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Friday, March 12, 2021

Jharkhand Ke Dharmik Evam Adhunik Sthal (झारखंड के धार्मिक एवं आधुनिक स्थल)

Jharkhand Ke Dharmik Evam Adhunik Sthal


रांची  

यह झारखंड की राजधानी है। हुंडरू तथा दशम जलप्रपात, बिरसा जैविक उद्यान, रॉक गार्डन, टैगोर हिल, पहाड़ी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, देवड़ी मंदिर और रातू  का राजमहल आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल है

नेतरहाट (लातेहार)

 'छोटानागपुर की रानी' के नाम से विख्यात है यह एक हिल स्टेशन है' जो समुद्र तल से 3,622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 

यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है

यहां एक आवासीय विद्यालय

जमशेदपुर 

यह एक झारखंड का प्रमुख औद्योगिक नगर है, जो स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के संगम पर स्थित है। 

इसकी स्थापना 1907 ईस्वी में की गई थी। 

यहां टाटा स्टील नामक इस्पात कारखाना स्थापित है

जुबली पार्क, दलमा अभयारण्य, पवना और डिमना झील यहां के मुख्य पर्यटन स्थल है। 

गोमिया बोकारो

यह भारत का सबसे बड़ा विस्फोटक करखाना है

जादूगोड़ा (पूर्वी सिंहभूम) 

➤यह स्थान यूरेनियम खनिज के लिए प्रसिद्ध है

सिंदरी (धनबाद)

यहां खाद कारखाना उर्वरक के लिए प्रसिद्ध है

बेतला (लातेहार)

➤यह झारखण्ड का एकमात्र राष्टीय उद्यान है
  

पारसनाथ (गिरिडीह) 

➤यह झारखंड का सबसे ऊंचा पहाड़ है
 
इसकी ऊंचाई 1365 मीटर है
 
यह जैनियों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जिसे सम्मेद शिखर भी कहा जाता है
 
जैन मतानुसार जैन तीर्थकर पार्श्वनाथ को यही निर्वाण प्राप्त हुआ था
 

मधुबन (गिरिडीह)

यहां 2000 वर्षों  से भी अधिक पुराना जैन मंदिर है
 
यह श्वेताम्बर संप्रदाय के जैनियों का तीर्थ स्थल है
 

सारंडा (पश्चिमी सिंहभूम)

सारंडा का जंगल झारखंड का सबसे घना जंगल है
 
यहां साल वृक्षों की प्रधानता है, इस क्षेत्र को सात सौ (700) पहाड़ियों की भूमि भी कहा जाता है
 

मैथन (धनबाद)

 
यहां भूमिगत पावर हाउस है
 

मलूटी (दुमका)

दुमका से 55 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल की सीमा पर मलूटी गांव स्थित है, जिससे मंदिरों का गांव कहा जाता है
 
यह गांव  द्वारका नदी के तट पर स्थित है
 
➤इस गांव में 108 मंदिर है, जिनमें पाषाण निर्मित प्राचीन मूर्तियां स्थापित है
 

इटखोरी (चतरा) 

यहां भद्रकाली का मंदिर स्थित है
 
यहां से सहस्त्रीलिंग शिवलिंग भी है, जिसमें 1008 छोटे-छोटे शिवलिंग के चित्र बने हुए हैं
 

देवघर  

यह अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है
 
झारखंड का सबसे बड़ा श्रावण मास में यहीं मेला लगता है
 
बैद्यनाथ धाम का शिवमंदिर यहीं पर स्थित है
 

बोकारो

इसका पुराना नाम माराफारी था
 
यहां रूस के सहयोग से तृतीय पंचवर्षीय योजना काल में इस्पात का कारखाना स्थापित किया गया, जिसमें उत्पादन 1972 ईस्वी से शुरू हुआ
 

सूर्यकुंड (हजारीबाग) 

देश का सबसे अधिक गर्म जलकुंड है
 

इस्को (हजारीबाग) 

इस्को जंगल को गुफा में 100"x 28" की हैरतअंगेज पेंटिंग मिली है 
 
इसकी  चित्रकारी और लिपि को बुलु इमाम ने दुनिया की पहली लिपि माना है
 

पालकोट (गुमला) 

यहां शीतलपुर तथा मलमलपुर की प्रसिद्ध गुफाएं
 
गर्मी के दिनों में भी ये गुफाएँ ठंडी रहती है
 

बेनीसागर (पश्चिमी सिंहभूम)

