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Sunday, April 18, 2021

Jharkhand Automobile Ewam Auto Components Niti-2015 (झारखंड ऑटोमोबाइल एवं ऑटो कंपोनेंट नीति-2015)

Jharkhand Automobile Ewam Auto Components Niti-2015



➤भारत विश्व में दोपहिया वाहनों का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माण करने वाला देश है तथा झारखंड राज्य ऑटोमोबाइल एवं ऑटो कंपोनेंट के विनिर्माण की दृष्टि से देश का अग्रणी राज्य है।  

देश के अन्य शहरों के साथ-साथ झारखंड राज्य में जमशेदपुर- आदित्यपुर शहर ऑटो क्लस्टर के रूप में विकसित हुआ है। 

राज्य में ऑटो विनिर्माण की वृहद् संभावनाओं की दृष्टि से वर्ष 2015 में झारखंड ऑटोमोबाइल एवं ऑटो- कंपोनेंट नीति का निर्माण किया गया है।  

इस नीति के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं

झारखंड राज्य को पूर्वी भारत में ऑटोमोबाइल एवं ऑटो कंपोनेंट के विनिर्माण के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना। 

इस क्षेत्र में वर्ष 2020 तक अतिरिक्त 50,000 रोजगार अवसरों का सृजन करना।  

राज्य में मेगा ऑटो परियोजनाओं को आकर्षित करना, नये ऑटो क्लस्टर की व्यवस्था स्थापना करना तथा वर्तमान ऑटो क्लस्टर को मजबूत करना। 

राज्य में टीयर-1 , टीयर-2, एवं  टीयर-3 ऑटो कंपोनेंट की स्थापना हेतु विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करना। 

वर्तमान में स्थापित और अवसंरचनाओं की खामियों की पहचान करना जो ऑटोमोबाइल एवं ऑटो- कंपोनेंट उद्योगों को प्रभावित करते हैं तथा इन कमियों को दूर करना 

राज्य में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर आधारित कुशलता विकास को प्रोत्साहित करना


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Saturday, April 17, 2021

Jharkhand Kifayati Awash Niti-2016 (झारखंड किफायती आवासीय नीति - 2016)

Jharkhand Kifayati Awash Niti-2016


झारखंड किफायती आवासीय नीति - 2016


केंद्र सरकार की नीति (हाउसिंग फॉर ऑल) "Housing For All" के तहत इसकी शुरुआत 2016 में की गई 

इसका संचालन नगर विकास विभाग, झारखंड सरकार करता है

इस नीति के तहत शहर वासियों को ₹1200/-  प्रति Feet2  की दर से आवास मुहैया कराया जाएगा

इस योजना के तहत तीन लाख प्रति वार्षिक आय वाले अति  कमजोर वर्ग (Economic Weaker Section-EWS) को 300 Feet2 का तथा 3,00,000 से ₹6,00,000 रूपये वाले निम्न आय वर्ग (Low Income Group- LIG)  को 600  Feet2 आवास मुहैया कराया जाएगा 

प्राइवेट डेवलपर्स तथा PPP मोड पर विकसित की जाने वाली कॉलोनियों में भी EWS तथा LIG के लिए आवास आरक्षित होंगे

 प्राइवेट डेवलपर्स 4000 वर्ग मीटर की कॉलोनी में न्यूनतम 10% तथा 3000 वर्ग मीटर की कॉलोनी में न्यूनतम 15% आवास  अति कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित रखेंगे

 ➤PPP (पीपीपी) मोड पर विकसित होने वाले कॉलोनियों को सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी, परंतु उन्हें कुल भूमि के 65% हिस्से पर ही कॉलोनी का निर्माण करना होगा तथा निर्मित कॉलोनी में 50% हिस्सा EWS  वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा, शेष 35% जमीन पर बिल्डर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बना सकते हैं 

इस नीति के तहत 100 सदस्यों वाली को-ऑपरेटिव सोसाइटी अपने सदस्यों के लिए आवासीय कॉलोनी बना सकती है। 

