भौतिक भूगोल(Physical Geography)
➤भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल मूल विषय की दो महत्वपूर्ण शाखाएं रही हैं ।
➤भौतिक भूगोल, भौतिक पर्यावरण और उन विविध गतिविधियों से संबंधित है जो कि पृथ्वी के भौतिक भौतिक पर्यावरण में परिवर्तन लाते हैं।
➤इसकी विविध उपशाखाएं हैं जो कि भौतिक पर्यावरण के विशिष्ट घटकों के अध्ययन से संबंधित है।
➤भू-आकृति विज्ञान :- भू-आकृति विज्ञान को भौतिक भूगोल की उस शाखा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि भूतल की बनावट के अध्ययन से संबंधित है।
➤साधारण शब्दों में इसे स्थलाकृतियों के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
➤चूकि यह विषय स्थलाकृतियों के निर्माण से भी संबंधित है, इसलिए यह इनक निर्माण करने वाले पदार्थों के अध्ययन से भी संबंधित है।अत: भूपर्पटी में पाए जाने वाले पदार्थों तथा भूपर्पटी को प्रभावित करने वाले अंतजार्त तथा पर बर्हिजात बलों के अध्ययन को भी इसमें सम्मिलित किया जाता है।
➤भौतिक भूगोल की शाखा भू-विज्ञान से काफी निकट रूप से संबंधित है।
➤जलवायु विज्ञान :-भौतिक भूगोल की यह शाखा वायुमंडल के संघटन,उसकी संरचना,ऊर्जा तथा वायुमंडल में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करती है।
➤भौतिक भूगोल की यह शाखा मौसम विज्ञान के निकट रूप से संबंधित है।
➤जलवायु विज्ञान मानव जीवन पर जलवायु के प्रभावों तथा संसार के विभिन्न भागों में पाए जाने वाले जलवायु का भी अध्ययन करता है।
➤समुद्र विज्ञान :-समुद्र विज्ञान समुद्रों का अध्ययन करने वाला विषय है।
➤समुद्र विज्ञान न केवल समुद्र तल के स्वरूप के स्वरूप से संबंधित है, बल्कि समुद्री जल के लक्षणों जैसे तापमान, लवणता,घनत्व और समुद्र में होने वाली गतिविधियों का अध्ययन करता है।
➤जैव भूगोल :- जैव भूगोल जीवों एवं वनस्पतियों के उनके पर्यावरण से संबंधों का अध्ययन करता है।
➤इस प्रकार इसमें पौधों तथा जंतुओं का अध्ययन शामिल है।
➤जैव भूगोल से संबंधित क्षेत्र जैवमंडल कहलाता है।
➤जैवमंडल वह क्षेत्र है जिसमें जीवन संभव है।
➤इस क्षेत्र का विस्तार पृथ्वी के आंतरिक भाग से वायुमंडल तक है।
➤जैवमंडल में जलमंडल, स्थलमंडल और वायुमंडल को सम्मिलित किया जाता है।
➤जैवमंडल को विभिन्न शाखाओं में बांटा जा सकता है जैसे :- कि पौधों और उनके पर्यावरण का अध्ययन पादप भूगोल के नाम से तथा जंतुओं और उनके पर्यावरण के अध्ययन को जंतु भूगोल के नाम से जाना जाता है।
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