पश्चिमी सिंहभूम के अंतिम छोर पर उड़ीसा की सीमा रेखा पर अवस्थित यह हिंदुओं के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है
 
यहां प्राचीन काल की 32 छोटी-बड़ी मूर्तियां, 7 शिवलिंग, दो बड़े पत्थरों पर प्राचीन पाली एवं प्राकृतिक लिपि के शिलालेख मौजूद
 

कोराम्बे (गुमला) 

कोराम्बे  छोटानागपुर की हल्दीघाटी है 

जहां नागवंशी और रक्सेल राजाओं के बीच घमासान युद्ध हुआ था। 

डुंबारी पहाड़ी

खूंटी से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहाड़ी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण केंद्र था

बड़का गांव (हज़ारीबाग)

यहां पहाड़ की तलहटी में 1 छतनुमा 30 फीट का चट्टान है, जिसे बरसो पानी के नाम से भी जाना जाता है

इसके अंदर प्रवेश कर पर किसी भी प्रकार की ध्वनि करने से पानी की बुँदे टपकती है

इसकी प्रकृति बनावट काफी आकर्षक और मनोरम है। 

कंचनगढ़ (पाकुड़)

➤यह लिट्टीपाड़ा से 12 किलोमीटर दूर स्थित है इसकी आकृति गुफानुमा है इस पहाड़ी पर डंडा पटकने पर विचित्र गूंज सुनाई पड़ती है।

उधवा (साहेबगंज)

ऐतिहासिक महत्व का यह गांव गंगा के किनारे स्थित है।

रोबर्ट क्लाइव एवं सिराजुदौला  के बीच हुए प्लासी युद्ध के बाद दूसरा निर्णायक युद्ध यहीं उधवा/उधवानाला  के पास लड़ा गया था।

दामिन-ए-कोह ( संथाल परगना)

संथाल परगना में राजमहल पहाड़ी प्रदेश के एक खास अंचल को दामिन-ए -कोह कहा गया है। 

संथाल विद्रोह का केंद्र बिंदु यानी दामिन-ए -कोह क्षेत्र था।

राजमहल (साहिबगंज)

ऐतिहासिक महत्व का यह शहर मुगल काल में सरकारी मुख्यालय था।

 मझगांव (गुमला)

यहां के पहाड़ी क्षेत्र में टांगीनाथ तीर्थ स्थली बसा हुआ है

यहां एक शिव मंदिर है, जो लगभग 12 फीट ऊंचा है 

मंदिर के भीतर एक विशाल शिवलिंग है, जो टांगीनाथ नाम से प्रसिद्ध है 

बरही (हजारीबाग)

यहां औद्योगिक विकास केंद्र की स्थापना की गई है

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Tuesday, March 2, 2021

Jharkhand Ki Vivah Padditi Aur Prakar (झारखंड की विवाह पद्धति और प्रकार)

झारखंड की विवाह पद्धति और प्रकार

(Jharkhand Ki Vivah Padditi Aur Prakar)



➤झारखंड की जनजातियां प्रया: अपने-अपने जातीय सीमाओं के अंदर ही विवाह करती हैं

समान गोत्र में विवाह करना वर्जित है, एवं यौन संबंधों पर सख्त पाबंदी है। 

जनजातीय परिवार प्राय: एक विवाही होता है, लेकिन विशेष स्थिति में दूसरी, तीसरी पत्नी रखने की मान्यता है

यहां की जनजातियों में विधवा विवाह मान्य है तथा तलाक का प्रचलन सभी में है

तलाक देने का अधिकार पति और पत्नी दोनों को होता है


तलाक के बाद औरत और मर्द दोनों अपनी इच्छा अनुसार शादी करने को स्वतंत्र होते हैं ऐसे विवाह को सगाई कहा जाता है  

झारखंड की जनजातियों में क्रय-विवाह, हठ -विवाह, सेवा-विवाह, विनिमय-विवाह, हरण-विवाह, पलायन-विवाह, राजी-खुशी, प्रेम विवाह, ढुकु विवाह जैसे कई तरीके प्रचलित है

जनजातीय विवाह प्रथाओं में दुडकी दिपिल बापला जैसे प्रथा भी प्रचलित है इसमें वर पक्ष कन्या को अपने घर बुलाकर शादी करता है