सरकार इसके लिए अनुदानित मूल्य पर जमीन एवं दूसरी सुविधाएं प्रदान करेंगी।  

आवास खरीदने के लिए  EWS तथा LIG वर्ग को 6.5% ब्याज की दर पर 15 वर्ष  के अवधि के लिए ₹6,00,000 रूपये तक क़र्ज़ देने का प्रावधान भी है

निजी भागीदारी से होने वाले स्लम क्षेत्र के पुनर्वास में केंद्र ₹1,00,000  रूपये तक प्रति केंद्र की मदद देगा

व्यक्तिगत आवास के निर्माण के मामले में अनुदान मद में प्रति लाभुक केंद्र की ओर से डेढ़ लाख रुपये  तथा राज्य मद  से ₹75000 रूपये अनुदान दी जाएगी। 

लाभुकों के बीच आवासों का वितरण लाटरी के माध्यम से किया जाएगा

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Friday, April 16, 2021

Jharkhand Electronic Ewam Vinirman Niti-2016 (झारखंड इलेक्ट्रॉनिक एवं विनिर्माण नीति-2016)

Jharkhand Electronic Ewam Vinirman Niti -2016




➤झारखंड सरकार ने इस नीति की घोषणा 2016 में की
 

वर्तमान समय में यह क्षेत्र विश्व का सबसे तेजी से उभरता हुआ उद्योग है

वर्ष 2020 तक भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात 80 बिलियन करने का लक्ष्य रखा है इसी को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने इस नीति की घोषणा की है 

नीति का उद्देश्य 

(I) राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मांग तथा आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए इस उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाना 

(II) अगले 10 वर्षों में न्यूनतम 50 ESDM इकाइयों का निर्माण करना 

(III) इस उद्योग की विनिर्माण हेतु कच्चे माल एवं उपकरण की आपूर्ति के लिए श्रृंखला का निर्माण करना

(IV) भारत सरकार के लक्ष्य 2020 तक 80 बिलियन निर्यात में झारखंड की भागीदारी कम से कम 2 मिलियन सुनिश्चित करना 

(V) बौद्धिक संपदा अधिकार एवं पैटर्न अधिकार के व्यापार एवं सुरक्षा को प्रोत्साहित करना 

(VI) इस उद्योग के लिए आवश्यक मानव संसाधन को प्रशिक्षित करना 

(VII) ग्रामीण क्षेत्र की आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त सामग्री का निर्माण करना

इस नीति को सफलतापूर्वक क्रियान्वित  करने हेतु सरकार ने निम्न  घोषणाएं की है :- 

1) राज्य सरकार रांची, जमशेदपुर और धनबाद में न्यूनतम 200 एकड़ भूमि पर तीन नए ESD नवाचार हब  बनाएगा 

2) जो कंपनियां स्थानीय कच्चा माल का प्रयोग करेगी ,उन्हें कई प्रकार के वित्तीय अनुदान दिए जाएंगे। निवेशकों को सरकार जरूरत के अनुसार भूमि उपलब्ध कराएगी 

3) सरकार सड़क, बिजली, पानी जैसी आधारभूत सुविधाएं विकसित करेंगी

सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान निम्नलिखित होंगे :- 

1) प्रत्येक इकाई की स्थापना पर कुल पूंजी लागत का अधिकतम 20% अनुदान दिया जाएगा

2) सभी ESDM इकाइयों को आयकर छूट 5 वर्ष तक दी गई है

3) ESDM इकाइयों को स्टाम्प कर, स्थांतरण कर एवं पंजीकरण कर में छूट दी जाएगी

4) आई.टी. इकाई  उद्योग विभाग के अंतर्गत पंजीकृत हो तो कच्चे माल की ढुलाई पर नहीं लिया जाएगा

5) रांची, जमशेदपुर तथा धनबाद के ESDM इकाई अगर विदेशों से कच्चा माल मंगाती है, तो वाणिज्य कर पर 50% सब्सिडी दी जाएगी

6) आई.टी. सेक्टर में निवेश प्रक्रिया तेज करने के लिए भी सिंगल विंडो सिस्टम डिवेलप किया गया है

