Jharkhand Me Sanchar Vyavastha
(झारखंड में संचार व्यवस्था)
➤झारखंड में संचार के मुख्य साधन:- डाक तार, रेडियो, दूरभाष, दूरदर्शन तथा समाचार पत्र-पत्रिकाएं हैं।
➤राज्य में आकाशवाणी के पास केंद्र है :- रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, मेदिनीनगर व चाईबासा।
➤इसके मुख्य केंद्र - रांची और जमशेदपुर में है।
➤झारखंड में अभी ऑल इंडिया रेलवे स्टेशन के 13 केंद्र हैं। इसके मुख्य केंद्र - रांची एवं जमशेदपुर में ।अन्य आकाशवाणी के स्थानीय रेडियो स्टेशन (एल आर सी) है :- हजारीबाग, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, मेदनीनगर ,चाईबासा, चतरा ,देवघर,गढ़वा, घाटशिला, गुमला।
➤राज्य में दूरदर्शन का प्रथम केंद्र 1974 (छठी पंचवर्षीय योजना) रांची में स्थापित किया गया।
➤वर्तमान में मेदनीनगर (डालटेनगंज) तथा जमशेदपुर में भी दूरदर्शन केंद्र कार्यरत हैं।
➤राज्य में केवल 26 पॉइंट 8% (जनगणना 2011) घरों में टीवी है। यह अखिल भारतीय औसत (47. 2%) से बहुत कम है।
➤झारखंड में टीवी कवरेज पूरे भारत के औसत कवरेज का आधा है।
➤राज्य में इंटरनेट का प्रचलन भी बहुत कम है। यहां प्रति एक लाख आबादी पर इंटरनेट कनेक्शनो की संख्या 151 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 1919 से काफी कम है।
➤राज्य में आधुनिक पत्रकारिता का आरंभ जी0 एल0 चर्च, रांची के द्वारा 1 दिसंबर 1872 से 'घर-बंधु' नामक पत्रिका प्रकाशित होने के साथ हुआ।
➤झारखंड का पहला दैनिक 'राष्ट्रीय भाषा' 1950 से प्रकाशित होना शुरू हुआ।
➤15 अगस्त 1963 से सप्ताहिक रांची एक्सप्रेस का प्रकाशन आरंभ हुआ।
➤वर्तमान झारखंड में कई पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित हो रहे हैं।
➤झारखंड में कुल डाकघरों की संख्या 3094 है, जो प्रति एक लाख लोगों पर डाकघरों की संख्या 1 पॉइंट 06 है, जबकि भारत में यह संख्या 1.50 है।
➤आधारभूत संरचना के क्षेत्र में संचार सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।
➤राज्य प्रशासन ने संचार व्यवस्था के महत्व को देखते हुए इसे सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
➤झारनेट:-
➤झारनेट :- सरकार द्वारा 'झारखंड स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क' (Jharkhand State Wide Area Network) की स्थापना 2005-06 में की गई।
➤वर्तमान में झारनेट से सभी जिला मुख्यालयों, 45 अनुमंडल एवं 264 प्रखंडों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई है।
➤ई-ऑफिस:-
➤ई-ऑफिस:- झारखंड सरकार ऑफिस को पेपरलेस करने के उद्देश्य से ई-ऑफिस web-application झारखंड के सरकारी विभागों में कार्यों के अनुरूप कस्टमाइज तथा विकसित किया गया है।
➤इस परियोजना हेतु सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग नोडल विभाग है तथा जैप -आई टी क्रियान्वयन अभिकर्त्ता (Implementing Agency) है।
➤जैप -आई टी का गठन 29 मार्च 2004 को किया गया है
➤ई-मुलाकात :-
➤ई-मुलाकात :- यातायात के लागत, ईंधन, व्यय शुल्क इत्यादि में व्यय को कम करने के लिए ई-मुलाकात की प्रणाली विकसित की गई है।
➤इसमें वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई की जाती है।
➤ई-प्रोक्योरमेंट :-
➤ई-प्रोक्योरमेंट:- राज्य में विभिन्न प्रकार की निविदाओं की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए पांच लाख और इससे ऊपर की निविदाओं के लिए वर्तमान में 39 विभागों द्वारा प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था अपनाई गई है।
➤झारखण्ड स्टेट डाटा सेंटर:-
➤इसका निर्माण त्रिस्तरीय संरचनात्मक और क्लाउड आधारित है।
➤राज्य में स्टेट डाटा सेंटर 1 अगस्त 2016 से कार्यरत है मेसर्स ऑरेंज को सौंपा गया है।
➤इसके संचालन की देख-रेख एन.आई.सी. द्वारा गठित दल द्वारा की जाती है, जबकि ऑडिट का कार्य डेलोंइट द्वारा किया जाता है।
➤सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया(STPI):-
➤सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया:- झारखंड राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को उत्कृष्ट स्तर की आधारभूत संरचना प्रदान करने के लिए इस पार्क की स्थापना की जा रही है।
➤इसके उद्देश्यों को पूरा करने हेतु जमशेदपुर एवं सिंदरी में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
➤इस कार्य के लिए 'जफ्रा' को परामर्शी (Consultant) के रूप में नियुक्त किया गया है।
➤एम्.एस.डी.जी.
➤एम्.एस.डी.जी.:- राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से इस परियोजना की शुरुआत की गई है।
➤इसमें आम नागरिकों की सुविधा के लिए दस्तावेजों को अपलोड किया गया है तथा आठ प्रकार के ई-फॉर्म्स को शामिल किया गया है।
➤कॉमन सर्विस सेंटर
➤कॉमन सर्विस सेंटर :- राज्य में 4460 ग्रामीण क्षेत्र एवं 233 शहरी क्षेत्र में कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना की गई है।
➤राज्य की 4562 ग्राम पंचायतों में एक-एक प्रज्ञा केंद्र स्थापित एवं संचालित किए जा रहे हैं।
➤पेमेंट गेटवे
➤पेमेंट गेटवे :- झारखंड सरकार द्वारा नागरिकों को सुगम, संवेदनशील, पारदर्शी और कठिनाई रहित सेवा उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था वर्ष 2013 से की गई है।
➤इसका मुख्य उद्देश्य है कि नागरिक अपना कर, शुल्क अथवा सेवाओं के लिए उपेक्षित भुगतान भी घर बैठे या निकटतम प्रज्ञा केंद्रों इत्यादि के माध्यम से कर पाएं।
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