जनजातियों में प्रचलित प्रमुख विवाह 

विवाह                   जनजाति 
क्रय विवाह             संथाल, मुण्डा,हो ,उरांव,खड़िया ,बिरहोर 

सेवा विवाह            उरांव,मुण्डा,संथाल,बिरहोर 

विनिमय विवाह      प्रया: झारखण्ड के सभी जनजातियों में 

हठ विवाह              हो, बिरहोर 

विधवा विवाह         मुंडा, उरांव, संथाल  

हरण विवाह           उरांव,मुण्डा, हो, खड़िया, बिरहोर, सौरिया पहाड़िया  

(1) क्रय-विवाह  

क्रय विवाह: -  इसमें वधु को पाने के लिए वधू के माता-पिता या रिश्तेदारों को कुछ धन देना पड़ता है 

यह विवाह मुख्यतः मुंडा ,संथाल, हो,उरांव और खड़िया आदि जनजातियों में प्रचलित है 

➤संथालों  में क्रय विवाह को सादाई बापला कहा जाता है 

मुंडा जनजाति में क्रय विवाह में दिए जाने वाले कन्या-शुल्क  को कुरी गोनोंग कहा जाता है 

हो जनजाति क्रय विवाह को ही आंदि कहा जाता है 

खगड़िया जनजाति में इस विवाह को असली विवाह कहते है

बिरहोर जनजाति में इसे सदर बापला कहते है 

(2) सेवा-विवाह 

सेवा विवाह इसमें कन्या शुल्क न दे पाने की स्थिति में वर अपने होने वाले सास-ससुर की सेवा करता है, और बदले में उनकी बेटी से शादी का अधिकार पाता है

यह मुख्य रूप से उरांव ,संथाल और मुंडा जनजातियों में प्रचलित है

इस सेवा को संताली घरदी जावांय बापला कहते हैं 


(3) विनिमय-विवाह 

यह विवाह गुल्टा (गोलट) विवाह है  इस विवाह में एक भाई अपनी बहन की विवाह दूसरे परिवार के जिस लड़के से करता है, उसकी बहन से उसे खुद ही विवाह करना होता है इसे अदला-बदली विवाह भी कहते है 

➤यह झारखंड की प्रया: सभी जनजातियों में प्रचलित है

बिरहोर जनजाति में इस विवाह को गोलहट बापला कहते है 

➤संथाली जनजाति  के लोग इस विवाह को गोलाइटी बापला कहते है 

(4) हठ-विवाह 

➤इस विवाह में लड़की अपने प्रेमी के घर जबरन आकर रहने लगती है  

इस विवाह का प्रचलन हो और बिरहोर जनजातियों में अधिक है 

हो जनजाति में इस विवाह को अनादर विवाह कहा जाता है

बिरहोर जनजाति में इसे बोलो बापला कहा जाता है 

(5) हरण-विवाह 

इस विवाह में लड़की का अपहरण कर शादी की जाती है 

यह विवाह उरांव, मुंडा, हो ,खड़िया और बिरहोर जनजातियों में ज्यादा प्रचलित है 

➤सौरिया पहाड़िया में ज्यादातर हरण-विवाह होते हैं

(6) सह-पलायन विवाह

इस विवाह में युवक-युवती माता-पिता की अनुमति के बिना भागकर विवाह कर लेते हैं 

मुंडा, खड़िया, बिरहोर जनजातियों में इसका प्रचलन ज्यादा है 

(7) विधवा-विवाह 

मुंडा , उरांव ,संथाल जनजातियों में इस विवाह का प्रचलन ज्यादा है
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Sunday, February 21, 2021

Jharkhand Rajya Nirman Andolan Se Sambandhit Vyakti (झारखंड राज्य का निर्माण आंदोलन से संबंद्ध व्यक्ति)

झारखंड राज्य का निर्माण आंदोलन से संबंद्ध व्यक्ति

Jharkhand Rajya Nirman Andolan Se Sambandhit Vyakti

जयपाल सिंह 

➤पृथक (अलग) झारखंड राज्य के अग्रणी नेता जयपाल सिंह का जन्म खुँटी  के एक छोटे से गांव टकरा में मुंडा परिवार में 3 फरवरी, 1903 को हुआ था 

➤इनका मूल नाम वेनंद पाल था ईसाई धर्म ग्रहण करने के बाद इनका नाम ईश्वरदास हो गया, जबकि खूंटी के पुरोहित द्वारा इनका नामकरण जयपालसिंह किया गया