सोलर पावर प्लांट को डिम्ड (Dind) इंडस्ट्री का दर्जा दिया गया है तथा इन इकाइयों को आरंभिक 10 वर्ष तक विद्युत कर से मुक्त रखा गया है

यदि आवासीय  उपभोक्ता और रूफटॉप सोलर तकनीक का प्रयोग करता है तो उन्हें वाणिज्यक कर से छूट प्रदान की जाएगी

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Thursday, April 15, 2021

Jharkhand Ki Pramukh Yojnaye Part-6 (झारखण्ड की प्रमुख योजनाएं)

Jharkhand Ki Pramukh Yojnaye Part-6

(झारखण्ड की प्रमुख योजनाएं)


मुखबिर योजना

➤इस योजना का उद्देश्य बाल विवाह के कुप्रथा को समाप्त करना है 

बाल गरीब समृद्धि योजना

इस योजना का उद्देश्य भूख बीमारी और उत्पीड़न से बच्चों को मुक्ति प्रदान करना है

इस योजना के तहत बाल सुधार गृह में बच्चों को कुशलता प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है

मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना (2019)

इस योजना का आरंभ 2019 में किया गया 

इसका प्रमुख उद्देश्य विद्यालय में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देना है

बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है 

इस योजना के तहत पुरस्कार हेतु विभिन्न श्रेणियों का निर्धारण किया गया है

कक्षा 1 से 5       ₹50,000                                               ₹1,00,000 

कक्षा  से 8      ₹75,000                                                ₹1,50,000 
कक्षा 6 से 8 

कक्षा 1 से 10 
कक्षा 1 से 12 
कक्षा 6 से 12 एवं 
कक्षा 9 से 12         ₹1,00,000                                             ₹2,00,000 

इस योजना के तहत विशेष विद्यालय, आवासीय विद्यालय एवं निजी विद्यालयों को भी ₹2,00,000 की पुरस्कार  राशि प्रदान की जाएगी

पशुओं के लिए यूआईडी नंबर योजना (2017)


मवेशियों के पहचान करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत 2017 में की गई 

इस योजना के तहत राज्य की गायों को 12 नंबर को यूनिक कोड दिया जाएगा, यह कोड गाय के कान के पीछे लगाया जाएगा, इस कोड के जरिए गाय की ऊंचाई, रंग, पूंछ, रंग उम्र, सींग की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी

श्रमिक पेंशन योजना (2017) 

इस योजना का आरंभ 2017 में किया गया

इस योजना के तहत राज्य के श्रमिकों को प्रतिमाह ₹500 की राशि प्रदान की जाती थी , जिसे 1 मई 2017 (अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस) से बढ़कर ₹750 कर दिया गया है

इस योजना के तहत परिवार पेंशन की राशि को भी 300 से बढ़कर ₹500 प्रतिमाह कर दिया गया है 


हर घर जल योजना 2017 

इसका आरंभ 15 जुलाई 2017 को किया गया 

इस योजना की कुल लागत 1050 करोड़ रूपये है 

इस योजना को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है  

ऊर्जा मित्र योजना (2017)

इसका आरंभ 1 मार्च 2017 को किया गया

इस योजना का उद्देश्य बिजली उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सुविधा प्रदान करना है

इस योजना के तहत आधुनिक तकनीकों से युक्त ऊर्जा मित्र बिजली उपभोक्ताओं के घर जाकर उन्हें ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान करने की सुविधा प्रदान करेंगे

इस योजना के तहत बिजली बिल के भुगतान की जानकारी उपभोक्ताओं को एस. एम. एस. या ईमेल के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी 


मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना (2016) 

इस योजना का आरंभ 30 अगस्त, 2016 को किया गया है 

इस योजना के तहत 1000 निर्धन बुजुर्गों को सरकार तीर्थ दर्शन यात्रा पर ले जाएगी

योजना के लाभार्थी बी0 पी0 एल0 परिवार के 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र वाले बुजुर्ग होंगे 

