झारखंड पर्यटन नीति 2015
(Jharkhand Paryatan Niti-2015)
➤पर्यटकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और आने वाले समय में यह बढ़कर 1.5 मिलियन तक पहुंच जाएगी।
➤विश्व भर के कार्यबल में पर्यटन उद्योग का योगदान 11 % और जी0 पी0 डी0 पी0- 10 पॉइंट 2 प्रतिशत योगदान है।
➤झारखंड के पर्यटन नीति का मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है।
➤झारखंड की पर्यटन नीति का मुख्य उद्देश्य रोजगार के अवसरों का निर्माण करना, उच्च आर्थिक वृद्धि और पर्यटकों की संख्या को बढ़ाना है।
➤उपलब्ध संसाधनों का उचित तरीके से प्रयोग में लाना ताकि अधिक से अधिक संख्या में घरेलू और विदेशी पर्यटकों को लंबे समय तक राज्य में भ्रमण करने के लिए आकर्षित करना।
➤प्रत्येक पर्यटन क्षेत्र को एक विशेष भ्रमण केंद्र के रूप में विकसित करना।
➤निजी क्षेत्रों को पर्यटन के विकास के लिए उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना और राज्य में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराना।
➤मास्टर प्लान को तैयार करना और उसे लागू करना और पर्यटन क्षेत्र का एकीकृत विकास करना।
➤घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को गुणवत्तायुक्त सेवा उपलब्ध कराना।
➤पर्यटन संबंधी उत्पादों को प्रोत्साहित करना, सांस्कृतिक स्मारकों को क्षय होने से बचाना।
➤पर्यटन क्षेत्र में आम लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करना और सहयोगात्मक पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि लोगों को आर्थिक लाभ की प्राप्ति हो सके।
➤झारखंड को पर्यटन एडवेंचर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे :- वायु, भूमि, जल आधारित एडवेंचर के प्रमुख स्थान दिलाना।
➤उचित सुविधाओं और सूचनाओं का विकास कर धार्मिक पर्यटन का विकास करना।
➤झारखंड को समृद्ध हस्तकरघा उद्योग, सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और रिवाजों को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम बढ़ाना।
➤झारखंड के टूरिज्म नीति से ना केवल रोजगार के अवसरों का निर्माण होगा , बल्कि राज्य की आय में वृद्धि होगी।
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