➤इनके नेतृत्व में 1928 के एम्सटडर्म (नीदरलैंड) में हुए नौवें ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम में पहला स्वर्ण पदक जीता था

1931 में कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष डब्ल्यू सी. बनर्जी की पुत्री तारा मजूमदार के साथ प्रथम विवाह किया 

1952 में गठित प्रथम लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए, और 1970 तक लगातार संसद के सदस्य रहे 

➤1954 में इन्होंने ब्रिटिश सेना के कर्नल की याद जहां से द्वितीय विवाह किया

1939 में आदिवासी महासभा का अध्यक्ष बनकर तथा 1950 में झारखंड पार्टी का गठन कर पृथक झारखंड राज्य आंदोलन का नेतृत्व किया 

20 जून, 1963 में कांग्रेस पार्टी में झारखंड पार्टी के विलय के पश्चात इन्हें राज्य मंत्री परिषद में सामुदायिक विभाग का कार्यभार लगभग 2 महीने तक संभाला 

इनके उत्साह, त्याग और प्रतिभा को देखकर जनता ने इन्हें मरांग गोमके (बड़े गुरुजी) की उपाधि प्रदान की थी

➤मुण्डा राजा के नाम से भी लोग इन्हें पुकारते थे

23 मार्च, 1970 को नई दिल्ली में (प्रमस्त्ष्किीय रक्तस्राव) ब्रेन हेमरेज से इनकी मृत्यु हो गयी 

जुएल लकड़ा 

इनका जन्म रांची जिले के मुरमू गांव में उरांव जनजाति में हुआ था 

धार्मिक रूप से ये ईसाई धर्म (लूथरा) को मानने वाले थे 

1920 ई0 में यंग छोटानागपुर टीम के नाम से हॉकी और फुटबॉल टीम का गठन किया 


1957 में विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए 

इन्होंने गोसनर स्कूल में अध्यापन का कार्य भी किया 

ठेबले उरांव
 
यहल  छोटा नागपुर उन्नति समाज की स्थापना में जुएल लकड़ा के सहयोगी थे 

बाद में वैचारिक मतभेद की वजह से इन्होंने छोटानागपुर उन्नति समाज के समानांतर किसान सभा नामक संगठन की स्थापना 1930 ईस्वी में की

पॉल दयाल 

➤रांची के दुमसा टोली में एक उरांव परिवार में इनका जन्म हुआ था

धार्मिक रूप से ये ईसाई धर्म को मानने वाले थे 

पेशे से वकील पॉल दयाल छोटानागपुर उन्नति समाज के प्रमुख नेता थे 

ये किसान सभा और आदिवासी महासभा के प्रथम सचिव बने बाद में झारखंड पार्टी के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे 
 

बंदिराम उरांव 

➤ये झारखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण नेता थे  

➤ये आदिवासी महासभा के प्रथम उपाध्यक्ष थे 

इनका जन्म उरांव परिवार में हुआ था

इग्नेश बेस 


यह झारखंड पार्टी के प्रमुख नेता थे

इग्नेस बैक  छोटा नागपुर के कैथोलिक सचिव थे 

इनका जन्म चैनपुर के एक उरांव परिवार में हुआ था

सुशील कुमार बागे  

➤ये झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े महत्वपूर्ण नेता थे 

वे झारखंड पार्टी के प्रेस सचिव पद को सुशोभित किया था 

1952 के चुनाव में ये झारखंड पार्टी के टिकट पर कोलेबिरा से पहली बार विधायक बने

1957 और 1962 में भी ये विधानसभा के सदस्य चुने गये 

➤इन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभायी 

मुंडारी पत्रिका जगर सड़ा का संपादन भी किया 

➤इनका जन्म 1922 में सिमडेगा जिले के कोलेविरा के भींजपुर गॉव में हुआ था 

1984 में पटना में इनकी मृत्यु हो गयी

कार्तिक उरांव  

कार्तिक उरांव का जन्म 1924 में गुमला जिले के करौंदा गांव के लिटाटोली  में हुआ था 

इन्होंने लंदन से इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा ग्रहण की थी

➤ये ब्रिटेन ब्रिटिश परमाणु विद्युत संयंत्र हिक्सले प्वाइंट के प्रमुख डिजाइनरों में से एक थे 

