झारखंड में प्रदूषण नियंत्रण के सरकारी प्रयास
➧ पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण निवारण शोध संस्थान
(i) खनन पर्यावरण केंद्र - धनबाद
(ii) वन उत्पादकता केंद्र - राँची
(iii) भारतीय लाह अनुसंधान केंद्र - राँची
(iv) झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्थापित (2001) - राँची
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
➧ झारखंड राज्य में प्रदूषण नियंत्रण हेतु 2001 ईस्वी में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना की गई है। संसाधनों के सतत उद्योग उपयोग के लिए झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड द्वारा (JSPCB) द्वारा 2012-17 के लिए दृष्टि पत्र प्रस्तुत किया गया है।
➧ यह बोर्ड संसाधनों के सतत उपयोग पर बल देता है। साथ ही जल के उपयोग को कम करने, वर्षा, जल, कृषि, लकड़ी एवं कोयला का औद्योगिक' क्षेत्र में कम उपयोग करने एवं स्वच्छ ऊर्जा उपयोग पर अधिक बल देता है।
➧ झारखंड ऊर्जा नीति 2012 :- ग्रीन हाउस गैस को कम करने के लिए यह नीति बनाई गई। इसमें गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के विकास पर विशेष बल दिया गया है। इस नीति में 10 वर्षों में कुल ऊर्जा उत्पादन का 50% ,गैर परंपरागत स्रोत से उत्पादन करना है। JREDA (Jharkhand Renewable Energy Development Authority) का गठन 2001 में किया गया किया गया है।
➧ झारखंड राज्य एक्शन प्लान (JSPCB) - 2014
➧ राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण से निपटने और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों के समाधान हेतु बनाया गया।
➧ झारखंड में सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना।
➧ जनसंख्या परिवर्तन से प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्रों की मानचित्र तैयार करना।
➧ कोयला एवं खनन आधारित उद्योगों से उत्पन प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय करना।
➧ झारखंड राज्य जल नीति-2011
➧ जल संसाधन के उचित प्रबंधन के लिए यह नीति बनायी गयी।
➧ जल संसाधन, विशेषकर नदी जल संरक्षण के लिए भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा 20 फरवरी, 2009 को राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का गठन किया गया है।
➧ इस प्राधिकरण के अंतर्गत गंगा नदी से संबंधित राज्यों को नदी संरक्षण संबंधी कार्यों को करने के लिए निर्देश दिया गया है। इस प्राधिकरण के आलोक में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-3 के तहत झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन 30 सितंबर 2009 को भविष्य को किया गया था।
➧ प्राधिकरण का पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है और इनका मुख्यालय रांची में स्थित है।
0 comments:
Post a Comment