योजना के संचालन हेतु झारखंड सरकार ने भारतीय रेलवे उपक्रम आई0  आर0  सी0  टी0  सी0 (IRCTC) (इंडियन रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कारपोरेशन) के साथ समझौता किया है


योजना बनाओ अभियान (2016) 

इसका आरंभ 2016 में किया गया है

इस योजना का उद्देश्य राज्य के संतुलित विकास में जन भागीदारी सुनिश्चित करना है

इस योजना के तहत राज्य के सभी मंत्रियों एवं आला अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में ग्राम सभाओं से विमर्श कर आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है 

सरस्वती योजना (2014)

इसका आरंभ 2014 में किया गया है 

इस योजना का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को उनकी बच्चियों के विकास हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है

इस योजना के तहत श्रमिक परिवार की बालिका के नाम से ₹5000 के साथ बैंक खाता खोला जाता है

योजना के तहत सरकार द्वारा अगले 5 वर्ष तक प्रत्येक खाते में ₹5000 की राशि जमा कराई जाती है
योजना के तहत जमा राशि का प्रयोग बालिका की शिक्षा या उसके  विवाह हेतु किया जाता है

वर्ष  2020-21

झारखंड सरकार की नई योजना एवं उप योजना

जयपाल सिंह पारदेशीय  छात्रवृत्ति योजना

झारखंड सरकार द्वारा 29 दिसंबर 2020 को यह योजना आरंभ किया गया 

इस योजना के तहत प्रतिभाशाली गरीब आदिवासी बच्चे सरकारी खर्च पर विदेशों में पढ़ने हेतु भेजे जाएंगे


फूलों-जानों आशीर्वाद योजना 

इसके तहत राज्य में हड़िया- दारू बेचने वाली 19,000 महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किए जाएंगे


आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (आशा) 

इस योजना के तहत महिला समूहों  को प्रशिक्षित कर 18 लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है 

पलाश ब्रांड 

सखी मंडल की ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादकों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए इसकी शुरुआत की गई है

सोना सोंब्रम योजना 

इसके तहत राज्य के 5000 विद्यालयों को सी.बी.एस.आई. पाठ्यक्रम से जोड़ा जाएगा, ताकि शहरी और ग्रामीण शिक्षा के भेद को समाप्त किया जा सके


बिरसा हरित ग्राम योजना

इस योजना के अंतर्गत छोटे एवं सीमांत किसानों के  टाड़/बाड़ी जमीन को और उपयोगी बनाने के साथ ही आजीविका संवर्धन हेतु 30,000 ग्रामीण परिवारों की लगभग 27,000 एकड़ भूमि पर बागवानी का कार्य किया जा रहा है

नीलाम्बर-पीताम्बर  जल समृद्धि योजना 

इसके तहत राज्य में जल छाजन सिद्धांत को अपनाने हेतु ऊपरी टाड़ भूमि का Saturation  Mode में उपचार किया जा रहा है

वर्तमान वर्ष में कुल 11,898 योजनाओं को पूर्ण किया गया है तथा कुल 83,385 योजनाओं पर कार्य जारी है

पोटो हो खेल विकास योजना

इसके तहत इस वित्तीय वर्ष में लगभग 1224 योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है इसकी शुरुआत कोरोना काल में राहत देने के लिए की गई है 

आलपिन योजना

झारखंड सरकार जमीन के हर प्लॉट को यूनिक आईडी नंबर प्रदान करने हेतु इस योजना की शुरुआत की गई है आलपिन को जमीन मालिक के आधार नंबर से लिंक किया जाएगा 

आत्मनिर्भर भारत अभियान 

भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश के 116 जिलों में से झारखंड के तीन आकांक्षी जिले-हजारीबाग, गिरिडीह, गोड्डा  का भी चयन किया गया है 
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Wednesday, April 14, 2021

Jharkhand Kray Niti-2014 (झारखंड क्रय नीति 2014)

Jharkhand Kray Niti-2014

(झारखंड क्रय नीति, 2014)


➤प्रथम झारखंड क्रय नीति 2007-2012 तक लागू थी
। 

यह स्थानीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों  (MSES) को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई थी। 

