मानव भूगोल (Human Geography)
➤मानव भूगोल, पृथ्वी पर मानवीय क्रियाओं के अध्ययन से संबंधित है।
➤इसके अंतर्गत मानव समूहों तथा उनकी संस्कृति विशेषताओं के अध्ययन को भी सम्मिलित किया जाता है।
➤मानव बसाव, मानवीय कार्यकलापों के विकास की प्रक्रिया और मानव के विश्व की विभिन्न भागों को अपने अनुकूल बनाने की प्रक्रिया भी मानव भूगोल के अध्ययन के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण विषय है।
➤भूगोल की इस प्रमुख शाखा की कई शाखाएं हैं जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण उप शाखाएं निम्नलिखित है:-
➤जनसंख्या भूगोल :- जनसंख्या भूगोल का विषय क्षेत्र मानव भूगोल के काफी समान है परंतु इसकी परिभाषा अपेक्षाकृत अधिक सीमित है।
➤भूगोल की यह शाखा जनसंख्या समूहों, उनकी सामाजिक एवं भाषा संबंधी संरचना के अतिरिक्त जनसंख्या वृद्धि और गतिशीलता के सिद्धांतों एवं नियमों का अध्ययन से संबंधित है।
➤सांस्कृतिक भूगोल :- मानव भूगोल की यह शाखा समय के साथ परिवर्तनशील विविध सांस्कृतिक क्रियाओं तथा प्रक्रमों का किसी क्षेत्र के मानवीय पर्यावरण के संदर्भ में अध्ययन करती है।
➤सांस्कृतिक भूगोलवेत्ताओं के अनुसार विभिन्न संस्कृतियां मानव तथा उसके पर्यावरण की पारस्परिक अन्त:क्रिया का परिणाम होती है।
➤अधिवास भूगोल:- मानव अधिवासों का विकास, उनका अपने पर्यावरण में सहसंबंध और उनके विभिन्न प्रकारों का अध्ययन, भूगोल की इस शाखा का कार्यक्षेत्र है।
➤इसके अतिरिक्त अधिवास भूगोल के अंतर्गत अधिवासों के विवरण के अध्ययन को भी सम्मिलित किया जाता है।
➤अधिवासों में के आंतरिक संगठन के साथ-साथ यह विषय अधिवासों में व्यक्तियों तथा यातायात के प्रवाह का भी अध्ययन करता है।
➤अधिवास भूगोल को सामान्यतया नगरीय तथा ग्रामीण भूगोल में विभाजित किया जाता है।
➤राजनैतिक भूगोल :- यह मानव भूगोल की एक और प्रमुख शाखा है तथा विभिन्न क्षेत्रों के राजनैतिक संगठन समय के साथ इसमें होने वाले परिवर्तनों तथा राजनीति में भूगोलिक तथ्यों की भूमिका के अध्ययन से संबंधित है।
➤भू -राजनीति इस विषय का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भूगोलिक तत्वों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों के राजनैतिक महत्व का निर्धारण व मूल्यांकन करता है।
➤इस शाखा को चुनावी भूगोल कहा जाता है।
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