Jharkhand Ki Parivahan Vyavastha
➤परिवहन के साधन राज्य की आर्थिक प्रगति तथा विकास के प्रतीक होते हैं।
➤परिवहन के साधनों का महत्व न केवल उत्पादन के समुचित प्रादेशिक वितरण एवं क्षेत्रीय उत्पादनों के लिए बाजार की सुविधा के संदर्भ में है, परंतु यह उत्तम प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी अनिवार्य है।
➤परिवहन के साधन
1) सड़क परिवहन
2) रेल परिवहन
3) वायु परिवहन
1) सड़क परिवहन
➤सड़क परिवहन :- यह झारखंड में परिवहन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है।
➤झारखंड में कुल सड़क मार्ग की लंबाई 26,277 किलोमीटर है।
➤झारखंड राज्य में सड़क का घनत्व (सड़क किलोमीटर /1000 वर्ग किलोमीटर) 122 पॉइंट 33 है, जो राष्ट्रीय घनत्व 182 पॉइंट 40 से कम है।
➤झारखंड की सड़कों को निम्नलिखित चार भागों में विभाजित किया जा सकता है :-
I) राष्ट्रीय राजमार्ग:-
➤राष्ट्रीय राजमार्ग :- ऐसे प्रमुख मार्ग जो 1 से अधिक राज्यों को मिलाते हुए गुजरते हैं, राष्ट्रीय राजमार्ग कहलाते हैं।
➤राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 2678 पॉइंट 83 किलोमीटर है।
➤राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल संख्या 23 है।
➤राज्य से गुजरने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग हैं :- राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 2, 6, 23, 31, 32, 33, 43, 75, 78, 80, 98, 99,100, 103B, 114A, 133A, 143A, 220, 333, 333A, 343 और 419 ।
➤राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 32 और 33 राज्य के सर्वाधिक महत्वपूर्ण राजमार्ग हैं
➤ये बिहार और अन्य राज्यों के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ते हैं।
➤राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 33 झारखंड का सबसे लंबा (333 पॉइंट 5 किलोमीटर) राष्ट्रीय राजमार्ग है।
➤भारत के प्रमुख एक्सप्रेस मार्गो में से एक ग्राण्ड ट्रंक रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -2 ) झारखंड से होकर गुजरता है।
II) राजकीय राजमार्ग:-
➤राजकीय राजमार्ग :- इस श्रेणी में वैसे प्रमुख सड़कें आती हैं ,जो राज्य की राजधानी को जिला मुख्यालय से जोड़ते हैं।
➤झारखंड में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1777 पॉइंट 2 किलोमीटर है।
➤राजकीय राजमार्ग की देख-रेख, मरम्मत और निर्माण की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है।
➤यह सरकार के पी0 डब्ल्यू0 डी0 विभाग के जिम्मे है।
III) लोक निर्माण विभाग की सड़कें :-
➤लोक निर्माण विभाग की सड़कें:- झारखंड में 5880 पॉइंट 89 किलोमीटर सड़कें लोक निर्माण विभाग की है। यह विभाग इसका निर्माण और रख-रखाव करता है।
IV) ग्रामीण सड़कें
➤ग्रामीण सड़क :- ये प्रायः कच्ची सड़कें होती हैं, जिनका निर्माण स्थानीय पंचायत के सहयोग से किया जाता है
➤इनकी व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य के ग्रामीण अभियंत्रण संगठन की है।
➤झारखंड के मात्र 50% गांव पक्की सड़कों से जुड़े हैं।
2) रेल परिवहन:-
➤रेल परिवहन:- ईस्ट इंडिया रेल कंपनी द्वारा कोलकाता से राजमहल तक बनाए गए प्रथम रेल मार्ग के साथ ही झारखंड में सन 1860 -62 से रेल परिवहन का विकास शुरू हुआ था।
➤राज्य में प्रारंभिक रेल मार्गों का विकास उन्हीं क्षेत्रों में किया गया था, जहां कोयला, लोहा, आदि खनिजों को ढ़ोने की आवश्यकता थी।
➤राज्य में रेल मार्ग की कुल लंबाई 1,943 किलोमीटर है।
➤राज्य में कुल 252 रेलवे स्टेशन हैं,जिनमे 97 बड़े स्टेशन हैं।
➤धनबाद रेलवे स्टेशन राज्य का सबसे बड़ा स्टेशन है,जहां से सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है।
➤राज्य के कई जिले अभी भी रेल सुविधा से वंचित है।
➤राज्य में छ: नए रेलवे परियोजना का काम प्रगति पर है। जिसकी कुल लंबाई 565 किलोमीटर है।
3) वायु परिवहन:-
➤वायु परिवहन झारखंड में सबसे पहले हवाई अड्डे का निर्माण 1941 ईस्वी में हुआ था।
➤रांची स्थित हवाई अड्डे का नाम बिरसा मुंडा हवाई अड्डा है।
➤रांची से नियमित वायु सेवा मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता,अहमदाबाद, भुवनेश्वर, हैदराबाद, जयपुर और पटना के लिए उपलब्ध है।
➤राज्य में एयर इंडिया, इंडिगो, गो एयर, जेट एयरवेज, विस्तारा तथा एयर एशिया की एयर लाइनस सुविधाएं बिरसा मुंडा हवाई अड्डा से उपलब्ध है।
➤राज्य में रांची के अतिरिक्त जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो ,हजारीबाग, मोदीनगर, नोवामुंडी , चाकुलिया, गिरिडीह, देवघर, मैथन , दुमका आदि जगहों में हवाई पट्टियां बनाई गई हैं।
➤अन्तर्राज्यीय नियमित उड़ान हेतु जमशेदपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर धालभूमगढ़ में हवाई पट्टी का निर्माण कराए जाने का कार्य प्रगति पर है।
➤राज्य में अभी भी प्रतिदिन विमान से यात्रा करने वाले यात्रियों की औसत संख्या बहुत कम है।