधु कोड़ा
➦ प्रथम विधानसभा अध्यक्ष - इंदर सिंह नामधारी
➦ प्रथम विधानसभा उपाध्यक्ष - बागुन सुम्ब्रई
➦ प्रथम प्रोटेम स्पीकर - विशेश्वर खान
➦ प्रथम मनोनीत विधानसभा सदस्य - जोसेफ पेचेल गालस्टीन (एंग्लो-इंडियन)
➦ प्रथम विपक्ष के नेता - स्टीफन मरांडी
➦ झारखंड सरकार में प्रथम महिला मंत्री - जोबा मांझी
➦ प्रथम महाधिवक्ता - मंगलमय बनर्जी
➦ प्रथम मुख्य सचिव - विजय शंकर दुबे
➦ प्रथम पुलिस महानिदेशक - शिवाजी महान कैरे
➦ प्रथम लोकायुक्त - न्यायमूर्ति लक्ष्मण उरांव
➦ जेपीएससी के प्रथम अध्यक्ष - फटीक चंद्र हेंब्रम
➦ राज्य महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष - लक्ष्मी सिंह
➦ पद्म श्री सम्मान पाने वाला प्रथम आदिवासी - जुएल लफड़ा
➦ प्रथम परमवीर चक्र प्राप्तकर्ता - अल्बर्ट एक्का
➦ प्रथम अशोक चक्र प्राप्तकर्ता - रणधीर वर्मा
➦ प्रथम अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी हॉकी महिला खिलाड़ी - सावित्री पूर्ति
➦ प्रथम महिला हॉकी खिलाड़ी जिसने ओलंपिक खेला - निक्की प्रधान
➦ प्रथम अंतर्राष्ट्रीय महिला एथलीट - विजय नीलमणि खालखो
➦ प्रथम अंतर्राष्ट्रीय महिला अंपायर - असुंता लकड़ा
➦ एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला - प्रेमलता अग्रवाल
➦ प्रथम शतरंज खिलाड़ी जो विश्व विजेता बना - दीप सेनगुप्ता
➦ छऊ नृत्य का विदेश में प्रथम प्रदर्शन - सुधेन्द्रु नारायण सिंह द्वारा (1938 ई.)