1961 में भारत वापसी के बाद उन्हें  एचईसी रांची में सुपरिटेंडेंट पद पर नियुक्त किया गया 

1967  में  ये लोहरदगा से लोकसभा के लिए चुने गये 

1968 में उन्होंने अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की स्थापना की 

झारखंड राज्य आंदोलन के लिए भी उन्हें याद किया जाता है

बिनोद बिहारी महतो 

झारखंड आंदोलन के प्रकाश स्तंभ विनोद बिहारी महतो को झारखंड आंदोलन को आदिवासी आंदोलन से झारखंडयों के आंदोलन में बदलने का श्रेय जाता है

इन्होने सामाजिक कुप्रथाओं  को दूर करने हेतु हेतु शिवाजी समाज संगठन की स्थापना की थी

1973 ईस्वी में इन्होंने शिबू सोरेन के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की तथा इसके संस्थापक अध्यक्ष बने

इन्होंने टुंडी विधानसभा और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया 

प्यार से लोग इन्हें बाबू पुकारते थे

शिबू सोरेन 

झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता, वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष, राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के वरिष्ठ राजनेता हैं

इन्हें गुरुजी और दिशोम गुरु के नाम से भी जाना जाता है 

इनका जन्म 1942 में वर्तमान रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था

इनका मूल नाम शिवचरण लाल मांझी था 

➤ये झारखंड राज्य निर्माण के अग्रणी नेताओं में से एक हैं  

इन्होंने 1970 ईस्वी में सोनोत संथाल समाज की स्थापना की 

➤ये 1973 में स्थापित झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे  

ये झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रथम महासचिव बने थे  

1978 में जंगल काटो अभियान का नेतृत्व भी इन्होंने किया 

शिबू सोरेन पहली बार 2 मार्च, 2005 से 12 मार्च, 2005 तक झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर रहे  

➤वे दूसरी बार 27 अगस्त, 2008 से 18 जनवरी, 2009 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे 

तीसरी बार 30 दिसंबर, 2009 से 30 मई 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे  

निर्मल महतो

झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष निर्मल महतो ने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी  

1984 ईस्वी में झारखंड मुक्ति मोर्चा का अध्यक्ष पद संभालने के पश्चात इन्होंने झारखंड आंदोलन को काफी तीव्र कर दिया था  

8 अगस्त 1987 ईस्वी को इनकी हत्या कर दी गयी  

एन0 ई0 होरो 

झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता होरो को जयपाल सिंह द्वारा स्थापित झारखंड पार्टी के कांग्रेस में विलय के पश्चात झारखंड आंदोलन को आगे बढ़ाने का श्रेय जाता है

इन्होंने अनेक बार विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया 

ए0 के0 राय

धनबाद के पूर्व सांसद और मार्क्सवादी समन्वय समिति के नेता ए.के. राय एक संघर्षशील श्रमिक नेता के रूप में जाने जाते हैं 

इन्होंने झारखंड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई थी


शैलेंद्र महतो 

जमशेदपुर के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता रहे हैं

इन्होंने दो बार जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है 

सीताराम जगतराम

सर्वप्रथम बिहार विधान मंडल में अलग प्रांत की मांग इन्होंने ही  10 फरवरी, 1961 को की थी 

बागुन सुमराई 

➤ये झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख नेता रहे हैं

इन्होंने 1967 ईस्वी में ऑल इंडिया झारखंड पार्टी की स्थापना की

➤ये झारखंड राज्य बनने के बाद झारखंड विधानसभा के प्रथम उपाध्यक्ष बने
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Thursday, February 18, 2021

Jharkhand Ke Pramukh vyaktiyo Ke Upnaam (झारखंड के प्रमुख व्यक्तियों के उपनाम)

झारखंड के प्रमुख व्यक्तियों के उपनाम

(Jharkhand Ke Pramukh vyaktiyo Ke Upnaam)


मूल नाम                            उपनाम 

बिलकिंसन                                             किसुन साहब 

बिरसा मुण्डा                                          भगवान बिरसा/धरती आबा/ विश्व पिता का अवतार 