झारखंड औद्योगिक नीति-2012 के पारा-18 में एक नई क्रय नीति का प्रावधान स्थानीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (MSEs) को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया गया था।  

इसी आलोक में एक नई नीति की घोषणा 2014 में की गई।  

झारखंड क्रय नीति, 2014 का प्रमुख उद्देश्य

1- सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करना तथा इसके लिए राज्य सरकारों द्वारा लघु उत्पादों  का क्रय करना।  

2- राज्य के सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को प्रतिस्पर्धा बनाना  

झारखंड के नीति के अंतर्गत मुख्य प्रावधान

1- राज्य सरकार की विभाग संस्थाएं या अनुदान प्रदान एजेंसियां राज्य के MSE उत्पाद को खरीदेंगे

2- राजकीय विभाग एवं एजेंसी या ऐसी कंपनी जिसमें 50% सरकार की भागीदारी है अपने कुल क्रय का 20% राज्य के MSE Sector से 2 वर्ष तक खरीदारी करेगी।

3- सूक्ष्म एवं लघु उत्पादन इकाइयों में निर्धारित वार्षिक क्रय लक्ष्य में भी उपलब्ध 20% एस0 टी0 / एस0 सी0  के स्वामित्व वाली इकाइयों के लिए निर्धारित किया गया है

4- क्रय के लिए वस्तु एवं सेवाओ की एक सूची भी निर्धारित है, जिसमें कृषि औजार, स्टील फर्नीचर, सोलर लाइट, हैंड पंप उपकरण, स्टेशनरी, पेंट -मोमबत्ती, जैसी 30 सूचियाँ शामिल है 

5 -झारखंड के क्रय नीति का लाभ केवल उन कंपनियों को मिलेगा जो झारखंड के सीमा क्षेत्र में स्थित हो या जिनका कार्यालय झारखंड में हो इत्यादि

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Tuesday, April 13, 2021

Jatiya Panchayat Shasan Vyavastha (जातीय पंचायत शासन व्यवस्था)

Jatiya Panchayat ShasanVyavastha

(जातीय पंचायत शासन व्यवस्था)




➤झारखंड में विभिन्न प्रकार की गैर-जनजातियां निवास करती है, जिनमें तेली, साहू, कुर्मी, महतो, मलिक, अंसारी इत्यादि प्रमुख हैं
। 

इन सभी जातियों का जातिगत पंचायत होता है और पंचायत का निर्णय सभी को मानना आवश्यक होता है।  शादी-ब्याह मरनी-जननी या किसी विवाद का निपटारा जातिगत पंचायत में किया जाता है

जातिगत पंचायत में एक अध्यक्ष होता है, जो सचिव और कार्यकारिणी के सदस्यों के सहायता से अपने कामों को पूरा करता है जातिगत निर्णय को नहीं मानने वाले को दंड स्वरूप जाति से निष्कासन कर दिया जाता है, जिसे 'सामाजिक बहिष्कार' कहते हैं

झारखंड के प्रमुख जातिगत पंचायतों में कुर्मी महापंचायत, महतो पंचायत, तेली-साहू पंचायत, मलिक पंचायत, मोमिन कॉन्फ्रेंस आदि प्रसिद्ध है

जातीय पंचायत शासन व्यवस्था झारखंड की एक अद्भुत शासन व्यवस्था का प्रतीक है इस प्रकार की शासन व्यवस्था मुख्यत: उसी क्षेत्र में देखने को मिलती है, जहां जनजातीय और गैर जनजातीय लोग एक साथ एक ही गांव में या अगल-बगल के गांव में निवास करते हैं

यह एक प्रशासकीय व्यवस्था कम और सामाजिक व्यवस्था ज्यादा नजर आती है

जब जनजातियों एवं गैर जनजातियों के बीच कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो विवाद को सुलझाने के लिए जनजातियां समाज के मुंडा, मानकी, मांझी, परगनेत आदि में से कोई स्थिति अनुसार गैर जनजातीय समुदाय के जातीय पंचायत के प्रमुख या सदनों के सामाजिक प्रमुख के साथ मिलकर समस्या का निदान करते हैं