जयपाल सिंह                                          मरांग गोमके/ मुण्डा राजा 

 शिबू सोरेन                                            गुरु जी/ दिशम गुरु

हवलधारी राम गुप्त                                हलधर  

मुकुंद नायक                                          प्रिंस ऑफ छोटानागपुर स्टेज

फ़ादर लिवेंस                                          लिबिन साहब                                         

सरोजा अय्यर                                         बड़ी दीदी

महेंद्र सिंह धोनी                                     माही/ एम0 एस0 डी0 

जे0  एन0  टाटा                                     भारतीय औद्योगिक क्रांति के अग्रदूत/ पितामह 


दुका हो                                                 हरि बाबा 

राम विनोद सिंह                                   हजारीबाग का जतिन बाघा 

 राम नारायण सिंह                               छोटानागपुर केसरी

बसंत कुमार तिर्की                                चाचा 

चंद्रशेखर दुबे                                       राधा  कृष्ण

कुसुम जोशी                                        सिस्टर निर्मला 

 बिनोद बिहारी महतो                           बाबू 

जे0 आर0 डी0 टाटा                             भारत में नागरिक उड्डयन का जन्मदाता 

डॉक्टर एंड्रू  कैंपबेल                            एपोस्टल  ऑफ संथालस  

तिलकामांझी                                       आदि विद्रोही 

फनी मुकुट राय                                  नागवंश का आदि पुरुष 

भागीरथ मांझी                                    बाबाजी 


आदिल शाह द्वितीय                           झारखंडी सुल्तान  

कुमार दीपेंद्र नाथ शाहदेव                 नेचुरल लीडर   

राम विनोद सिंह                                हजारीबाग का जतिन बाघा    

जे0 बार्थोलमन                                   झारखंड आंदोलन का जन्मदाता
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Wednesday, February 17, 2021

Jharkhand Ke Pramukh Sthalo Ke Upnaam (झारखंड के प्रमुख स्थलों के उपनाम)

झारखंड के प्रमुख स्थलों के उपनाम

Jharkhand Ke Pramukh Sthalo Ke Upnaam


स्थान                            उपनाम 

छोटा नागपुर की हल्दीघाटी                          कोराम्बे (गुमला)

सात पहाड़ियों से घिरा शहर                          हजारीबाग             

शहीदों का नगर                                            रांची

बंगाल का प्रवेश द्वार                                     तेलियागढ़  किला (साहेबगंज)

छोटा नागपुर की रानी                                  नेतरहाट 

700 पहाड़ियों का क्षेत्र                                   सारंडा (पश्चिमी सिंहभूम)

पहाड़ियों की मलिका                                    नेतरहाट 

बंगाल का शोक                                             दामोदर

भारत की अभ्रक राजधानी                           कोडरमा

भारत का स्विट्जरलैंड                                 छोटानागपुर 

झारखंड का शिमला                                     रांची 

भारत का रूर/झारखंड का खजाना            छोटा नागपुर का पठार 

पांडे पुजारियों की नगरी                               बासुकीनाथ 

खदानों का शहर                                          धनबाद 

कोयला नगरी                                               धनबाद 

भारत का पिट्सबर्ग                                      जमशेदपुर 

इस्पात नगरी                                                जमशेदपुर

कारखानों का शहर                                      जमशेदपुर

झारखंड का शेफील्ड                                   भेडरा (बोकारो) 

सूर्योदय एवं सूर्यास्त का सौंदर्यस्थल             नेतरहाट 

कारखानों का कारखाना                             एच0 ई0 सी0 
               
छोटानागपुर का प्रवेश द्वार                           चतरा 

गांव में बसा शहर/
दुनिया का एकमात्र एंग्लो-इंडियन ग्राम        मैक्सलेक्सीगंज 

मंदिरों का शहर                                            देवघर 

झारखंड स्थली महादेव                                 बैद्यनाथ धाम 

प्रकृति का दिल                                             नेतरहाट 

खेल नगरी                                                    जमशेदपुर 

मंदिरों का गांव                                             मुलटी 


पत्थर पर लिखी कविता                               (सूर्य मंदिर रांची) 

बंगाल की राजधानी                                     राजमहल 

बंगाल का शोक                                           दामोदर नदी 

शहीदों का नगर                                           रांची 

हजार बागों का शहर                                   हजारीबाग

झरनों  का शहर                                           रांची 

झारखण्ड की कोयला राजधानी                  धनबाद 

झारखंड का शिमला                                    रांची 

झारखण्ड  सांस्कृतिक राजधानी                 देवघर   

बुढ़ाघाघ                                                       लोधा जल प्रपात 






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