जिस पक्ष की गलती पकड़ में आती है, उसे उसी के समाज के रीति-रिवाज, परंपरा, रूढ़िवादिता के अनुसार आदेश निर्गत किया जाता है। आदेश नहीं मानने पर समाज से बहिष्कृत भी किया जा सकता है

जातीय पंचायत शासन व्यवस्था में दो जनजातीय समाज जैसे मुंडा एवं उरांव समाज या संथाल और हो समाज या किसी भी प्रकार के अंतर जनजातीय विवाद का निपटारा किया जाता है

➤यहाँ  विशेष बात ध्यान में रखी जाती है कि किसी भी प्रकार से एक ही क्षेत्र विशेष में रहने वाले अलग-अलग जनजातीय समाज या गैर जनजातीय लोगों के बीच सामाजिक ताना-बुना नहीं बिगड़े, क्योंकि जनजातीय समाज और गैर जनजातीय समाज दोनों एक-दूसरे पर आश्रित है

सदान  लोग मुंडा समाज को अपने बड़े भाई के समान आदर देते हैं 

अंतरजातीय पंचायत को बाला पंचायत 84 (चौरासी)  पंचायत कहते हैं

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Monday, April 12, 2021

Jharkhand Me Sthaniyata Niti 2016 (झारखंड में स्थानीयता नीति 2016)

Jharkhand Me Sthaniyata Niti 2016

(झारखंड में स्थानीयता नीति 2016)



झारखंड सरकार द्वारा 7 अप्रैल, 2016 को राज्य गठन के 15 वर्षों  बाद स्थानीयता नीति की घोषणा की गई है

इस नीति के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में अगले 10 वर्षों तक राज्य के तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों की सरकारी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दी गई है 

इस नीति के तहत वैसे भारतीय नागरिकों को झारखंड का स्थानीय निवासी माना जाएगा, जो निम्नलिखित में से किसी एक शर्त को पूरा करता हो :-  

1- झारखंड राज्य की भौगोलिक सीमा में निवास करता हो एवं स्वयं अथवा पूर्वजों के नाम सर्वे खतियान में दर्ज हो। भूमिहीन के मामले में उसकी पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा की जाएगी, जो झारखंड में प्रचलित भाषा, संस्कृति एवं परंपरा पर आधारित होगी

2- किसी व्यापार, नियोजन एवं अन्य कारणों से झारखंड की भौगोलिक सीमा में विगत 30 वर्षों से अधिक अवधि से निवास करता हो एवं अचल संपत्ति अर्जित की हो या ऐसे व्यक्ति की पत्नी/पति/संतान हो एवं झारखंड में निवास करने की प्रतिबद्धता रखने का प्रतिज्ञान करता हो

3- झारखंड राज्य सरकार/ राज्य सरकार द्वारा संचालित/मान्यता प्राप्त संस्थानों, निगम आदि में नियुक्त एवं कार्यरत पदाधिकारी/कर्मचारी या उनकी पत्नी/संतान हो एवं झारखंड राज्य में निवास करने की प्रतिबद्धता रखने का प्रतिज्ञान करता हो

4 -भारत सरकार का पदाधिकारी/कर्मचारी जो झारखंड राज्य में कार्यरत हो या उनकी पत्नी/पति/संतान हो एवं झारखंड राज्य में निवास करने की प्रतिबद्धता का प्रतिज्ञान करता हो

5- झारखंड राज्य में किसी संवैधानिक या विधिक पदों पर नियुक्त व्यक्ति उनकी पत्नी/पति/संतान हों  एवं झारखंड राज्य में निवास करने की प्रतिबद्धता का प्रतिज्ञान करता हो

6- ऐसे व्यक्ति, जिनका जन्म झारखंड में हुआ हो तथा जिसने अपने मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर तक की पूरी शिक्षा झारखंड स्थित मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त की हो एवं झारखंड राज्य में निवास करने की प्रतिबद्धता का प्रतिज्ञान करता हो

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